पटना: बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और पटना में जन्मे डॉ. विधान चंद्र राय के जन्म दिवस के मौके पर देश में एक जून को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. डॉक्टरों को समाज में भगवान का दर्जा हासिल है. वहीं, हालिया स्थिति में चिकित्सक बड़ी भूमिका निभाते हुए कोरोना वॉरियर्स के रूप में उभरे हैं. वहीं, इसी क्रम में डॉक्टर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत ने पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक और कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा से खास बातचीत की.
ईटीवी से बातचीत में डॉ.पूर्णानंद झा ने बताया कि इस समय बिहार में कोरोना महामारी के कारण स्थिति थोड़ी खराब है. एसिंप्टोमेटिक पेशेंट ज्यादा मिल रहे हैं. साथ ही लोग इसे लेकर सावधानियां कम बरत रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोग मास्क का सही तरीके से प्रयोग नहीं कर रहे हैं. इस कारण स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है. लोगों में संक्रमण फैलता जा रहा है. बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का सही ढंग से पालन नहीं हो पा रहा है.
सावधानी बरतने की सलाह
डॉ. पीएन झा ने आगे कहा कि पीएमसीएच के कई जूनियर डॉक्टरों में भी कोरोना संक्रमण पाया गया है. जिस कारण वह काफी भयभीत हैं और ड्यूटी करने से कतरा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह लगातार जूनियर डॉक्टरों का मनोबल बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच जूनियर डॉक्टरों के बदौलत ही चल पाता है. इसलिए वह जूनियर डॉक्टरों को सावधानी बरतते हुए काम करने की सलाह देते हैं.
'डॉक्टर का पेशा सबसे अहम'
पूर्णानंद झा ने बताया कि उनसे पहले उनके गांव में मात्र एक डॉक्टर हुआ करते थे. उनको गांव वाले काफी प्रतिष्ठा की नजरों से देखते थे. साथ ही मानव सेवा के दृष्टिकोण से डॉक्टर का पेशा सबसे अहम माना जाता है. उन्होंने कहा कि यही प्रमुख वजह रही जिस कारण वह इस क्षेत्र में आए. वर्तमान में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए वो हॉस्पिटल से ड्यूटी के बाद घर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हैं. साथ ही बच्चों से दूर रहकर बातचीत करते हैं.