पटना: भवन निर्माण मंत्री सगुना मोड़ स्थित दृष्टिपुंज अस्पताल में आयोजित लाइव आई सर्जरी के डेमोंस्ट्रेशन कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे. इस मौके पर बिहार सहित देश भर के लगभग 100 से ज्यादा आई सर्जन इस डेमोंस्ट्रेशन के गवाह बने. भवन निर्माण मंत्री ने कहा कि ब्लेडरहित लेजर के माध्यम से मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने वाली ये लेटेस्ट मशीन बिहार के सरकारी अस्पतालों में भी होनी चाहिए.
रविवार को हुए लाइव आई सर्जरी डेमोंस्ट्रेशन के लिए बिहार में पहली रोबोटिक प्रेसिजन फेमटोसेकंड तकनीक मशीन लगाई गई. दृष्टिपुंज अस्पताल में लगी इस मशीन के जरिए मोतियाबिंद का लाइव ऑपरेशन किया गया. इसका डेमोंस्ट्रेशन देखने के लिए बिहार सहित देश भर के 100 आई सर्जन आये हुए थे. इस अवसर पर दृष्टिपुंज अस्पताल ने अपनी दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर डिस्कवरी-2019 कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने किया.
देशभर के प्रख्यात डॉक्टर्स रहे शामिल
कार्यक्रम में दिल्ली एम्स के आई सर्जन डॉ. राजेश सिन्हा, रांची के प्रख्यात आई सर्जन डॉ. बीपी कश्यप और दृष्टिपुंज के चिकित्सक डॉ. सत्यप्रकाश, डॉ. रंधीर झा और डॉ. निम्मी झा ने फेमटोलेजर असिस्टेंड कैटरेक्ट सर्जरी का लाइव सर्जिकल डेमोंस्ट्रेशन दिया. इस सर्जरी के माध्यम से बताया गया कि रोबोटिक कैटरेक्ट सर्जरी मोतियाबिंद की सरल और प्रभावी सर्जरी है, जिसमें लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता है. इस लाइव सर्जरी के गवाह देश भर के डॉक्टरों के साथ सूबे के भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार भी बने.
बिहार के मरीजों को होगा फायदा-अशोक कुमार
भवन निर्माण मंत्री ने कहा कि मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन के लिए जिस मशीन को दृष्टिपुंज अस्पताल पहली बार बिहार में लाया है. उससे बिहार के मरीजों को काफी फायदा होगा. इस मशीन से आंखों की समस्या बहुत हद तक दूर होगी. उन्होंने कहा कि वो दृष्टिपुंज अस्पताल प्रबंधन से अपील करते हैं कि इस मशीन का लाभ बीपीएल सूची के नीचे आने वाले गरीबो को भी दें.
गरीब मरीजों को मिले फायदा
उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन कोई ऐसी व्यवस्था लाये, जिससे इस नई तकनीक का फायदा गरीब मरीजों को मिल सके. उन्होंने बिहार सरकार से भी अपील की है कि इस तरह के नए और लेटेस्ट तकनीक की मशीन को सरकारी अस्पतालों में भी लगाया जाए, ताकि बिहार के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.
बिना दर्द मोतियाबिंद का ऑपरेशन
इस मौके पर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ये मशीन ब्लेडरहित मोतियाबिंद का ऑपरेशन लेजर के माध्यम से करती है. ये बिहार की पहली ऐसी मशीन है. इससे आंख की समस्या वाले मरीजों को बिना दर्द और टांके के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो जाता है.