पटना : बिहार में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी पटना बुरी तरह से इसकी चपेट में आ गया है. प्रदेश में डेंगू का आंकड़ा बढ़कर 360 से अधिक हो गया है. भागलपुर और पटना डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं और दोनों जगह डेंगू के मामले 100 से अधिक हैं. पटना में आज बुधवार को डेंगू के 33 नए मामले पाए गए. जिले में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 146 हो गई है.
बिहार में डेंगू के मामले बढ़े: बिहार में डेंगू के मामले में इजाफा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हाई लेवल बैठक की , जिसमें सभी जिला के सिविल सर्जन और सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पदाधिकारी शामिल हुए. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को डेंगू के मामले को लेकर अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है.
सभी अस्पताल में इमरजेंसी बेड रिजर्व : साथ ही डेंगू के जांच के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध रखने के साथ-साथ जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. इसके अलावा अस्पताल परिसर के आसपास विशेष साफ सफाई का निर्देश देते हुए कहा है कि अस्पतालों में कहीं भी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो और इसको लेकर अस्पताल के संबंधित पदाधिकारी ध्यान दें. इसके अलावा डेंगू के गंभीर स्थिति के मरीजों के लिए भी इमरजेंसी बेड रिजर्व रखने का निर्देश दिया है.
डेंगू के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी : बताते चलें कि डेंगू की रोकथाम, मरीजों के इलाज और उसके समुचित प्रबंधन की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना में 104 कॉल सेंटर सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. डेंगू के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2370131 भी जारी की गई है. इसके साथ-साथ फागिंग को लेकर भी लोगों की सहायता के लिए फोन नंबर 0612-2951964 और व्हाट्सएप नंबर 7739851777 जारी की गई है. राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए राज्यभर में जागरुकता अभियान चलाया रहा है.
डेंगू मरीजों के लिए सभी अस्पतालों में बेड भी रिजर्व : पटना जिला सिविल सर्जन डॉक्टर श्रवण कुमार ने बताया है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड रिजर्व किया गया है, जिला अस्पताल में 10 बेड रिजर्व किया गया है, अनुमंडल अस्पताल में दो बेड रिजर्व किया गया है और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दो बेड रिजर्व किया गया है. सभी पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू का रैपिड एंटीजन किट का प्रबंध कर दिया गया है और किट में पॉजीटिव आने पर एलाईजा टेस्ट कराया जा रहा है जो कंफर्मेटरी माना जाता है.
"एलाईजा टेस्ट की सुविधा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध है. इसके अलावा आरएमआरआई सेंटर और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध है". - श्रवण कुमार, सिविल सर्जन, पटना
सभी अस्पताल अलर्ड मोड पर : आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक सह उपनिदेशक डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि डेंगू मरीजों को लेकर के अस्पताल में पूरी व्यवस्था उपलब्ध है और अस्पताल अलर्ट मोड पर है. हालांकि इस बार खासियत है कि डेंगू के मामले में प्लेटलेट्स अधिक कम नहीं हो रहे हैं. डेंगू के साथ-साथ वायरल फीवर भी अधिक चल रहा है, लेकिन डेंगू में एंटीबायोटिक काम नहीं करता इसलिए पेरासिटामोल का ही सेवन करें.
"वजन 60 केजी से कम है तो 500 एमजी का पेरासिटामोल का सेवन करें और अधिक है तो 650 एमजी के पेरासिटामोल का सेवन करें. डेंगू से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें और प्रचुर मात्रा में पानी पीएं".- मनीष मंडल, अधीक्षक सह उपनिदेशक, आईजीआईएमएस, पटना
डेंगू होने पर घबराएं नहीं : डॉ मनीष मंडल ने बताया कि बरसात का मौसम है इसलिए स्ट्रीट फूड से बचें. हाइजीन का ख्याल रखें. डेंगू के मच्छर से बचने के लिए फुल पैंट और फुल स्लीव का शर्ट पहने. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. डेंगू होने पर घबराएं नहीं. यदि 20000 से कम प्लेटलेट्स जाता है तब प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है. इसके अलावा यदि किसी को ब्लीडिंग हो रहा है और प्लेटलेट्स 20000 के पास जा रहा है, तब आवश्यकता होती है प्लेटलेट्स चढ़ाने की. सामान्य तौर पर डेंगू का बुखार 4 से 5 दिनों में उतर जा रहा है.
पटना में 375 एंटी लार्वा टीम रवाना : पटना में डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए पटना नगर निगम ने बुधवार को 375 एंटी लार्वा छिड़काव टीम को रवाना किया. महापौर सीता साहू और नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने विशेष अभियान के तहत टीम को रवाना करते हुए प्रत्येक दिन एक टीम को 50 घर में जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही इस टीम को छिड़काव के बाद प्रत्येक घर से फीडबैक फार्म भी भरवाना है. यह टीम लोगों से अपील करेगी कि अपने आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने दें.