ETV Bharat / state

स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों की सुन लो सरकार! मांग रहे हैं उत्तराधिकारी का सम्मान

आजाद भारत में 90% से अधिक स्वतंत्रता सेनानी अब स्वर्ग सिधार चुके हैं, ऐसे में स्वतंत्रता सेनानियों के कई ऐसे परिजन हैं जो आज भी बदहाल हैं लेकिन सरकार की तरफ से उनके लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.

author img

By

Published : Aug 12, 2019, 7:14 PM IST

ननन

पटनाः आजाद भारत की एक तस्वीर यह भी है, जहां आजादी के आंदोलन में अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार आज सड़क पर हैं, आंदोलन पर उतारू हैं, सरकार से लगातार अपनी मांगों को लेकर फरियाद पर फरियाद कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

Family of freedom fighter
स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन

बदहाल हैं स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन
पटना में कई जिलों से आए स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों कहा कि भारत में स्वतंत्र सेनानियों के उत्तराधिकारी को राष्ट्रीय उत्तराधिकारी घोषित किया जाए. उन्हें उनके हाथों में रोजगार दिया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं, रोजी रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है. किसी तरह से जीवन यापन करने को मजबूर हैं.

स्वतंत्र सेनानियों के परिजनों की मांग

  • परिजनों को राष्ट्रीय उतराधिकारी घोषित किया जाए
  • सरकार नगर निकाय समेत विभिन्न जगहों पर परिजनों को नौकरी दे
  • सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण दे
  • सरकार उनके प्रति संवेदनशील रवैय्या अपनाए
  • गृह जिलों में चौक चौराहे और स्कूल कॉलेज के नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हों
    मांग को लेकर एक जुट हुए स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन

परिजनों के प्रति संवेदनशील हो सरकार
गौरतलब है कि आजाद भारत में 90% से अधिक स्वतंत्रता सेनानी अब स्वर्ग सिधार चुके हैं, ऐसे में उनके परिजनों का सरकार से कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया. इस देश को आजाद कराने के दौरान अपने बीवी बाल बच्चों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. ऐसे में आजाद भारत में अब सरकार की जिम्मेवारी है कि उनके परिवार और उनके बाल बच्चों के प्रति वह संवेदनशील हो.

पटनाः आजाद भारत की एक तस्वीर यह भी है, जहां आजादी के आंदोलन में अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार आज सड़क पर हैं, आंदोलन पर उतारू हैं, सरकार से लगातार अपनी मांगों को लेकर फरियाद पर फरियाद कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

Family of freedom fighter
स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन

बदहाल हैं स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन
पटना में कई जिलों से आए स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों कहा कि भारत में स्वतंत्र सेनानियों के उत्तराधिकारी को राष्ट्रीय उत्तराधिकारी घोषित किया जाए. उन्हें उनके हाथों में रोजगार दिया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं, रोजी रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है. किसी तरह से जीवन यापन करने को मजबूर हैं.

स्वतंत्र सेनानियों के परिजनों की मांग

  • परिजनों को राष्ट्रीय उतराधिकारी घोषित किया जाए
  • सरकार नगर निकाय समेत विभिन्न जगहों पर परिजनों को नौकरी दे
  • सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण दे
  • सरकार उनके प्रति संवेदनशील रवैय्या अपनाए
  • गृह जिलों में चौक चौराहे और स्कूल कॉलेज के नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हों
    मांग को लेकर एक जुट हुए स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन

परिजनों के प्रति संवेदनशील हो सरकार
गौरतलब है कि आजाद भारत में 90% से अधिक स्वतंत्रता सेनानी अब स्वर्ग सिधार चुके हैं, ऐसे में उनके परिजनों का सरकार से कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया. इस देश को आजाद कराने के दौरान अपने बीवी बाल बच्चों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. ऐसे में आजाद भारत में अब सरकार की जिम्मेवारी है कि उनके परिवार और उनके बाल बच्चों के प्रति वह संवेदनशील हो.

Intro: spl

सुन लो सरकार.... स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों की पुकार, मांग रहा है उत्तराधिकारी सम्मान....


Body:आजाद भारत की एक तस्वीर यह भी जहां आजादी के आंदोलन में अपने सब कुछ न्योछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार आज सड़क पर हैं, और आंदोलन पर उतारू है, सरकार से लगातार अपनी मांगों को लेकर फरियाद पर फरियाद करने में लगे हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है, स्वतंत्र सेनानियों के परिजनो की मांग है कि उन्हे राष्ट्रीय उतराधिकारी घोषित करें और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर उनके गृह जिलो मे चौक चौराहे और स्कूल कॉलेज उनके नाम पर हो,साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारी को सरकार नगर निकाय समेत विभिन्न जगहो पर उन्हे नौकरी दें,सरकारी नौकरियों मे प्राथमिकता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण दे।
गौरतलब है कि आजाद भारत में 90% से अधिक स्वतंत्रता सेनानी अब स्वर्ग सिधार चुके हैं, ऐसे में उनके परिजनो ने सरकार से कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी देश के लिए अपना सब कुछ त्याग कर दिए, लेकिन उस देश के आजाद कराने के दौरान अपने बीवी बाल बच्चों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया, ऐसे में आजाद भारत में अब सरकार की जिम्मेवारी है उनके परिवार और उनके बाल बच्चों के प्रति वह संवेदनशील हो, उनके बच्चों के लिए काम और रोजगार के प्रति उनकी नैतिक जिम्मेवारी है




Conclusion:पूरे भारत में स्वतंत्र सेनानियों के उत्तराधिकारी को राष्ट्रीय उत्तराधिकारी घोषित किया जाए और उन्हें उनके हाथों में रोजगार दिया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन इन दिनों बदहाल स्थिति में है, रोजी रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है किसी तरह से जीवन यापन करने को मजबूर हैं

बाईट:-मनोरमा देवी
(स्वतंत्रता सेनानी रामानंद कि पत्नी,दरभंगा)
बाईट:-स्वतंत्रता सेनानी के बेटे
बाईट-अमरनाथ,चंपारण
स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.