ETV Bharat / state

जातीय जनगणना का विरोध करने वाले देशद्रोही हैं : दानिश रिजवान - caste census opposing

सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता सुबाष सिंह ने आर्थिक जनगणना को जातीय जनगणना से ज्यादा जरूरी बताया है. इसपर हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि जातीय जनगणना का विरोध करने वाले लोग देशद्रोही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

danish rizwan
दानिश रिजवान
author img

By

Published : Aug 26, 2021, 7:24 PM IST

पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर लगातार बिहार में सियासी बयानबाजी हो रही है. गुरुवार को सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता सुबाष सिंह (Subash Singh) ने कहा कि जातीय जनगणना से ज्यादा जरूरी आर्थिक जनगणना है. सुबाष के इस बयान पर हम (Hindustani Awam Morcha) ने पलटवार किया है.

यह भी पढ़ें- बोले सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह- 'जातीय जनगणना नहीं, आर्थिक जनगणना है जरूरी'

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, 'जातीय जनगणना का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो शुरू से बाबा साहेब द्वारा लिखे गए संविधान के विरोधी हैं. जब जाति का टाइटल लोग लगाते हैं तो विरोध किस बात का है. जितनी इनकी संख्या है उससे अधिक सत्ता में भागीदारी ली है. उन्हें ताकत छिनने का डर सता रहा है. इसीलिए वे लोग जातीय जनगणना का विरोध कर रहे हैं.'

देखें वीडियो

"हमारी पार्टी का मानना है कि जातीय जनगणना होने से समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा. कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि बिहार में जातीय जनगणना हो. ये लोग शुरू से संविधान विरोधी रहे हैं. ऐसे लोग संविधान विरोधी ही नहीं, बल्कि देशद्रोही भी हैं."- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

बता दें कि बीजेपी कार्यालय में लगे सहयोग कार्यक्रम में सुबाष सिंह ने कहा है कि जातीय जनगणना जरूरी नहीं है. जनगणना आर्थिक आधार पर होना चाहिए. हमारा नारा है 'सबका साथ, सबका विश्वास'. हम लगातार यही सोचकर जनहित के काम कर रहे हैं. कहीं भी कोई भेदभाव नहीं करते हैं. जातीय आधार बनाकर कभी भी किसी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता. जो लोग ऐसा कह रहे हैं वे बताएं कि क्या राशन कार्ड भी जाति देखकर बनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- '...तो नीतीश कुमार ने भी मान ही लिया कि बाएं-दाएं करके बिहार में जहरीली शराब की होती है तस्करी'

पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर लगातार बिहार में सियासी बयानबाजी हो रही है. गुरुवार को सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता सुबाष सिंह (Subash Singh) ने कहा कि जातीय जनगणना से ज्यादा जरूरी आर्थिक जनगणना है. सुबाष के इस बयान पर हम (Hindustani Awam Morcha) ने पलटवार किया है.

यह भी पढ़ें- बोले सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह- 'जातीय जनगणना नहीं, आर्थिक जनगणना है जरूरी'

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, 'जातीय जनगणना का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो शुरू से बाबा साहेब द्वारा लिखे गए संविधान के विरोधी हैं. जब जाति का टाइटल लोग लगाते हैं तो विरोध किस बात का है. जितनी इनकी संख्या है उससे अधिक सत्ता में भागीदारी ली है. उन्हें ताकत छिनने का डर सता रहा है. इसीलिए वे लोग जातीय जनगणना का विरोध कर रहे हैं.'

देखें वीडियो

"हमारी पार्टी का मानना है कि जातीय जनगणना होने से समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा. कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि बिहार में जातीय जनगणना हो. ये लोग शुरू से संविधान विरोधी रहे हैं. ऐसे लोग संविधान विरोधी ही नहीं, बल्कि देशद्रोही भी हैं."- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

बता दें कि बीजेपी कार्यालय में लगे सहयोग कार्यक्रम में सुबाष सिंह ने कहा है कि जातीय जनगणना जरूरी नहीं है. जनगणना आर्थिक आधार पर होना चाहिए. हमारा नारा है 'सबका साथ, सबका विश्वास'. हम लगातार यही सोचकर जनहित के काम कर रहे हैं. कहीं भी कोई भेदभाव नहीं करते हैं. जातीय आधार बनाकर कभी भी किसी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता. जो लोग ऐसा कह रहे हैं वे बताएं कि क्या राशन कार्ड भी जाति देखकर बनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- '...तो नीतीश कुमार ने भी मान ही लिया कि बाएं-दाएं करके बिहार में जहरीली शराब की होती है तस्करी'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.