पटनाः बिहार एसएसी पेपर लीक मामले हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में Eou (Economic Offenses Unit) की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. खबर आ रही है कि Eou की टीम छात्र नेता दिलीप कुमार को पूछताछ के लिए बुलायी है. दरअसल, जिस दिन परीक्षा (Bihar Ssc Exam 2022) पेपर लीक हुआ था. उस दिन दिलपी कुमार ने ही सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी थी कि परीक्षा से पूर्व पेपर लीक हुआ है. दिलीप ने लीक हुए पेपर को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था. इसी के आधार पर दिलीप कुमार से पूछताछ के लिए Eou की टीम ने बुलाया है.
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कौन हैं दिलीप कुमारः दिलीप कुमार छात्र नेता है, जो लगातार परीक्षार्थियों के लिए आवाज उठाते रहा है. हाल में ही में बिहार एसएससी परीक्षा से पहले जब पेपर लीक हुआ था तो दिलीप ने ही छात्रों को इसकी जानकारी दी थी. दिलीप ने सोशल मीडिया पर लीक पेपर को शेयर कर आयोग पर सवाल उठाया था. इससे पहले भी BPSSC 67वीं का पेपर लीक हुआ था तो दिलीप ने सीबीआई जांच की मांग थी. 23 दिसंबर को हुए पेपर लीक मामले में दिलीप लगातार कार्रवाई की मांग कर रहा है.
कब हुआ था पेपर लीकः बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) द्वारा 23 दिसंबर को बिहार के 38 जिले के 528 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गयी थी. प्रथम पाली के दौरान ही पेपर लीक हो गया था. जो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था. परीक्षा खत्म होने के बाद जब छात्रों ने मिलान किया था तो पेपर सही पाया गया था. जिसके बाद Eou की टीम मामले की जांच में जुट थी. जिसके बाद लगातार खुलासे हो रहे हैं.
जांच में होते गए खुलासेः पेपर लीक होने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (Eou) की टीम कार्रवाई में जुट गई थी. पेपर लीक होने के अगले दिन ही मोतिहारी से एक निजी शिक्षक को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें यह खुलासा हुआ था कि जिस स्कूल में शिक्षक की तैनाती थी वहीं से पेपर लीक हुआ है. इसी वजह से शक के आधार पर शिक्षक को गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में BSSC के जेयरमेन शुक्रवार को मोतिहारी जांच के लिए पहुंचे थे.
दारोगा का बेटा निकला मास्टरमाइंडः EOU ने सुपौल में छापेमारी कर मुख्य आरोपी अजय और कांड में सहयोगी उसके भाई विजय को गिरफ्तार किया है. सोमवार को एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अजय के पिता दारोगा हैं और बेतिया में पदास्थापित हैं. इस पूरे मामले की जांच में पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी हैं. उनके द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है. परीक्षा प्रारंभ होने के आधे समय के बाद लगभग 10:53 से लेकर 1:11 बजे के बीच क्वेश्चन को मोबाइल से खींच कर बाहर भेजा गया था. टीम के द्वारा इसकी जांच की गई तो पता चला कि मोतिहारी के शांति निकेतन स्कूल से पेपर लीक हुआ है.
कई लोग संदेह के घेरे मेंः यह भी पता चल गया कि किस कमरे से पेपर आउट हुआ था. कोडिंग टेक्निक से यह पता चल गया कि यह क्वेश्चन पेपर किस अभ्यार्थी के पास था. उस परीक्षार्थी को भी लोकेट कर लिया गया. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ-साथ उसके भाई को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पटना के मुसल्लहपुर हाट से दो सॉल्वर को भी गिरफ्तार कर लिया गया. आयोग के द्वारा जो सुरक्षा के उपाय रखे गए थे इससे आर्थिक अपराध इकाई को काफी सहयोग मिला. गिरफ्तार लोगों की निशानदेह पर आगे की जांच की जा रही है. साथ साथ कई लोग संदेह के घेरे में है उस बिंदु पर भी जांच की जा रही है.