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विधानसभा में उठी पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग, सरकार का जवाब- करेंगे समीक्षा

बिहार विधान सभा का बजट सत्र चल रहा है. बजट सत्र के दौरान विपक्षी दल लगातार सरकार को घेर रहे हैं. वहीं सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग सदन में उठायी.

बिहार विधान सभा
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Published : Feb 27, 2021, 7:55 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का छठा दिन भी हंगामेदार रहा. इन सबके बीच विधान परिषद में त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने को लेकर जदयू और बीजेपी के विधान पार्षदों ने सवाल उठाया और पंचायती राज मंत्री से मानदेय बढ़ाने की मांग की.

सदन में पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की उठी मांग
बिहार सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के साथ ही पेंशन भी देने पर विचार कर रही है. शुक्रवार को विधान परिषद में सदस्यों की मांग पर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अपना पक्ष रखा. पंचायती राज मंत्री ने विस्तार से बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में कब और कितनी वृद्धि हुई.

उन्होंने कहा कि बिहार में जब से एनडीए की सरकार बनी है, तब से सरकार उन्हें मानदेय के रूप में वेतन दे रही है. सरकार 2013 में ही सभी भत्तों की जगह मासिक मानदेय निर्धारित कर चुकी है. सरकार उनका मानदेय बढ़ाने को लेकर समीक्षा करेगी और उसके बाद निर्णय लेगी. पंचायतों के वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव के स्थान पर समिति के ही खाते में विकास राशि देने पर भी विचार किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- चौकीदार-दफादार के आश्रितों को राहत, अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए जल्द जारी होंगे आदेश

मानदेय बढ़ाने का सभी ने किया समर्थन
करीब ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि और 8386 पंचायतों से सीधे जुड़े नेता इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष एक सुर में सरकार से अपनी मांग पूरी कराने को लेकर दबाव बनाये. जिसकी शुरुआत राजेश राम, मनोरमा देवी, रेखा यादव, रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय के अलावा और कई अन्य सदस्यों ने सदन में उठाया. मनोरमा देवी और रेखा पासवान ने कहा कि हम लोगों ने सरकार को अपना सुझाव दिया है. हमारे सुझाव पर सरकार विचार विमर्श कर रही है और बहुत जल्द हमारी मांगों पर सरकार विचार करेगी. सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का काम करेगी.

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मनोरमा देवी, जेडीयू विधायक

मानदेय में बढ़ोतरी के लिए बनेगी कमेटी
पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनकर विधान परिषद पहुंचने वाले सदस्यों की मांग पर राज्य सरकार विचार करेगी. सदन में मामला उठने के बाद पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा सरकार इसके लिए एक कमेटी बनाएगी. कमेटी के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा कि प्रतिनिधियों की मानदेय में कितना बढ़ोतरी की जा सकती है.

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रेखा यादव, जेडीयू विधायक

यह भी पढ़ें- बजट सत्र: विधानसभा में आज द्वितीय अनुपूरक आय-व्यय पर चर्चा

अभी इतना मिलता है मानदेय:

  • जिला पार्षद अध्यक्ष ‍12,000
  • जिला पार्षद उपाध्यक्ष 10,000
  • पंचायत समिति के प्रमुख 10,000
  • पंचायत समिति के उपप्रमुख 5,000
  • मुखिया 2,500
  • उपमुखिया 1,200
  • सरपंच 2,500
  • उप सरपंच 1,200
  • जिला पार्षद सदस्य 2,500
  • पंचायत समिति सदस्य 1,000
  • ग्राम पंचायत सदस्य 500
  • ग्राम पंचायत कचहरी सदस्य 500

पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का छठा दिन भी हंगामेदार रहा. इन सबके बीच विधान परिषद में त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने को लेकर जदयू और बीजेपी के विधान पार्षदों ने सवाल उठाया और पंचायती राज मंत्री से मानदेय बढ़ाने की मांग की.

सदन में पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की उठी मांग
बिहार सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के साथ ही पेंशन भी देने पर विचार कर रही है. शुक्रवार को विधान परिषद में सदस्यों की मांग पर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अपना पक्ष रखा. पंचायती राज मंत्री ने विस्तार से बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में कब और कितनी वृद्धि हुई.

उन्होंने कहा कि बिहार में जब से एनडीए की सरकार बनी है, तब से सरकार उन्हें मानदेय के रूप में वेतन दे रही है. सरकार 2013 में ही सभी भत्तों की जगह मासिक मानदेय निर्धारित कर चुकी है. सरकार उनका मानदेय बढ़ाने को लेकर समीक्षा करेगी और उसके बाद निर्णय लेगी. पंचायतों के वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव के स्थान पर समिति के ही खाते में विकास राशि देने पर भी विचार किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

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मानदेय बढ़ाने का सभी ने किया समर्थन
करीब ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि और 8386 पंचायतों से सीधे जुड़े नेता इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष एक सुर में सरकार से अपनी मांग पूरी कराने को लेकर दबाव बनाये. जिसकी शुरुआत राजेश राम, मनोरमा देवी, रेखा यादव, रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय के अलावा और कई अन्य सदस्यों ने सदन में उठाया. मनोरमा देवी और रेखा पासवान ने कहा कि हम लोगों ने सरकार को अपना सुझाव दिया है. हमारे सुझाव पर सरकार विचार विमर्श कर रही है और बहुत जल्द हमारी मांगों पर सरकार विचार करेगी. सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का काम करेगी.

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मनोरमा देवी, जेडीयू विधायक

मानदेय में बढ़ोतरी के लिए बनेगी कमेटी
पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनकर विधान परिषद पहुंचने वाले सदस्यों की मांग पर राज्य सरकार विचार करेगी. सदन में मामला उठने के बाद पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा सरकार इसके लिए एक कमेटी बनाएगी. कमेटी के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा कि प्रतिनिधियों की मानदेय में कितना बढ़ोतरी की जा सकती है.

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रेखा यादव, जेडीयू विधायक

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अभी इतना मिलता है मानदेय:

  • जिला पार्षद अध्यक्ष ‍12,000
  • जिला पार्षद उपाध्यक्ष 10,000
  • पंचायत समिति के प्रमुख 10,000
  • पंचायत समिति के उपप्रमुख 5,000
  • मुखिया 2,500
  • उपमुखिया 1,200
  • सरपंच 2,500
  • उप सरपंच 1,200
  • जिला पार्षद सदस्य 2,500
  • पंचायत समिति सदस्य 1,000
  • ग्राम पंचायत सदस्य 500
  • ग्राम पंचायत कचहरी सदस्य 500
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