पटना: राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण 31 जुलाई तक लॉकडाउन है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी दैनिक मजदूरों को हो रही है. ये सभी लोग राजधानी के अलग-अलग चौक चौराहों पर काम की आस में बैठे रहते हैं, लेकिन कोई काम नहीं मिलता. जिस कारण से ये सभी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.
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बता दें कि इन दैनिक कामगारो में राजमिस्त्री से लेकर छोटे-मोटे काम करने वाले लोग होते हैं. लॉकडाउन के कारण इनका रोजगार पूरी तरह से बंद हो गया है. काम की तलाश में शेखपुरा मोड़ के पास बैठे मजदूर दिनेश ने बताया कि लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा है. अब जिंदगी जीना मुश्किल हो रहा है. परिवार कैसे चलाएंगे, इसी की चिंता हमेशा सताती रहती है.
सरकार पर गंभीर आरोप
इसके अलावे अन्य मजदूरों ने बताया कि सरकार जान बूझकर ऐसे काम कर रही है. पहले लॉकडाउन में सड़क पर भोजन के पैकेट बांटे जा रहे थे, इससे लोगों को थोड़ी बहुत राहत थी. लेकिन काम नहीं मिलने के बाद और फूड पैकेट नहीं मिलने से खाने की चिंता सता रही है. ऐसे समय में काम के लिए काफी भटक रहे हैं पर कहीं कोई काम नहीं मिल रहा है. साथ ही कुछ मजदूरों ने राज्य सरकार से उनलोगों को कुछ राहत देने की अपील की.