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पटना के आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल में शुरू हुई किट के माध्यम से डेंगू की जांच प्रक्रिया

पटना के आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल में कीट के माध्यम से डेंगू जांच की प्रक्रिया हुई शुरू हो गई है. दूसरी तरफ डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए पीएमसीएच में 10 बेड रिजर्व किए गए हैं. साथ ही अस्पताल में अनुपलब्ध दवाओं की पूर्ति के लिए प्रक्रिया भी हुई शुरू हो गई है. आगे पढ़ें खबर...

आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल
आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल
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Published : Sep 10, 2022, 5:55 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में डेंगू के मामले (Dengue cases in Patna) काफी बढ़ने लगे हैं. बीते 1 महीने में 150 से अधिक मामले सामने आ गए हैं. पटना के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कुल 30 मरीज एडमिट है. वहीं डेंगू के बढ़ते मामलो को देखते हुए पीएमसीएच में 10 और एनएमसीएच में 12 बेड रिजर्व किए गए हैं .

पढ़ें-पटना में डेंगू के मरीजों की बढ़ती जा रही है संख्या, बीते 3 दिनों में मिले 50 से अधिक संक्रमित



कीट के माध्यम से डेंगू की जांच: पटना में प्रतिदिन 20 से अधिक मामले सामने आने लगे हैं और कंकड़बाग, राजा बाजार, भूतनाथ रोड, कांटी फैक्ट्री रोड, बिस्कोमान कॉलोनी, मलाही पकड़ी, फुलवारीशरीफ, अगमकुआं, बांकीपुर, पटना सिटी जैसे इलाकों में डेंगू के प्रकोप काफी बढ़ा हुआ है. शनिवार दोपहर 2:00 बजे तक सिविल सर्जन कार्यालय से जानकारी मिली है कि अब तक 10 मामले आज आ चुके हैं. डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए कदम कुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल में कीट के माध्यम से डेंगू की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है. डेंगू में दी जाने वाली दवाइयां भी अस्पताल में उपलब्ध है.

"डेंगू के मामले काफी बढ़े हुए हैं, डेंगू के लक्षण हैं कि तेज बुखार और शरीर में दर्द रहता है और कई बार शरीर में चकत्ता भी होने लगता है. ऐसे में इसे हल्के में ना लें और ऐसे लक्षण मिलने पर चिकित्सकों से परामर्श कर तुरंत जांच कराएं. इस बीमारी में पपीते के पत्ते से बनी हुई आयुर्वेदिक दवाई काफी फायदेमंद होती है जो अस्पताल में यह उपलब्ध है. डेंगू के बीमारी में पपीते के पत्ते को उबालकर यदि पिया जाए तो यह काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा कीवी फल और बकरी का दूध भी डेंगू की बीमारी में सेवन करना चाहिए. डेंगू की बीमारी में जो ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं वह इनके सेवन से बढ़ने लगते हैं और तबीयत में सुधार होने लगता है."-डॉ विजय शंकर दुबे, अस्पताल अधीक्षक


जल्द पूरी होगी दवाइयों की कमी: राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में 130 प्रकार की दवाइयों का सेक्शन है, लेकिन 50% से अधिक अभी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. मरीजों की शिकायत थी कि अस्पताल में सभी दवाइयां नहीं मिल रही है. इस पर अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में अभी 44 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है और जो दवाइयां नहीं है उन्हें उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है. मैन पावर की कमी के वजह से कुछ दिनों से औषधि निर्माण रुक गया है जिस कारण थोड़ी दिक्कत आ रही है जल्द ही अस्पताल में सभी अनुपलब्ध दवाओं को उपलब्ध करा लिया जाएगा.

पढ़ें- पटना में डेंगू मच्छरों का प्रकोप, नगर निगम ने चलाया विशेष फागिंग अभियान

पटना: बिहार की राजधानी पटना में डेंगू के मामले (Dengue cases in Patna) काफी बढ़ने लगे हैं. बीते 1 महीने में 150 से अधिक मामले सामने आ गए हैं. पटना के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कुल 30 मरीज एडमिट है. वहीं डेंगू के बढ़ते मामलो को देखते हुए पीएमसीएच में 10 और एनएमसीएच में 12 बेड रिजर्व किए गए हैं .

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कीट के माध्यम से डेंगू की जांच: पटना में प्रतिदिन 20 से अधिक मामले सामने आने लगे हैं और कंकड़बाग, राजा बाजार, भूतनाथ रोड, कांटी फैक्ट्री रोड, बिस्कोमान कॉलोनी, मलाही पकड़ी, फुलवारीशरीफ, अगमकुआं, बांकीपुर, पटना सिटी जैसे इलाकों में डेंगू के प्रकोप काफी बढ़ा हुआ है. शनिवार दोपहर 2:00 बजे तक सिविल सर्जन कार्यालय से जानकारी मिली है कि अब तक 10 मामले आज आ चुके हैं. डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए कदम कुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल में कीट के माध्यम से डेंगू की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है. डेंगू में दी जाने वाली दवाइयां भी अस्पताल में उपलब्ध है.

"डेंगू के मामले काफी बढ़े हुए हैं, डेंगू के लक्षण हैं कि तेज बुखार और शरीर में दर्द रहता है और कई बार शरीर में चकत्ता भी होने लगता है. ऐसे में इसे हल्के में ना लें और ऐसे लक्षण मिलने पर चिकित्सकों से परामर्श कर तुरंत जांच कराएं. इस बीमारी में पपीते के पत्ते से बनी हुई आयुर्वेदिक दवाई काफी फायदेमंद होती है जो अस्पताल में यह उपलब्ध है. डेंगू के बीमारी में पपीते के पत्ते को उबालकर यदि पिया जाए तो यह काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा कीवी फल और बकरी का दूध भी डेंगू की बीमारी में सेवन करना चाहिए. डेंगू की बीमारी में जो ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं वह इनके सेवन से बढ़ने लगते हैं और तबीयत में सुधार होने लगता है."-डॉ विजय शंकर दुबे, अस्पताल अधीक्षक


जल्द पूरी होगी दवाइयों की कमी: राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में 130 प्रकार की दवाइयों का सेक्शन है, लेकिन 50% से अधिक अभी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. मरीजों की शिकायत थी कि अस्पताल में सभी दवाइयां नहीं मिल रही है. इस पर अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में अभी 44 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है और जो दवाइयां नहीं है उन्हें उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है. मैन पावर की कमी के वजह से कुछ दिनों से औषधि निर्माण रुक गया है जिस कारण थोड़ी दिक्कत आ रही है जल्द ही अस्पताल में सभी अनुपलब्ध दवाओं को उपलब्ध करा लिया जाएगा.

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