पटना: भाकपा माले ने राजधानी से सटे पालीगंज खेल मैदान में जन एकता सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने लोगों से सीएए के विरोध में विधानसभा घेराव के लिए 25 फरवरी को पटना पहुंचने की अपील की.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों में सीएए पास नहीं किया गया है. इसी तरह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसका विरोध करना चाहिए. इस मांग को लेकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा. उन्होंने माले कार्यकर्ताओं से कहा कि अभी से इसकी तैयारी में जुट जाए और गांव-गांव जाकर लोगों को बीजेपी और आरएसएस की साजिश के बारे में बताएं.
'जनता को उलझाकर रखना चाहती है सरकार'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सीएए और एनआरसी सीधा-सीधा संविधान पर हमला है. इससे पहले संविधान पर इतना बड़ा हमला कभी नहीं हुआ था. केंद्र सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सीएए और एनआरसी में देश को उलझाकर रखना चाहती है. उन्होंने कहा की पुराना कानून नागरिकता देने के लिए काफी था लेकिन सीएए के माध्यम से सरकार हिन्दू मुस्लिम कर देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहती है.
'काला कानून है सीएए'
वहीं, पूर्व सांसद और कॉमरेड रामेश्वर प्रसाद ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की आज देश में सीएए की कोई जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार काला कानून लाकर देश को बांटना चाहती है. हम सब मिलकर इस साजिश को नाकाम कर देंगे.
'सीएए वापस ले सरकार'
हम पार्टी के प्रवक्ता डॉ. श्यामनन्दन शर्मा ने केंद्र सरकार पर देश में जाती धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को यह काला कानून वापस लेना होगा. उन्होंने कहा कि कानून वापस लिए जाने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा.