पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट स्थित बाल शनिधाम में आज कार्तिक मास के अंतिम शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई है. शनिवार को बाल धाम में काला ड्रेस पहनकर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई.
अकवन के पत्ते और फूल से हुई पूजा
कार्तिक मास के अंतिम शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते और फूल से पूजा की गई. गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई. कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को सुबह दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे.
2008 में हुई बाल शनिधाम की स्थापना
स्थानीय लोगों ने यहां सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल की दुकानें भी लगाईं हैं. वहीं, बाल शनिधाम प्रशासन ने शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की है. शाम को यहां मेला भी लगता है. सुबह में श्रद्धालु यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं. सुदूर गांव से लोग भगवान शनि की पूजा करने के लिए जुटते हैं. सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है.
शनि भगवान का होता है छाया दर्शन
यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है बल्कि यहां उनका छाया दर्शन होता है. नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है. वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित की. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव ने इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया है. जिसके कारण हम जो भी अच्छे या बुरे कर्म करते हैं, उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं.