पटना: पटना विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर (Dolphin Research Cente) की बिल्डिंग का आज शुभारंभ हो रहा है. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज सिंह बबलू इसका उद्घाटन करेंगे. इस रिसर्च सेंटर के जरिए डॉल्फिन की पूरी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो पाएगी. गंगा में सर्वे के दौरान 1464 डॉल्फिन के होने की जानकारी मिली है.
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डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के अंतरिम निदेशक डॉ. गोपाल शर्मा ने बताया कि इस रिसर्च सेंटर के जरिए डॉल्फिन की संख्या बढ़ाने और इसके संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस रिसर्च सेंटर में डॉल्फिन की तमाम गतिविधियों पर रिसर्च होगा और कैसे उनकी संख्या बढ़े और वह किस किस जगह ज्यादा पाई जाती हैं. इन तमाम बातों पर शोध के जरिए उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास होगा.
जानकारी के मुताबिक इस रिसर्च सेंटर में डॉल्फिन पर शोध के लिए तमाम तरह के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. इनमें प्रमुख तौर पर कैमरे, दूरबीन और पानी प्रदूषण मापने के लिए उपकरण भी मौजूद हैं. फिलहाल इस बिल्डिंग के ऑफिस और लैब का उद्घाटन हो रहा है. इसके बाद 29 करोड़ की लागत से डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का निर्माण शुरू होगा.
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बता दें कि प्रदेश के गंगा या सहायक नदियों में अगर किसी कारणवश डॉल्फिन मृत पाई जाती है तो उसे तुरंत रिसर्च सेंटर लाया जाएगा. रिसर्च सेंटर में ही पोस्टमार्टम की सुविधा होगी. वैज्ञानिकों द्वारा डॉल्फिन की मौत वजह जानने की कोशिश की जाएगी. साथ ही गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या कैसे बढ़ेगी इस पर भी मंथन होगा. डॉल्फिन से जुड़े जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.