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कोरोना मरीजों के लिए पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 100 बेड का नया अस्थाई अस्पताल तैयार

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Published : Jun 11, 2020, 1:14 PM IST

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संस्था की ओर से कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए अस्थाई अस्पताल में कई सुविधाएं मौजूद हैं. यहां कोविड-19 के मॉडरेट मरीजों का इलाज किया जाएगा. कोरोना पेशेंट के इलाज और देखरेख के लिए 180 लोगों की टीम मौजूद रहेगी जिसमें 20 डॉक्टर होंगे.

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पटना: राजधानी के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के इंडोर स्टेडियम में कोविड-19 के मरीजों के लिए बन रहा अस्थाई अस्पताल पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है. अब इसे सिर्फ सरकार की अनुमति का इंतजार है. यह अस्थाई अस्पताल डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नाम की संस्था ने बनाया है. जो पूरे विश्व में चिकित्सा के क्षेत्र में नि:शुल्क काम करती है.

इस अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें 50 बेड पुरुषों के लिए और 50 महिलाओं के लिए हैं. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में बने इस अस्थाई अस्पताल में मरीजों की एंट्री के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का गेट नंबर-2 अलॉट किया गया है. अस्पताल के स्टाफ और अन्य लोगों के लिए गेट नंबर-1 खुला रहेगा.

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डिसइनफेक्टेंट वाशिंग मशीन

20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संस्था की ओर से कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए अस्थाई अस्पताल की डिप्टी प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि उनकी संस्था पूरे विश्व में चिकित्सा जगत के क्षेत्र में काम करती है. बिहार में सरकार की तरफ से उन्हें जगह मुहैया कराई गई, जिसके बाद यहां उनकी संस्था ने कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 100 बेड का अस्थाई अस्पताल बनाकर तैयार कर लिया है.

उन्होंने बताया कि यहां कोविड-19 के मॉडरेट मरीजों का इलाज किया जाएगा. अभी के समय अस्पताल में 20 बेड ऐसे हैं जहां मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था है. जल्द ही सभी बेड पर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाएगी. ऑक्सीजन के लिए 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन लगाई गई है, ताकि कोरोना वायरस के मरीजों को गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े.

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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन

डिप्टी प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि कोरोना पेशेंट को 1 मिनट में 10 लीटर ऑक्सीजन चाहिए होता है, इसीलिए सिलेंडर के बजाय मशीन इंस्टॉल की गई है. स्मृति सिंह ने बताया कि अस्पताल में सिविल सर्जन के कार्यालय से जिन कोरोना के मरीजों का नाम आएगा, उन्हें एडमिट कर उनका इलाज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज के दौरान उनके रहने-खाने और इलाज पूरा का खर्च उनकी संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर ही वहन करेगी.

गंभीर मरीजों के लिए तीन आइसोलेशन रूम
स्मृति सिंह ने बताया कि कोरोना पेशेंट के इलाज और देखरेख के लिए 180 लोगों की टीम मौजूद रहेगी, जिसमें 20 डॉक्टर होंगे. उन्होंने बताया कि नर्स स्टेशन में मौजूद डॉक्टरों और नर्सों की टीम लगातार मरीजों पर नजर बनाए रखेगी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए तीन आइसोलेशन रूम भी बनाए गए हैं. इनमें उन मरीजों को रखा जाएगा जो कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्मृति ने बताया कि जिन मरीजों को वेंटिलेशन की आवश्यकता होगी उन्हें एनएमसीएच रेफर किया जाएगा और मरीजों को डिस्चार्ज करते वक्त आरएमआरआई में सैंपल जांच कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 महीने यह अस्थाई अस्पताल चलेगा. हालांकि हालात काबू नहीं होने पर आगे भी अस्पताल कंटिन्यू रहेगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल पूरी तरह से तैयार है और सरकार की अनुमति की देर है.

कई सुविधाओं से लैस है अस्थाई अस्पताल
बता दें कि भारत में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पहला अस्थाई अस्पताल बनाया है. यह संस्था मुंबई में भी इसी तरह का अस्थाई अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के लिए बना रही है. बिहार के अस्पताल में मरीजों के कपड़े और बेड शीट धोने के लिए दो स्पेशल डिसइनफेक्टेंट वाशिंग मशीन लगाई गई है. वहीं थर्मल इंसुलेशन से कवर कर बनाए गए अस्थाई हॉस्पिटल में 20 टावर एसी लगाए गए हैं. इसके साथ ही फायरप्रूफ बनाने को लेकर भी संपूर्ण व्यवस्था की गई है. इस अस्थाई अस्पताल में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर चार जेनरेटर इंस्टॉल किए गए हैं.

पटना: राजधानी के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के इंडोर स्टेडियम में कोविड-19 के मरीजों के लिए बन रहा अस्थाई अस्पताल पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है. अब इसे सिर्फ सरकार की अनुमति का इंतजार है. यह अस्थाई अस्पताल डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नाम की संस्था ने बनाया है. जो पूरे विश्व में चिकित्सा के क्षेत्र में नि:शुल्क काम करती है.

इस अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें 50 बेड पुरुषों के लिए और 50 महिलाओं के लिए हैं. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में बने इस अस्थाई अस्पताल में मरीजों की एंट्री के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का गेट नंबर-2 अलॉट किया गया है. अस्पताल के स्टाफ और अन्य लोगों के लिए गेट नंबर-1 खुला रहेगा.

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डिसइनफेक्टेंट वाशिंग मशीन

20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संस्था की ओर से कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए अस्थाई अस्पताल की डिप्टी प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर स्मृति सिंह ने बताया कि उनकी संस्था पूरे विश्व में चिकित्सा जगत के क्षेत्र में काम करती है. बिहार में सरकार की तरफ से उन्हें जगह मुहैया कराई गई, जिसके बाद यहां उनकी संस्था ने कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 100 बेड का अस्थाई अस्पताल बनाकर तैयार कर लिया है.

उन्होंने बताया कि यहां कोविड-19 के मॉडरेट मरीजों का इलाज किया जाएगा. अभी के समय अस्पताल में 20 बेड ऐसे हैं जहां मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था है. जल्द ही सभी बेड पर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाएगी. ऑक्सीजन के लिए 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन लगाई गई है, ताकि कोरोना वायरस के मरीजों को गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े.

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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन

डिप्टी प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि कोरोना पेशेंट को 1 मिनट में 10 लीटर ऑक्सीजन चाहिए होता है, इसीलिए सिलेंडर के बजाय मशीन इंस्टॉल की गई है. स्मृति सिंह ने बताया कि अस्पताल में सिविल सर्जन के कार्यालय से जिन कोरोना के मरीजों का नाम आएगा, उन्हें एडमिट कर उनका इलाज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज के दौरान उनके रहने-खाने और इलाज पूरा का खर्च उनकी संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर ही वहन करेगी.

गंभीर मरीजों के लिए तीन आइसोलेशन रूम
स्मृति सिंह ने बताया कि कोरोना पेशेंट के इलाज और देखरेख के लिए 180 लोगों की टीम मौजूद रहेगी, जिसमें 20 डॉक्टर होंगे. उन्होंने बताया कि नर्स स्टेशन में मौजूद डॉक्टरों और नर्सों की टीम लगातार मरीजों पर नजर बनाए रखेगी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए तीन आइसोलेशन रूम भी बनाए गए हैं. इनमें उन मरीजों को रखा जाएगा जो कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्मृति ने बताया कि जिन मरीजों को वेंटिलेशन की आवश्यकता होगी उन्हें एनएमसीएच रेफर किया जाएगा और मरीजों को डिस्चार्ज करते वक्त आरएमआरआई में सैंपल जांच कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 महीने यह अस्थाई अस्पताल चलेगा. हालांकि हालात काबू नहीं होने पर आगे भी अस्पताल कंटिन्यू रहेगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल पूरी तरह से तैयार है और सरकार की अनुमति की देर है.

कई सुविधाओं से लैस है अस्थाई अस्पताल
बता दें कि भारत में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पहला अस्थाई अस्पताल बनाया है. यह संस्था मुंबई में भी इसी तरह का अस्थाई अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के लिए बना रही है. बिहार के अस्पताल में मरीजों के कपड़े और बेड शीट धोने के लिए दो स्पेशल डिसइनफेक्टेंट वाशिंग मशीन लगाई गई है. वहीं थर्मल इंसुलेशन से कवर कर बनाए गए अस्थाई हॉस्पिटल में 20 टावर एसी लगाए गए हैं. इसके साथ ही फायरप्रूफ बनाने को लेकर भी संपूर्ण व्यवस्था की गई है. इस अस्थाई अस्पताल में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर चार जेनरेटर इंस्टॉल किए गए हैं.

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