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कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - कार्तिक माह की विशेष पूजा अर्चना

2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है बल्कि यहां उनका छाया दर्शन होता है.

पूजा के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Nov 9, 2019, 9:17 AM IST

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट स्थित बाल शनिधाम में आज कार्तिक मास के अंतिम शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई है. शनिवार को बाल धाम में काला ड्रेस पहनकर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई.

अकवन के पत्ते और फूल से हुई पूजा
कार्तिक मास के अंतिम शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते और फूल से पूजा की गई. गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई. कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को सुबह दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे.

patna
पूजा के लिए कतार में खड़े श्रद्धालु

2008 में हुई बाल शनिधाम की स्थापना
स्थानीय लोगों ने यहां सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल की दुकानें भी लगाईं हैं. वहीं, बाल शनिधाम प्रशासन ने शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की है. शाम को यहां मेला भी लगता है. सुबह में श्रद्धालु यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं. सुदूर गांव से लोग भगवान शनि की पूजा करने के लिए जुटते हैं. सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है.

पूजा के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

शनि भगवान का होता है छाया दर्शन
यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है बल्कि यहां उनका छाया दर्शन होता है. नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है. वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित की. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव ने इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया है. जिसके कारण हम जो भी अच्छे या बुरे कर्म करते हैं, उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं.

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट स्थित बाल शनिधाम में आज कार्तिक मास के अंतिम शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई है. शनिवार को बाल धाम में काला ड्रेस पहनकर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई.

अकवन के पत्ते और फूल से हुई पूजा
कार्तिक मास के अंतिम शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते और फूल से पूजा की गई. गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई. कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को सुबह दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे.

patna
पूजा के लिए कतार में खड़े श्रद्धालु

2008 में हुई बाल शनिधाम की स्थापना
स्थानीय लोगों ने यहां सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल की दुकानें भी लगाईं हैं. वहीं, बाल शनिधाम प्रशासन ने शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की है. शाम को यहां मेला भी लगता है. सुबह में श्रद्धालु यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं. सुदूर गांव से लोग भगवान शनि की पूजा करने के लिए जुटते हैं. सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है.

पूजा के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

शनि भगवान का होता है छाया दर्शन
यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है बल्कि यहां उनका छाया दर्शन होता है. नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है. वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित की. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव ने इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया है. जिसके कारण हम जो भी अच्छे या बुरे कर्म करते हैं, उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं.

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Body:बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में आज कार्तिक मास के अंतिम शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आज शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई। शनिवार बाल धाम में को काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है। महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल के दुकान लगाए गए। वही बाल शनिधाम प्रशासन द्वारा शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई।

आज कार्तिक मास अंतिम शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई आज भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल सहित विशेष प्रकार से आज पूजा की गई। वह गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई। कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को सुबह दूर-दूर से लोग आकर दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचे जबकि शाम को तो मेला के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वही लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं। सुदूर गांव से लोग भगवान शनि की पूजा करने के लिए शनिवार को यहां श्रद्धालु जुटते हैं।

सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था। 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई। जहां शनि भगवान के बाल रूप का पूजा किया जाता है। यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है। नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है।वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया। नागा का बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता है। भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं।उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं।

बाइक- निखिल कुमार शिव भक्त


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