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पटना: महवीर मंदिर का बदला प्रवेश द्वार, श्रद्धालुओं को मिली राहत - श्रद्धालु

प्रवेश द्वार के बदल जाने से श्रद्धालु काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रवेश द्वार के बदल जाने से मंदिर में भीड़ कम होगी. पहले एक ही गेट से दर्शन के लिए आना-जाना हुआ करता था.

महावीर मंदिर
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Published : Jul 5, 2019, 9:13 PM IST

पटना: जिले का ऐतिहासिक महावीर मंदिर का प्रवेश द्वार बदल दिया गया है. मंदिर का प्रवेश द्वार प्रांगण के उत्तरी छोड़ में बनाया गया है. वहीं, श्रद्धालुओं के निकलने के लिए पूर्वी छोड़ की तरफ गेट बनाया गया है. इस संबंध में महावीर ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

महावीर मंदिर का बदला प्रवेश द्वार

दो गेट होने से राहत- श्रद्धालु
प्रवेश द्वार के बदल जाने से श्रद्धालु काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रवेश द्वार के बदल जाने से मंदिर में भीड़ कम होगी. पहले एक ही गेट से दर्शन के लिए आना-जाना हुआ करता था. लेकिन, जब से इसको अलग-अलग कर दिया गया है. तब से भीड़ कम होने लगी है.

patna
कुणाल किशोर, महावीर ट्रस्टी सचिव

'श्रद्धालुओं की परेशाी होगी कम'
ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर ने बताया कि पहले एक ही तरफ से दो द्वार होने के कारण मंदिर में काफी भीड़ बढ़ जाती थी. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी श्रद्धालुओं को होती थी. मंदिर के प्रवेश द्वार में जाने वाले श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगती थी. जिससे दर्शन करने में भी परेशानी होती थी. वहीं, दूसरी तरफ से निकलने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसीलिए श्रद्धालुओं की असुविधा को देखते हुए मंदिर का प्रवेश द्वार बदल दिया गया है.

पटना: जिले का ऐतिहासिक महावीर मंदिर का प्रवेश द्वार बदल दिया गया है. मंदिर का प्रवेश द्वार प्रांगण के उत्तरी छोड़ में बनाया गया है. वहीं, श्रद्धालुओं के निकलने के लिए पूर्वी छोड़ की तरफ गेट बनाया गया है. इस संबंध में महावीर ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

महावीर मंदिर का बदला प्रवेश द्वार

दो गेट होने से राहत- श्रद्धालु
प्रवेश द्वार के बदल जाने से श्रद्धालु काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रवेश द्वार के बदल जाने से मंदिर में भीड़ कम होगी. पहले एक ही गेट से दर्शन के लिए आना-जाना हुआ करता था. लेकिन, जब से इसको अलग-अलग कर दिया गया है. तब से भीड़ कम होने लगी है.

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कुणाल किशोर, महावीर ट्रस्टी सचिव

'श्रद्धालुओं की परेशाी होगी कम'
ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर ने बताया कि पहले एक ही तरफ से दो द्वार होने के कारण मंदिर में काफी भीड़ बढ़ जाती थी. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी श्रद्धालुओं को होती थी. मंदिर के प्रवेश द्वार में जाने वाले श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगती थी. जिससे दर्शन करने में भी परेशानी होती थी. वहीं, दूसरी तरफ से निकलने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसीलिए श्रद्धालुओं की असुविधा को देखते हुए मंदिर का प्रवेश द्वार बदल दिया गया है.

Intro:पटना जंक्शन स्थित ऐतिहासिक महावीर मंदिर का प्रवेश द्वार बदल गया है. अब श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में मंदिर के उत्तरी छोर पर बने नए गेट से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और पूर्वी छोड़ की गेट से निकास कर रहे हैं. आपको बता दें कि पहले जो व्यवस्था थी वह यह थी कि मंदिर में दर्शन के लिए जो श्रद्धालु आते थे वह पूर्वी छोड़कर गेट से ही आते थे और उसी गेट से निकला करते थे. मंदिर का प्रवेश द्वार और निकास द्वार एक ही होने से जब मंदिर में भीड़ होती थी तो काफी समस्या उत्पन्न हो जाती थी.
पूर्व में जो प्रवेशद्वार था उसे बंद कर दिया है और उसके बाएं साइड यानी कि पूरब और दक्षिण के कोने पर नया द्वार बनाया गया है जहां से श्रद्धालु मंदिर परिसर से बाहर निकल रहे हैं. इस द्वार का नाम निकास द्वार रखा गया है.


Body:महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर ने बताया कि मंदिर प्रबंधन द्वारा यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए लिया गया है. उन्होंने बताया कि भीड़ के समय में असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती थी जिसको देखते हुए मंदिर का प्रवेश द्वार और निकास द्वार अलग अलग करने की व्यवस्था की गई. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए एक और व्यवस्था की गई है. महिला श्रद्धालु जो भगवान शिव के दर्शन करने जाती थी वह पूर्व में दाएं ओर से लाइन में लगकर दर्शन करने जाती थी लेकिन अब वह बाईं ओर से लाइन में लगकर ऊपर की ओर शिव का दर्शन करने जाएंगे. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया है कि जब महिलाएं दर्शन करके निकले तो कम से कम समय में मंदिर से बाहर निकल जाएं और उन्हें मंदिर से बाहर निकलने में कोई परेशानी ना हो.


Conclusion:मंदिर में जो नई व्यवस्था इस बार की गई है वह ऐसा है कि श्रद्धालु जूते चप्पल उतारने के बाद वहां लगे नल में हाथ पैर धो रहे हैं उसके बाद आगे बढ़ने पर हुआ है वही मंदिर के बाहर ही फूल माला खरीद रहे हैं उसके बाद नैवेद्यम का काउंटर लगा है जहां से श्रद्धालु प्रसाद खरीदने के बाद मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंच रहे हैं. मंदिर के प्रवेश द्वार में घुसते ही श्रद्धालुओं के लिए पाइप के माध्यम से लगातार गीता पानी मुहैया कराया गया है ताकि श्रद्धालु पैर धोकर मंदिर में प्रवेश करें.

आपको बता दें कि पूर्व में श्रद्धालु मंदिर में निवेश करने के बाद फूल माला और प्रसाद खड़ी देते थे जिससे मंदिर के प्रांगण में भीड़ की स्थिति बनी रहती थी. मंदिर प्रबंधन ने इस स्थितियों से निपटने के लिए और श्रद्धालुओं को पूजा के लिए बेहतर माहौल देने के लिए यह निर्णय लिया है.
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