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लॉकडाउन में सक्रिय हुए साइबर अपराधी, पटना के पूर्व IG को बनाया निशाना

लॉकडाउन में हुए पूर्व आईजी किरण कुमार के साथ साइबर क्राइम मामले में पुलिस ने अपराधी को चिन्हित कर लिया है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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Published : May 26, 2020, 11:18 PM IST

Updated : May 27, 2020, 11:57 PM IST

पटना: लॉकडाउन में साइबर क्राइम का मामला काफी बढ़ता जा रहा है. पटना के रिटायर्ड आईजी किरण कुमार इस बार साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए हैं. इस बाबत उन्होंने पटना पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल में लिखित शिकायत भी दी, वहीं, साइबर सेल के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि पूर्व आईजी किरण कुमार के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर फ्रॉड को चिन्हित कर लिया गया है. हालांकि लॉकडाउन होने की वजह से उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं हो पाई है.

दरअसल, पिछले महीने रिटायर्ड आईजी किरण कुमार को दिल्ली डीडीए में फ्लैट दिलाने के नाम पर कुछ साइबर फ्रॉड की ओर से ठग लिए गए. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि रिटायर्ड आईजी किरण कुमार ने रिटायरमेंट के बाद दिल्ली के डीडीए में एक फ्लैट बुक करवाया. हालांकि पहले अलॉटमेंट में उन्हें फ्लैट अलॉट नहीं हुआ और इसका कंफर्मेशन उनके मेल पर आ गया.

पेश है रिपोर्ट

मेल से मांगी गई रकम
एसपी ने कहा कि कुछ दिनों बाद ठीक उसी मेल से मिलता-जुलता एक मेल किरण कुमार के मेल पर आया कि दूसरे एलॉटमेंट में उन्हें डीडीए में फ्लैट अलॉट कर दिया गया है. एसपी ने आगे बताया कि इसके एवज में उन्हें तुरंत ढ़ाई लाख रुपए मेल में दिए गए अकाउंट नंबर पर भेजने हैं. प्रान्तोष कुमार ने बताया कि रिटायर्ड आईजी ने बिना देर किए हुए मेल में दिए गए अकाउंट नंबर पर ढाई लाख रुपए भेज दिए. बता दें कि जब आईजी दिल्ली अपने फ्लैट की पोजीशन लेने पहुंचे तब उन्हें उनके ठगे जाने की जानकारी मिली और पटना पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल में उन्होंने मामला दर्ज करवाया.

साइबर SP ने दी जानकारी
मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने जांच की गति तेज कर दी. साइबर सेल एसपी प्रान्तोष दास ने कहा कि इस पूरे मामले में सेल ने जांच की है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को चिन्हित कर लिया गया है. लॉकडाउन के कारण गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पटना साइबर सेल के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि लोग लापरवाही के कारण ठगी का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोग तीन बातों का ख्याल रखें तो ऑनलाइन ठगी से बचा जा सकता है. जिसमें सबसे पहले किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोबाइल चार्ज करने से लोगों को बचना चाहिए. दूसरा अगर आपके सोशल मीडिया या मेल पर किसी प्रकार का कोई लिंक आता है तो बिना उसकी सत्यता की जांच किए हुए उस पर क्लिक न करें और किसी के साथ अपना ओटीपी शेयर ना करें.

पटना: लॉकडाउन में साइबर क्राइम का मामला काफी बढ़ता जा रहा है. पटना के रिटायर्ड आईजी किरण कुमार इस बार साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए हैं. इस बाबत उन्होंने पटना पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल में लिखित शिकायत भी दी, वहीं, साइबर सेल के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि पूर्व आईजी किरण कुमार के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर फ्रॉड को चिन्हित कर लिया गया है. हालांकि लॉकडाउन होने की वजह से उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं हो पाई है.

दरअसल, पिछले महीने रिटायर्ड आईजी किरण कुमार को दिल्ली डीडीए में फ्लैट दिलाने के नाम पर कुछ साइबर फ्रॉड की ओर से ठग लिए गए. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि रिटायर्ड आईजी किरण कुमार ने रिटायरमेंट के बाद दिल्ली के डीडीए में एक फ्लैट बुक करवाया. हालांकि पहले अलॉटमेंट में उन्हें फ्लैट अलॉट नहीं हुआ और इसका कंफर्मेशन उनके मेल पर आ गया.

पेश है रिपोर्ट

मेल से मांगी गई रकम
एसपी ने कहा कि कुछ दिनों बाद ठीक उसी मेल से मिलता-जुलता एक मेल किरण कुमार के मेल पर आया कि दूसरे एलॉटमेंट में उन्हें डीडीए में फ्लैट अलॉट कर दिया गया है. एसपी ने आगे बताया कि इसके एवज में उन्हें तुरंत ढ़ाई लाख रुपए मेल में दिए गए अकाउंट नंबर पर भेजने हैं. प्रान्तोष कुमार ने बताया कि रिटायर्ड आईजी ने बिना देर किए हुए मेल में दिए गए अकाउंट नंबर पर ढाई लाख रुपए भेज दिए. बता दें कि जब आईजी दिल्ली अपने फ्लैट की पोजीशन लेने पहुंचे तब उन्हें उनके ठगे जाने की जानकारी मिली और पटना पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल में उन्होंने मामला दर्ज करवाया.

साइबर SP ने दी जानकारी
मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने जांच की गति तेज कर दी. साइबर सेल एसपी प्रान्तोष दास ने कहा कि इस पूरे मामले में सेल ने जांच की है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को चिन्हित कर लिया गया है. लॉकडाउन के कारण गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पटना साइबर सेल के एसपी प्रान्तोष कुमार दास कहते हैं कि लोग लापरवाही के कारण ठगी का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोग तीन बातों का ख्याल रखें तो ऑनलाइन ठगी से बचा जा सकता है. जिसमें सबसे पहले किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोबाइल चार्ज करने से लोगों को बचना चाहिए. दूसरा अगर आपके सोशल मीडिया या मेल पर किसी प्रकार का कोई लिंक आता है तो बिना उसकी सत्यता की जांच किए हुए उस पर क्लिक न करें और किसी के साथ अपना ओटीपी शेयर ना करें.

Last Updated : May 27, 2020, 11:57 PM IST
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