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पुलिस उपाधीक्षक मुकुल रंजन और गौरव पांडे के खिलाफ होगी विभागीय कार्रवाई

डीएसपी गौरव पांडे और मुकुल रंजन पर काम में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की जा रही है. दोनों से लिखिल जवाब मांगा गया था. उनके जवाब की समीक्षा के बाद उनके ऊपर कार्रवाई का निर्णय लिया गया है.

पटना
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Published : Jan 8, 2021, 6:44 PM IST

पटना: बिहार सरकार भ्रष्ट और कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है. कार्य में लापरवाही बरतने वाले दो डीएसपी पर विभागीय कार्रवाई की गई. बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षी शाखा के द्वारा बेगूसराय के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक गौरव पांडे पर आरोप है कि उनके क्षेत्र में वर्ष 2018 से मार्च 2019 तक हत्या के 23, डकैती के तीन, लूट के 40 और विविध के 493 कांड दर्ज हुए.

जिसमें से हत्या के शून्य, डकैती के शून्य, लूट के 3 और विविध के 34कांड का उद्भेदन इनके द्वारा किया गया. विगत 5 माह में इनके क्षेत्र में 40 लूट की घटनाएं प्रतिवेदन हुई हैं. जिनमें से मात्र 3 कांडों का उद्भेदन किया गया. इनके क्षेत्र अपराध प्रभावित हैं. जहां लगातार अपराध की घटनाएं घटित हो रही हैं. जिसके नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कार्ययोजना नहीं देखी गई. सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी और अपराध नियंत्रण में इनकी भूमिका नग्न पाई गई है. जिस वजह से इनके विरूद्ध गृह विभाग आरक्षी शाखा बिहार पटना के द्वारा गौरव पांडे से जवाब की मांग की गई थी. इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

बिहार पुलिस के अधिकारी(फाइल फोटो)
बिहार पुलिस के अधिकारी(फाइल फोटो)

पुलिस उप अधीक्षक बैजनाथ सिंह पर भी कार्रवाई
बिहार सरकार के गृह विभाग आरक्षी शाखा द्वारा गौरव पांडे द्वारा समर्पित लिखित बचाओ अभीकथन की समीक्षा की गई. उसके बाद अनुशासनिक के प्राधिकार द्वारा इन के विरुद्ध बिहार सरकार सेवक नियमावली के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई संचालित करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही मुजफ्फरपुर के पुलिस उप अधीक्षक बैजनाथ सिंह को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है.

वहीं, बिहार सरकार के गृह विभाग आरक्षी शाखा द्वारा पुलिस उपाधीक्षक नगर मुजफ्फरपुर मुकुल कुमार रंजन तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक बिहार पुलिस अकैडमी राजगीर नालंदा के विरूद्ध आरोप है कि उनके क्षेत्र में वर्ष 2018 से मार्च 2019 में हत्या के 19 डकैती के 8 लूट के 25 विविध के 663 कुल 633 कांड दर्ज हुए. जिनमें से हत्या के शून्य, डकैती के एक, लूट के 5 और विविध के 25 पुलिस कांड का उद्भेदन इनके द्वारा किया गया. इनके क्षेत्र में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगातार अपराध में वृद्धि हुई है. अपराध नियंत्रण करने में वह पूर्णत विफल रहे हैं.

गृह विभाग की ओर से जारी पत्र
गृह विभाग की ओर से जारी पत्र

ये भी पढ़ेंः बिहार : 20 में हर दिन हुए 8 मर्डर, 'ट्रिपल सी' के लिए CM नीतीश का क्या है ACTION?

गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा मुकुल रंजन द्वारा समर्पित लिखित बचाओ अभी कथन की समीक्षा की गई. उसके बाद अनुशासनिक के पदाधिकारी द्वारा इनके विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई संचालित करने का निर्णय लिया गया है.

पटना: बिहार सरकार भ्रष्ट और कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है. कार्य में लापरवाही बरतने वाले दो डीएसपी पर विभागीय कार्रवाई की गई. बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षी शाखा के द्वारा बेगूसराय के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक गौरव पांडे पर आरोप है कि उनके क्षेत्र में वर्ष 2018 से मार्च 2019 तक हत्या के 23, डकैती के तीन, लूट के 40 और विविध के 493 कांड दर्ज हुए.

जिसमें से हत्या के शून्य, डकैती के शून्य, लूट के 3 और विविध के 34कांड का उद्भेदन इनके द्वारा किया गया. विगत 5 माह में इनके क्षेत्र में 40 लूट की घटनाएं प्रतिवेदन हुई हैं. जिनमें से मात्र 3 कांडों का उद्भेदन किया गया. इनके क्षेत्र अपराध प्रभावित हैं. जहां लगातार अपराध की घटनाएं घटित हो रही हैं. जिसके नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कार्ययोजना नहीं देखी गई. सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी और अपराध नियंत्रण में इनकी भूमिका नग्न पाई गई है. जिस वजह से इनके विरूद्ध गृह विभाग आरक्षी शाखा बिहार पटना के द्वारा गौरव पांडे से जवाब की मांग की गई थी. इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

बिहार पुलिस के अधिकारी(फाइल फोटो)
बिहार पुलिस के अधिकारी(फाइल फोटो)

पुलिस उप अधीक्षक बैजनाथ सिंह पर भी कार्रवाई
बिहार सरकार के गृह विभाग आरक्षी शाखा द्वारा गौरव पांडे द्वारा समर्पित लिखित बचाओ अभीकथन की समीक्षा की गई. उसके बाद अनुशासनिक के प्राधिकार द्वारा इन के विरुद्ध बिहार सरकार सेवक नियमावली के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई संचालित करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही मुजफ्फरपुर के पुलिस उप अधीक्षक बैजनाथ सिंह को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है.

वहीं, बिहार सरकार के गृह विभाग आरक्षी शाखा द्वारा पुलिस उपाधीक्षक नगर मुजफ्फरपुर मुकुल कुमार रंजन तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक बिहार पुलिस अकैडमी राजगीर नालंदा के विरूद्ध आरोप है कि उनके क्षेत्र में वर्ष 2018 से मार्च 2019 में हत्या के 19 डकैती के 8 लूट के 25 विविध के 663 कुल 633 कांड दर्ज हुए. जिनमें से हत्या के शून्य, डकैती के एक, लूट के 5 और विविध के 25 पुलिस कांड का उद्भेदन इनके द्वारा किया गया. इनके क्षेत्र में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगातार अपराध में वृद्धि हुई है. अपराध नियंत्रण करने में वह पूर्णत विफल रहे हैं.

गृह विभाग की ओर से जारी पत्र
गृह विभाग की ओर से जारी पत्र

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गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा मुकुल रंजन द्वारा समर्पित लिखित बचाओ अभी कथन की समीक्षा की गई. उसके बाद अनुशासनिक के पदाधिकारी द्वारा इनके विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई संचालित करने का निर्णय लिया गया है.

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