पटना: खेती में सिंचाई (Irrigation in Agriculture) का महत्वपूर्ण योगदान है, यदि किसानों (Farmers) के पास सिंचाई की सुविधा ना हो तो किसान की फसल भी अच्छे से नहीं हो पाती है. ऐसे में अब ऊर्जा विभाग (Energy Department) किसानों को काफी सहूलियत दे रहा है. बिजली कनेक्शन (Electricity Connection) को लेकर विभाग की ओर से सब्सिडी देकर किसानों को राहत पहुंचाने में ऊर्जा विभाग इन दिनों लगा है. किसान खेती करने के लिए बिजली का कनेक्शन ऑनलाइन भी आवेदन कर ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें- अगर आपका बिजली बिल बकाया है तो हो जाइए सावधान, विभाग काट रहा कनेक्शन
वहीं, किसानों को इससे सस्ती बिजली से खेती करने में काफी लाभ मिलेगा और सही मात्रा में सिंचाई होने से उनके फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा. 2022 तक लगभग 1 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन देने की योजना पर काम चल रहा है. फिलहाल नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 500 से अधिक फीडर बनाए हैं.
वहीं, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन ने लगभग 483 फीडर निर्माण किया है. अन्य निर्माण कार्य काफी तेज गति से किया जा रहा है. जिससे कि किसानों को आने वाले सालों में काफी कुछ सहूलियत मिल सके. अभी तक प्रदेश में 60 हजार इच्छुक किसानों को कनेक्शन दिया जा चुका है और वे इसका लाभ भी उठा रहे हैं. प्रदेश के कई जिले और पंचायत के किसान बिजली कनेक्शन लेकर खेतों का पटवन करके इसका लाभ ले रहे हैं.
"सिंचाई के लिए जो कनेक्शन दिया जा रहा है उसमें किसानों को किसानों को दो बार ही बिल आएगा. पहले किसानों को बिजली कनेक्शन या कृषि पंप कनेक्शन के ऑफलाइन आवेदन देना होता था. अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया. जिससे किसान स्वयं ऑनलाइन आवेदन भर कनेक्शन ले सकते हैं."- संजीव हंस, सचिव, ऊर्जा विभाग
वहीं, इससे किसानों को डीजल की वजह बिजली पर आधारित फसल सिंचाई करने में पोषाहार करने की दिशा की ओर ऊर्जा विभाग कार्य कर रहा है, हालांकि जो भी इच्छुक किसान आवेदन करेंगे. उनके पास 40 डिसमिल जमीन होना अति आवश्यक है, उनको जमीन का कागज बैंक पासबुक आधार कार्ड ऑनलाइन आवेदन के साथ जमा करना होगा. कनेक्शन देने के समय कंपनी द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. किसान जब ऑनलाइन आवेदन करेंगे उसके बाद बिजली विभाग के जेई द्वारा उस जगह पर जाकर वेरिफिकेशन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- सिवान में विद्युत बकायेदारों के खिलाफ छापेमारी,18 लोगों के काटे गए बिजली कनेक्शन
किसानों 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा. बिजली का उपयोग नहीं करने पर किसानों को कोई शुल्क नहीं देना होगा. वहीं, सचिव ने बताया कि डीजल महंगा होने से लोगों को सिंचाई करने में काफी समस्या होती थी. वहीं, डीजल पंप सेट खरीदने में लोगों को 30 से 35 हजार तक खर्च करने पड़ते थे. ऐसे में बिजली से चलने वाले मोटर पंप 15 से 20 हजार में भी उपलब्ध हो जाते हैं. विभाग की तरफ से प्रति यूनिट के हिसाब से 4 तक छूट भी दी जाती है. किसान सुविधा पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं.