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राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने लॉंच किया ई मापी पोर्टल, जानिये- कैसे और कितने दिनों में करा सकते हैं मापी - राजस्व मंत्री आलोक मेहता

E measurement portal launched in Bihar राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग डिजिटल हो रहा है. लोगों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करा रहा है. रैयतों को दी जाने वाली कई सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है. अब बिहार के जमीन मालिकों को ई मापी एवं तत्काल मापी कराने की ऑनलाइन सुविधा दे रहा है. पढ़ें, विस्तार से.

भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता
भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता.
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2023, 5:13 PM IST

भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता

पटना: बिहार के लोगों को अपनी जमीन की मापी कराने के लिए अंचल कार्यालय जाना जरूरी नहीं है. विभाग की वेबसाइट www.emapi.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन से पहले रैयत को ई-मापी पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसका शुभारंभ किया. मंत्री आलोक मेहता ने इसका उद्घाटन किया.

ऐसे कर सकते हैं आवेदनः ऑनलाइन आवेदन करते समय रैयत को जमाबंदी से प्लॉट या खेसरा का चयन करना है. फिर उसमें व्यक्तिगत जानकारी, जमीन का विवरण और मापी करने का कारण बताते हुए अंचल अधिकारी को आवेदन देना है. मापी आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व मौजावार एवं शहरी क्षेत्र में वार्डवार समर्पित किया जाएगा. ऑनलाइन प्राप्त आवेदन की जांच अंचल अधिकारी द्वारा संबंधित हल्का के राजस्व कर्मचारी से कराई जाएगी. जमीन पर कोई विवाद है या न्यायालय में विचाराधीन है तो ऐसे मापी से पहले दस्तावेजों की जांच जरूरी होगी.
सभी पक्षों को भेजा जाएगा नोटिसः राजस्व कर्मचारी द्वारा मापी हेतु अनुशंसा करने के पश्चात अंचल कार्यालय द्वारा आवेदक को ऑनलाइन विधि द्वारा ही मापी हेतु जमीन फी का भुगतान करने की सूचना दी जाएगी. आवेदक को मापी हेतु तीन संभावित तिथि का चयन करके पुनः आवेदन को अंचलाधिकारी के लोगों में भेजना है. इस बार आवेदक को कंप्यूटर से ऑटोमेटिक केस नंबर प्राप्त होगा. अब अंचलाधिकारी उस केस नंबर के लिए आवेदक द्वारा चयनित्त तिथि एवं अमीन की उपलब्धता के अनुसार मापी की तिथि निर्धारित करेंगे. चौहद्दीदारों समेत सभी पक्षों को मापी का नोटिस देंगे.


तत्काल मापी के लिए लगेगा दोगुना शुल्क ः मापी शुल्क जमा किए जाने के पश्चात अधिकतम 30 कार्य दिवस के अंदर याचित भूमि की मापी पूर्ण करने का प्रावधान है. लेकिन वैसे मामले जिसमें तत्काल मापी कराया जाना है अंचल अधिकारी अधिकतम 10 कार्य दिवस के भीतर मापी की प्रक्रिया पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे. मापी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति प्लॉट 500 रुपये एवं शहरी क्षेत्र में प्रति प्लॉट 1000 रुपये निर्धारित की गयी है. वहीं तत्काल मापी के लिए शुल्क दोगुना रखा गया है. यानी ग्रामीण क्षेत्र में प्रति खेसरा 1000 रुपया एवं शहरी क्षेत्र में प्रति खेसरा 2000 रुपया मापी शुल्क निर्धारित किया गया है.

इंडिया गठबंधन की बैठक से बीजेपी में बैचेनीः इस मौके पर भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता ने इंडिया गठबंधन की हुई बैठक पर कहा कि "बीजेपी को ऐसे बैठक से बेचैनी हो रही है. उन्हें लग रहा है कि विपक्ष एकजुट हो गया है. इस बार सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा, इसलिए उनके नेता कुछ से कुछ बोल रहे हैं. लेकिन ये बात आप समझ लीजिए बीजेपी जितना उल्टा बोलेगी उतना ही विपक्ष एकजुट होकर उन्हें जवाब देगी. जनता भी अब समझ गई है कि ये सिर्फ जुमलेबाज हैं."

भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता

पटना: बिहार के लोगों को अपनी जमीन की मापी कराने के लिए अंचल कार्यालय जाना जरूरी नहीं है. विभाग की वेबसाइट www.emapi.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन से पहले रैयत को ई-मापी पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसका शुभारंभ किया. मंत्री आलोक मेहता ने इसका उद्घाटन किया.

ऐसे कर सकते हैं आवेदनः ऑनलाइन आवेदन करते समय रैयत को जमाबंदी से प्लॉट या खेसरा का चयन करना है. फिर उसमें व्यक्तिगत जानकारी, जमीन का विवरण और मापी करने का कारण बताते हुए अंचल अधिकारी को आवेदन देना है. मापी आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व मौजावार एवं शहरी क्षेत्र में वार्डवार समर्पित किया जाएगा. ऑनलाइन प्राप्त आवेदन की जांच अंचल अधिकारी द्वारा संबंधित हल्का के राजस्व कर्मचारी से कराई जाएगी. जमीन पर कोई विवाद है या न्यायालय में विचाराधीन है तो ऐसे मापी से पहले दस्तावेजों की जांच जरूरी होगी.
सभी पक्षों को भेजा जाएगा नोटिसः राजस्व कर्मचारी द्वारा मापी हेतु अनुशंसा करने के पश्चात अंचल कार्यालय द्वारा आवेदक को ऑनलाइन विधि द्वारा ही मापी हेतु जमीन फी का भुगतान करने की सूचना दी जाएगी. आवेदक को मापी हेतु तीन संभावित तिथि का चयन करके पुनः आवेदन को अंचलाधिकारी के लोगों में भेजना है. इस बार आवेदक को कंप्यूटर से ऑटोमेटिक केस नंबर प्राप्त होगा. अब अंचलाधिकारी उस केस नंबर के लिए आवेदक द्वारा चयनित्त तिथि एवं अमीन की उपलब्धता के अनुसार मापी की तिथि निर्धारित करेंगे. चौहद्दीदारों समेत सभी पक्षों को मापी का नोटिस देंगे.


तत्काल मापी के लिए लगेगा दोगुना शुल्क ः मापी शुल्क जमा किए जाने के पश्चात अधिकतम 30 कार्य दिवस के अंदर याचित भूमि की मापी पूर्ण करने का प्रावधान है. लेकिन वैसे मामले जिसमें तत्काल मापी कराया जाना है अंचल अधिकारी अधिकतम 10 कार्य दिवस के भीतर मापी की प्रक्रिया पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे. मापी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति प्लॉट 500 रुपये एवं शहरी क्षेत्र में प्रति प्लॉट 1000 रुपये निर्धारित की गयी है. वहीं तत्काल मापी के लिए शुल्क दोगुना रखा गया है. यानी ग्रामीण क्षेत्र में प्रति खेसरा 1000 रुपया एवं शहरी क्षेत्र में प्रति खेसरा 2000 रुपया मापी शुल्क निर्धारित किया गया है.

इंडिया गठबंधन की बैठक से बीजेपी में बैचेनीः इस मौके पर भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता ने इंडिया गठबंधन की हुई बैठक पर कहा कि "बीजेपी को ऐसे बैठक से बेचैनी हो रही है. उन्हें लग रहा है कि विपक्ष एकजुट हो गया है. इस बार सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा, इसलिए उनके नेता कुछ से कुछ बोल रहे हैं. लेकिन ये बात आप समझ लीजिए बीजेपी जितना उल्टा बोलेगी उतना ही विपक्ष एकजुट होकर उन्हें जवाब देगी. जनता भी अब समझ गई है कि ये सिर्फ जुमलेबाज हैं."

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