पटनाः आजाद भारत की एक तस्वीर यह भी है, जहां आजादी के आंदोलन में अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार आज सड़क पर हैं, आंदोलन पर उतारू हैं, सरकार से लगातार अपनी मांगों को लेकर फरियाद पर फरियाद कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.
बदहाल हैं स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन
पटना में कई जिलों से आए स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों कहा कि भारत में स्वतंत्र सेनानियों के उत्तराधिकारी को राष्ट्रीय उत्तराधिकारी घोषित किया जाए. उन्हें उनके हाथों में रोजगार दिया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं, रोजी रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है. किसी तरह से जीवन यापन करने को मजबूर हैं.
स्वतंत्र सेनानियों के परिजनों की मांग
- परिजनों को राष्ट्रीय उतराधिकारी घोषित किया जाए
- सरकार नगर निकाय समेत विभिन्न जगहों पर परिजनों को नौकरी दे
- सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण दे
- सरकार उनके प्रति संवेदनशील रवैय्या अपनाए
- गृह जिलों में चौक चौराहे और स्कूल कॉलेज के नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हों
परिजनों के प्रति संवेदनशील हो सरकार
गौरतलब है कि आजाद भारत में 90% से अधिक स्वतंत्रता सेनानी अब स्वर्ग सिधार चुके हैं, ऐसे में उनके परिजनों का सरकार से कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया. इस देश को आजाद कराने के दौरान अपने बीवी बाल बच्चों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. ऐसे में आजाद भारत में अब सरकार की जिम्मेवारी है कि उनके परिवार और उनके बाल बच्चों के प्रति वह संवेदनशील हो.