पटना: बिहार सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों की बहाली में पारदर्शिता (Transparency in Reinstatement of Employed Teachers) रखने के लिए राज्य के सभी जिलों में अपीलीय प्राधिकार का गठन हो चुका है. यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में एक प्रश्न के जवाब में दी. बताया जाता है कि बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह ने एक तारांकित प्रश्न कर जवाब जानना चाहती थी.
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नियोजित शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पर सवाल: बीजेपी विधान पार्षद निवेदिता सिंह के द्वारा तारांकित प्रश्न के द्वारा यह जानने की कोशिश की गई, कि क्या यह सही है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है? एमएलसी के अनुसार सरकार ने पारदर्शिता रखने के लिए सभी जिलों में अपने लिए प्राधिकार गठन की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी जानकारी मांगी थी कि क्या यह सही है कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा एक फरवरी तक प्राधिकार का गठन करने के लिए वक्त दिया गया था.
सेवानिवृत न्यायाधीश को रखने की मांग: अगर इन खंडों के उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार यह बताएं कि वह राज्य के सभी जिलों में अपीलीय प्राधिकार का गठन कब तक करेगी? क्या वह अपीलीय प्राधिकार में सेवानिवृत्त न्यायाधीश को रखने का विचार रखती है?
शिक्षा मंत्री ने एमएलसी के प्रश्न का दिया जवाब: शिक्षामंत्री प्रो चंद्रशेखर ने बताया कि वास्तविक स्थिति यह है कि विभागीय आदेश ज्ञापांक 111, 112 के तहत 31 जनवरी द्वारा क्रमशः बिहार न्यायिक सेवा के 33 और बिहार शिक्षा सेवा/ बिहार प्रशासनिक सेवा के 35 सेवानिवृत्त अधिकारी, जिला अपीलीय प्राधिकार के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है. वहीं विभागीय आदेश ज्ञापांक 113 एवं 114 के तहत 31 जनवरी को उक्त सभी सेवानिवृत्त अधिकारीगण का पदस्थापन जिला में कर दिया है. उन्होंने सदन को यह भी जानकारी दी कि अपीलीय प्राधिकार का गठन किया जा चुका है.
"वास्तविक स्थिति यह है कि विभागीय आदेश ज्ञापांक 111, 112 के तहत 31 जनवरी द्वारा क्रमशः बिहार न्यायिक सेवा के 33 और बिहार शिक्षा सेवा/ बिहार प्रशासनिक सेवा के 35 सेवानिवृत्त अधिकारी, जिला अपीलीय प्राधिकार के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है".- प्रो. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री