पटना: बिहार में सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की मांग (7th phase Teacher Recruitment In Bihar) को लेकर पटना में छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है. मंगलवार को पटना में डाकबंगला चौराहा के पास जाम के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज (Lathi Charged On Teacher Candidates) किया गया. वहीं लाठीचार्ज के अगले दिन बुधवार को गर्दनीबाग में शिक्षक अभ्यर्थियों को धरने पर पुलिस की ओर से नहीं बैठने दिया गया. अभ्यर्थी खड़े-खड़े जल्द से जल्द सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की अधिसूचना जारी करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
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"शिक्षा विभाग से पहले जुलाई में सातवें चरण के बहाली को लेकर शेड्यूल जारी हुआ था लेकिन अब तक प्राथमिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. अगस्त में कहा था कि शिक्षा विभाग में लाखों वैकेंसी है और जल्द शिक्षकों की बहाली को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और शिक्षा मंत्री दिसंबर में भी कहते हैं कि प्रदेश में लाखों शिक्षकों की वैकेंसी है. जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा ऐसे में वह जानना चाहती है कि सरकार के मंत्री के लिए जल्द का मतलब कितने महीने होते हैं".-अनामिका सिंह, शिक्षक अभ्यर्थी
"मंगलवार को उनके प्रदर्शन पर लाठीचार्ज हुआ और अब उन्हें गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन करने के लिए भी बैठने नहीं दिया जा रहा है ऐसे में वह खड़े होकर अपना विरोध जता रहे हैं. यदि विधानसभा सत्र समाप्त होने तक सातवें चरण के शिक्षक बहाली को लेकर नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया तो पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालय स्तर तक प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा आंदोलन किया जाएगा."- अनीश कुमार, शिक्षक अभ्यर्थी
"शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर सिर्फ शिक्षक अभ्यर्थियों का ही हित नहीं चाहते बल्कि वह चाहते हैं कि प्रदेश के गरीबों के बच्चों का भविष्य सुधरे. नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चे सरकारी विद्यालय में नहीं पड़ते हैं और सरकारी विद्यालय में सिर्फ गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं और वहां शिक्षकों की कमी होने की वजह से बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है ऐसे में एपीजे अब्दुल कलाम के सपनों का भारत नहीं बन पाएगा."-मृत्युंजय कुमार, शिक्षक अभ्यर्थी
"लाठीचार्ज से शिक्षक भर्ती टूटे नहीं है और उनका मनोबल अभी भी बना हुआ है. जब आंदोलन शुरू हुई थी तब उसका एक लक्ष्य तैयार किया गया था और जब तक लक्ष्य की पूर्ति नहीं होती है आंदोलन जारी है. शीतकालीन सत्र तक यदि सातवें चरण के शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में शिक्षक भर्ती आंदोलन करेंगे." विकास कुमार, शिक्षक अभ्यर्थी
लाठीचार्ज को शिक्षक अभ्यर्थियों में नाराजगीः प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण के शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन जल्द निकालने को लेकर राज्य सरकार को चेतावनी दे रहे हैं. बहाली को लेकर नोटिफिकेशन जल्द निकालने की मांग को लेकर मंगलवार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने पटना में प्रदर्शन किया था. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठीचार्ज किया. इससे पहले 22 अगस्त को अभ्यर्थी इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे तो पटना में उनके ऊपर जबरदस्त लाठीचार्ज हुआ था. विधानसभा सत्र के दौरान यदि सातवें चरण की बहाली को लेकर नोटिफिकेशन निकालने संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू होगा.
4 लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली होने का दावाः बुधवार को गर्दनीबाग धरना स्थल पर खड़ा होकर अपना प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों में एक अभ्यर्थी अनीश कुमार ने बताया कि वह भोजपुर जिला से आए हुए हैं और जल्द नोटिफिकेशन जारी किए जाने की मांग को लेकर वह प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की काफी कमी है और शिक्षकों की बहाली ना करके प्रदेश में सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रही है और सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को बेहतर शिक्षा से वंचित कर रही है. उन्होंने बताया कि 2019 के शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 3.50 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं और इसके बाद से काफी शिक्षक रिटायर किए हैं ऐसे में वर्तमान समय में 4 लाख से अधिक शिक्षकों के पद प्रदेश में रिक्त हैं.
छठे चरण में 94000 पदों की बहाली में 43000 की ही हुई बहालीः शिक्षक अभ्यर्थी विकास कुमार ने कहा कि वह शिक्षकों की बहाली की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश में 3.50 लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं. शिक्षकों की कमी होने की वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे गरीब बच्चे होते हैं. छठे चरण में 94000 पदों पर शिक्षक बहाली निकली जिसमें 43000 पदों पर ही बहाली हुई और उनमें से 5000 को फर्जी करार दिया गया ऐसे में वर्तमान में शिक्षकों के काफी पद प्रदेश में रिक्त हैं.
लंबे समय से चल रहा है आंजोलन: सातवें चरण के नियोजन की तिथि की घोषणा की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन में सीटीईटी (Central Teachers Eligibility Test) और बीटीईटी (Bihar Teacher Eligibility Test) पास अभ्यार्थी शामिल हैं. शिक्षक अभ्यार्थियों ने बताया कि पूर्व में आंदोलन के दौरान हम लोगों ने पुतला दहन, बाल मुंडन सहित कई तरीके से सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शिक्षा मंत्री सिर्फ और सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. नियोजन की तिथि की घोषणा नहीं कर रहे हैं.