पटना: बिहार के पर्यटन मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हाथी कान पूड़ी के साथ एक तस्वीर साझा की है. जिसमें न केवल उन्होंने इसके स्वाद की तारीफ की है, बल्कि तमाम लोगों से भी अपील की है कि बिहार की संस्कृति और बिहारी व्यंजन को प्रोत्साहित करने के लिए साथ आएं. पूरी-सब्जी जैसी दिखने वाली हाथी कान पूड़ी की रेसिपी उससे काफी अलग है, जिस वजह से उसका स्वाद भी काफी बढ़ जाता है.
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तेजस्वी यादव ने हाथी कान पूड़ी की तस्वीर साझा की: हाथी कान पूड़ी खाते हुए तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से तस्वीर पोस्ट किया है. उन्होंने कैप्शन में लिखा है, "बिहार के किस क्षेत्र में "हाथी कान पूरी” (आम बोलचाल में हाथी कान पूड़ी) परंपरागत रूप से परोसी जाती है? विशाल हाथी कान पूड़ी के साथ बुंदिया, कोहड़ा-घुघनी तथा आलू-बैंगन की सब्जी, मिश्रित चटनी एवं दही का स्वादिष्ट भोजन वर्णन से परे है."
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बिहार के किस क्षेत्र में “हाथी कान पूरी” (आम बोलचाल में हाथी कान पूड़ी) परंपरागत रूप से परोसी जाती है?
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विशाल हाथी कान पूड़ी के साथ बुंदिया, कोहड़ा-घुघनी तथा आलू-बैंगन की सब्जी, मिश्रित चटनी एवं दही का स्वादिष्ट भोजन वर्णन से परे है। #Bihar #बिहार #संस्कृति #बिहारीव्यंजन… pic.twitter.com/CBCBBe7pkB
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— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 31, 2023
विशाल हाथी कान पूड़ी के साथ बुंदिया, कोहड़ा-घुघनी तथा आलू-बैंगन की सब्जी, मिश्रित चटनी एवं दही का स्वादिष्ट भोजन वर्णन से परे है। #Bihar #बिहार #संस्कृति #बिहारीव्यंजन… pic.twitter.com/CBCBBe7pkBबिहार के किस क्षेत्र में “हाथी कान पूरी” (आम बोलचाल में हाथी कान पूड़ी) परंपरागत रूप से परोसी जाती है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 31, 2023
विशाल हाथी कान पूड़ी के साथ बुंदिया, कोहड़ा-घुघनी तथा आलू-बैंगन की सब्जी, मिश्रित चटनी एवं दही का स्वादिष्ट भोजन वर्णन से परे है। #Bihar #बिहार #संस्कृति #बिहारीव्यंजन… pic.twitter.com/CBCBBe7pkB
ऐसे खाएंगे तो स्वादिष्ट भोजन वर्णन से परे: उपमुख्यमंत्री ने बिहार के आरा की हाथी कान पूड़ी के स्वाद का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि इसके साथ अगर आप बुंदिया, कोहड़ा-घुघनी और आलू-बैंगन की सब्जी, मिश्रित चटनी और दही खाएं तो आपके भोजन का स्वाद इतना बढ़ जाएगा, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.
हाथी कान पूड़ी पुराना बिहार व्यंजन: दरअसल, बिहार के आरा समेत कई अन्य जिलों में परंपरागत रूप से हाथी कान पूड़ी परोसी जाती है. शादी-विवाह और भंडारा समेत अन्य खास अवसरों पर इसे परंपरागत रूप से तैयार की जाती है. बच्चे-बूढ़े समेत तमाम लोगों को यह व्यंजन काफी पसंद आता है. हालांकि आकार में यह इतना बड़ा होता है कि आमतौर पर एक से दो पूड़ी (पूरी) काफी हो जाती है.
कैसे तैयार होती है हाथी कान पूड़ी?: आटे के गोले को हाथ की कारीगरी से बड़ा आकार दिया जाता है. इसके लिए बेलना की भी मदद ली जा सकती है. फिर उसे खौलता (गर्म) तेल में डालकर तला जाता है. आरा के गांव-गांव और शहरों में लोग इसे विशेष असवरों पर जरूर बनाते हैं. यह सुपाच्य भी होता है, जिस वजह से भोज के मौके पर लोग इसे जरूर खाते हैं. हालांकि हाथी कान पूड़ी को वह पहचान नहीं मिल सकी, जो लिट्टी-चोखा, दही चूड़ा और मखाना खीर जैसे बिहारी व्यंजन को मिली.