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लॉक डाउन लागू होने के बाद बिहार में बनायी गई 'ERT', कोरोना के बचाव के लिए करेगी ये 6 काम - कोरोना वायरस संक्रमण

बिहार में लॉक डाउन के लागू होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया है. ये टीम बाहरी लोगों का पूरा टेस्ट करेगी. इस टीम पर कई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

पटना से अभिषेक की रिपोर्ट
पटना से अभिषेक की रिपोर्ट
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Published : Mar 25, 2020, 6:07 PM IST

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 21 दिनों के लिए भले ही लॉक डाउन कर दिया गया हो. लेकिन बिहार सरकार के लिए बाहर से आए हुए लोग बड़ा चिंता का कारण बनते जा रहे हैं. इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया है. यह टीम अन्य देशों और दूसरे राज्यों से आए हुए लोगो का पूरा टेस्ट करेगी. इस बाबत, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जानकारी दी.

इमरजेंसी रिस्पांस टीम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित विभागों और जिलों को निर्देश भी जारी कर दिया है. इमरजेंसी रिस्पांस टीम के लिए 16 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस टीम में सभी अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपा गया है. टीम का नेतृत्व करने वाले अधिकारी प्रतिदिन डेवलपमेंट रिपोर्ट स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को सौंपेंगे. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज को अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के जांच के लिए आईजीआईएमएस में शुरुआत कर दी गई है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज में एक उपकरण के कारण अभी तक जांच की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है. संजय कुमार ने बताया कि जल्द ही यह भी समस्या सुलझा लिया जाएगा.

पटना से अभिषेक की रिपोर्ट

इमरजेंसी रिस्पांस टीम

  • मेडिकल कॉलेज अस्पताल आइसोलेशन सेंटर के प्रबंधन एवं उसकी आवश्यकताओं को पूरा करना है.
  • जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना वायरस के संदिग्ध के लिए प्रबंधन के लिए कार्य करेगी.
  • प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं.
    प्रधान सचिव संजय कुमार ने दी जानकारी
    प्रधान सचिव संजय कुमार ने दी जानकारी
  • कोरोना के समय पर जांच के लिए दवा आवश्यक उपकरण आईसीयू वेंटीलेटर का प्रबंध कराना एवं N95 मास्क की आपूर्ति.
  • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मीडिया प्रबंधन और कोरोना के खतरों की जानकारी के लिए समाज को जागृत करना.
  • दवाओं की कालाबाजारी पर रोक लगाना और बिहार स्वास्थ्य सेवा आधारभूत संरचनाओं को इनकी आपूर्ति सुनिश्चित कराना.

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 21 दिनों के लिए भले ही लॉक डाउन कर दिया गया हो. लेकिन बिहार सरकार के लिए बाहर से आए हुए लोग बड़ा चिंता का कारण बनते जा रहे हैं. इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया है. यह टीम अन्य देशों और दूसरे राज्यों से आए हुए लोगो का पूरा टेस्ट करेगी. इस बाबत, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जानकारी दी.

इमरजेंसी रिस्पांस टीम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित विभागों और जिलों को निर्देश भी जारी कर दिया है. इमरजेंसी रिस्पांस टीम के लिए 16 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस टीम में सभी अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपा गया है. टीम का नेतृत्व करने वाले अधिकारी प्रतिदिन डेवलपमेंट रिपोर्ट स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को सौंपेंगे. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज को अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के जांच के लिए आईजीआईएमएस में शुरुआत कर दी गई है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज में एक उपकरण के कारण अभी तक जांच की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है. संजय कुमार ने बताया कि जल्द ही यह भी समस्या सुलझा लिया जाएगा.

पटना से अभिषेक की रिपोर्ट

इमरजेंसी रिस्पांस टीम

  • मेडिकल कॉलेज अस्पताल आइसोलेशन सेंटर के प्रबंधन एवं उसकी आवश्यकताओं को पूरा करना है.
  • जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना वायरस के संदिग्ध के लिए प्रबंधन के लिए कार्य करेगी.
  • प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं.
    प्रधान सचिव संजय कुमार ने दी जानकारी
    प्रधान सचिव संजय कुमार ने दी जानकारी
  • कोरोना के समय पर जांच के लिए दवा आवश्यक उपकरण आईसीयू वेंटीलेटर का प्रबंध कराना एवं N95 मास्क की आपूर्ति.
  • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मीडिया प्रबंधन और कोरोना के खतरों की जानकारी के लिए समाज को जागृत करना.
  • दवाओं की कालाबाजारी पर रोक लगाना और बिहार स्वास्थ्य सेवा आधारभूत संरचनाओं को इनकी आपूर्ति सुनिश्चित कराना.
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