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बोले नीतीश के मंत्री- 'सरकार में मेरी कोई नहीं सुनता, अच्छा होगा मेरे विभाग का बजट बंद कर दें'

बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पिछले दिनों अपनी ही सरकार पर हमलावर दिखे. उन्होंने अपने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पूरी पोल खोल कर रख दी. इस पूरे मामले पर उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जो भी मैंने कहा वो सब बिल्कुल सच है, वो बिहार सरकार के किसी भी कार्य प्रणाली से खुश नहीं हैं.

सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री
सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री
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Published : Sep 13, 2022, 12:10 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 1:20 PM IST

पटनाः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Agriculture Minister Sudhakar Singh) इन दिनों काफी चर्चा में है, पिछले दिनों कैमूर में दिए उनके एक बयान ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा दिया है, जिससे महागठबंधन सरकार (Minister Sudhakar Singh on Bihar Government) की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं. दरअसल कृषि मंत्री ने रामगढ़ में किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि 'कृषि विभाग में कई लोग चोर हैं'. इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को उन चोरों का सरदार तक बताया था. उनके इस बयान के बाद सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ अमित भेलारी ने उनसे विस्तृत बातचीत की.

ये भी पढे़ंः 'हमारे विभाग के लोग चोर हैं और मैं चोरों का सरदार हूं', नीतीश के मंत्री ने खोली सरकार की पोल

'हमारी बात कैबिनेट में नहीं सुनी जाती':ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा और कहा कि उनकी बात कैबिनेट में नहीं सुनी जाती है. सुधाकर ने यहां तक कहा कि उनके सचिव भी उनकी नहीं सुनते है और ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द वो अपने मंत्री रहने पर विचार करेंगे, सुधाकर ने यह भी कहा कि जो चीजें सत्रह साल से थीं, वहीं आज भी चल रही हैं कोई बदलाव नहीं आया है. सुधाकर ने आगे कहा कि उन्होंने ये बाते अपने नेता तेजस्वी यादव को भी बताया है. उनके विभाग में भ्रष्टाचार व्यापक रुप व्याप्त से है.

ये भी पढ़ें: कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ईटीवी भारत से बोले.. सभी आरोप बेबुनियाद.. पाक साफ हूं मैं

'चीजें बद से बदतर होती जा रहीं हैं' :जब उनसे पूछा गया कि जो विभाग अपको मिला है उससे आप खुश नहीं हैं या वहां काम करने वाले अधिकारी से आप खुश नहीं है, तो उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के किसी भी कार्य प्रणाली से खुश नहीं हूं. चीजें बद से बदतर होती जा रहीं हैं, सरकार को चलाने का जो ऐजेंडा है, वो नीतियों और विचारों के अधार पर होना चाहिए और अगर नीति व विचार हमारे निचले स्तर पर लागू नहीं हो रहे हैं, तो ये समस्या है. उन्होंने कहा कि हमारा अपना तो कोई निजी ऐजेंडा है नहीं, जो जनता कहती है लोग कहते हैं उसे मैं उपर के अधिकारी तक पहुंचा देता हूं.

"जो भी मैनें कहा है आम सभा में जिसमें किसान अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहे थे, जो बात वो कह रहे और उनकी पीड़ा जो है, मैं उनके साथ हूं. जो भी मैंने कहा है वो सबके सामने है. सभी चिजें पब्लिक डोमेन में हैं. आरजेडी सदस्य के तौर पर जो हमलोगों ने विधानसभा में बोला है , या पब्लिक के बीच जहां भी बोला है उसको निकालकर आप देख लिजिए सभी चिजें जो पहले थीं वो आज भी हैं, बदल नहीं रहीं हैं तो परेशानी में हैं हमलोग. अगर 17 साल में कोई बदलाव नहीं हुआ और वही चल रहा है जो जनता की पीड़ा थी वो आज भी है, तो हमलोग एक राजनेता के तौर पर जनता की पीड़ा के साथ हमेशा खड़े रहेंगे"- सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री

कृषि विभाग को राशि की जरूरत नहींः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने यहां तक कहा कि उनके विभाग को दी जाने वाली राशि को बंद कर देना चाहिए, उससे कोई फायदा नहीं है. उन्होंने यहां तक दावा किया कि बजट के बंद हो जाने से उनका विभाग और बेहतर ढंग से चलेगा. विभाग को कोई राशि की जरूरत नहीं है. हमारा तो वैसे भी काम है एडवाइज देना डेवलपमेंट करना तो हमारा काम नहीं है, तो फिर राशि की क्या जरूरत है?

पटनाः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Agriculture Minister Sudhakar Singh) इन दिनों काफी चर्चा में है, पिछले दिनों कैमूर में दिए उनके एक बयान ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा दिया है, जिससे महागठबंधन सरकार (Minister Sudhakar Singh on Bihar Government) की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं. दरअसल कृषि मंत्री ने रामगढ़ में किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि 'कृषि विभाग में कई लोग चोर हैं'. इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को उन चोरों का सरदार तक बताया था. उनके इस बयान के बाद सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ अमित भेलारी ने उनसे विस्तृत बातचीत की.

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'हमारी बात कैबिनेट में नहीं सुनी जाती':ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा और कहा कि उनकी बात कैबिनेट में नहीं सुनी जाती है. सुधाकर ने यहां तक कहा कि उनके सचिव भी उनकी नहीं सुनते है और ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द वो अपने मंत्री रहने पर विचार करेंगे, सुधाकर ने यह भी कहा कि जो चीजें सत्रह साल से थीं, वहीं आज भी चल रही हैं कोई बदलाव नहीं आया है. सुधाकर ने आगे कहा कि उन्होंने ये बाते अपने नेता तेजस्वी यादव को भी बताया है. उनके विभाग में भ्रष्टाचार व्यापक रुप व्याप्त से है.

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'चीजें बद से बदतर होती जा रहीं हैं' :जब उनसे पूछा गया कि जो विभाग अपको मिला है उससे आप खुश नहीं हैं या वहां काम करने वाले अधिकारी से आप खुश नहीं है, तो उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के किसी भी कार्य प्रणाली से खुश नहीं हूं. चीजें बद से बदतर होती जा रहीं हैं, सरकार को चलाने का जो ऐजेंडा है, वो नीतियों और विचारों के अधार पर होना चाहिए और अगर नीति व विचार हमारे निचले स्तर पर लागू नहीं हो रहे हैं, तो ये समस्या है. उन्होंने कहा कि हमारा अपना तो कोई निजी ऐजेंडा है नहीं, जो जनता कहती है लोग कहते हैं उसे मैं उपर के अधिकारी तक पहुंचा देता हूं.

"जो भी मैनें कहा है आम सभा में जिसमें किसान अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहे थे, जो बात वो कह रहे और उनकी पीड़ा जो है, मैं उनके साथ हूं. जो भी मैंने कहा है वो सबके सामने है. सभी चिजें पब्लिक डोमेन में हैं. आरजेडी सदस्य के तौर पर जो हमलोगों ने विधानसभा में बोला है , या पब्लिक के बीच जहां भी बोला है उसको निकालकर आप देख लिजिए सभी चिजें जो पहले थीं वो आज भी हैं, बदल नहीं रहीं हैं तो परेशानी में हैं हमलोग. अगर 17 साल में कोई बदलाव नहीं हुआ और वही चल रहा है जो जनता की पीड़ा थी वो आज भी है, तो हमलोग एक राजनेता के तौर पर जनता की पीड़ा के साथ हमेशा खड़े रहेंगे"- सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री

कृषि विभाग को राशि की जरूरत नहींः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने यहां तक कहा कि उनके विभाग को दी जाने वाली राशि को बंद कर देना चाहिए, उससे कोई फायदा नहीं है. उन्होंने यहां तक दावा किया कि बजट के बंद हो जाने से उनका विभाग और बेहतर ढंग से चलेगा. विभाग को कोई राशि की जरूरत नहीं है. हमारा तो वैसे भी काम है एडवाइज देना डेवलपमेंट करना तो हमारा काम नहीं है, तो फिर राशि की क्या जरूरत है?

Last Updated : Sep 13, 2022, 1:20 PM IST
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