पटना: सुशांत सिंह राजपूत केस में बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. लेकिन पूरा मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में पटना से जांच करने गई 4 सदस्यीय टीम पर करणी सेना के अजय सिंह सिंगर ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. जिसको लेकर ऑनलाइन कंप्लेंट भी दर्ज करवाई गई है. इस पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या बिहार पुलिस के जवान मुंबई पुलिस की जांच में बाधा पहुंचा रहे थे. क्या उन्हें कार्यालय जाने पर पाबंदी लगा दिए थे, या धरना पर बैठ गए थे. किस बात की एफआईआर करने की बात कही जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जांच करने गई टीम कोई अपराधी थी? ऑफिसर वहां चोरी करने गए थे या डकैती करने गए थे? बिहार पुलिस ने क्या बाधा पहुंचाई है? कोर्ट में वो लोग साबित कर पाएंगे क्या?
हमारा मनोबल गिरने वाला नहीं- डीजीपी
बता दें कि बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की मिस्ट्री की जांच के लिए मुंबई गई पटना पुलिस तो वापस लौट आई है. लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान देकर अगल माहौल तैयार करने की कोशिश की थी. जिस पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साफ कह दिया है कि हमारा मनोबल गिरने वाला नहीं हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि हम पर जो पर्सनल अटैक हो रहे हैं. बिहार पुलिस के ऊपर मुकदमे हो रहे हैं. एक आईपीएस ऑफिसर को क्वारंटीन किया गया. इन सब से हम कमजोर नहीं पड़ने वाले हैं.
'मुंबई पुलिस पर लगे हैं कई दाग'
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि चल पड़ा है कारवां तो बीच में रुकना मना है, विघ्न पथ को लांघना है, हारना या रुकना मना है. उन्होंने कहा कि मैं ना तो रुकने वाला हूं ना झुकने वाला हूं. हम सबों को सुशांत के लिए सिर्फ न्याय चाहिए. साथ ही डीजीपी ने कहा कि सीधी सी बात है कि देश की जनता को मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है. मुंबई पुलिस पर कई दाग लग चुके हैं, इसीलिए मुंबई पुलिस को इस मामले में सीबीआई को जांच करने देना चाहिए.