धनबाद/पटना: जिले के कतरास इलाके के रहने वाले अंकित राजगढ़िया कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए टीका लगवाने के लिए 14 दिसंबर को पटना एम्स जाएंगे. एम्स से उन्हें बुलावा आया है. अंकित झारखंड के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल होगा. अंकित के ट्रायल में शामिल होने के फैसले की दोस्त, शुभचिंतक सराहना कर रहे हैं, सभी फोन कर उनको बधाई दे रहे हैं और रजिस्ट्रेशन करवाने की प्रक्रिया के बारे में भी बात कर रहे हैं.
सबसे पहले होगी जांच
धनबाद से कतरास इलाके के रहने वाले अंकित राजगढ़िया ने एम्स में कोरोना वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसके बाद उन्हें एम्स से बुलावा आया है. 14 दिसंबर को वह पटना में ट्रायल प्रक्रिया में अपनी हिस्सेदारी करेंगे, जहां सबसे पहले कोविड 19 समेत अन्य जांच की जाएगी. सभी जांच प्रक्रिया के बाद उन पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. इसके पहले भी उन्होंने लॉकडाउन के पहले चरण में भी ट्विटर के माध्यम से प्रधानमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को यह जानकारी दी थी कि अगर कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए जरूरत होती है तो वह हमेशा तैयार रहेंगे.
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ट्रायल का हिस्सा होना गौरव की बातः अंकित
अगर उन्हें पहला टीका लगता है तो फिर उन्हें टीका लगने के 28वें दिन के बाद फिर से दोबारा पटना जाना होगा. जहां पर उन्हें फिर से 28वें दिन में टीका लगवाया जाएगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए अंकित राजगढ़िया ने कहा कि देश सेवा करने का मौका सभी को नसीब नहीं होता. कुछ लोग बॉर्डर पर जाकर देश सेवा करते हैं. हम उस जगह पर पहुंच पाने में समर्थ नहीं है, लेकिन देश के अंदर रहकर भी देश सेवा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि कोरोना वैक्सीन के ट्रायल प्रक्रिया में अपनी हिस्सेदारी दे रहा हूं. अगर वैक्सीन आती है तो मेरे बाद लोगों के काम आएगी. इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता.
'लोगों के लिए जोखिम लेना पड़ता है'
ट्रायल प्रक्रिया में हिस्सेदारी को लेकर डर के सवाल पर उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर जो जवान होते हैं उन्हें भी मालूम होता है कि गोली और बम चल सकते हैं, उनकी मृत्यु कभी भी हो सकती है, लेकिन फिर भी वह बॉर्डर पर डटे रहते हैं. देश के लोगों को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाते हैं. ठीक उसी प्रकार जिनके अंदर देश सेवा की भावना होती है, वह जोखिम उठाते हैं.