पटना: राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 21 अक्टूबर को बिहार केसरी और सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 132 वीं जयंती मनायी जाएगी. पूर्व विधान पार्षद महाचन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में ये कार्यक्रम प्रति वर्ष मनाया जाता है. इस समारोह में राज्य के कई जिले से लोग शिरकत करेंगे. जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित प्रदेश के कई मंत्री भी मौजूद रहेंगे.
पूर्व विधान पार्षद महाचंद्र सिंह ने कहा कि आज का बिहार कृष्ण बाबू के किये गए कार्य को याद करता है और जब तक दुनिया रहेगी उनके द्वारा बिहार और देश के लिए किए गए कार्य लोगों को प्रेरित करते रहेंगे.
श्रीकृष्ण बाबू का प्रारंभिक जीवन
बिहार केशरी श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को बिहार के नवादा जिले में खानवा में हुआ था. उनका पैतृक गांव मौर्य, उस समय के मुंगेर जिला, बारबीघा के पास है, जो अब शेखपुरा जिले का हिस्सा है. उनके पिता भुमहार परिवार के एक धार्मिक, मध्यम श्रेणी के सदस्य थे. उनका प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में और मुंगेर में हुआ. 1906 में वह पटना कॉलेज में शामिल हो गए, जो तब कलकत्ता विश्वविद्यालय का एक सहयोगी था. उन्होंने कानून का अध्ययन किया और 1915 से मुंगेर के जिला अदालत में अभ्यास करना शुरू किया.
बिहार के विकास में अहम योगदान
कांग्रेस पार्टी से श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने थे .श्रीबाबू के कार्यकाल में जमींदारी प्रथा समाप्त हुई. वहीं, उनके कार्यकाल में एशिया का सबसे बड़ा इंजीनइरिंग उद्योग, हैवी इंजीनीयरिंग कॉरपोरेशन, भारत का सबसे बड़ा बोकारो इस्पात प्लांट, देश का पहला खाद कारखाना सिंदरी में, बरौनी रिफाइनरी, सहित कई औधोगिक प्लांट को विकसित किया गया. श्री बाबू ने बिहार के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिए. जिसको कभी भूलाया नहीं जा सकता है.