पटना: जिले के मसौढ़ी में स्थित मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर श्रद्धा भक्ति और आस्था का अटूट संगम है. इस मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. छठ पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने आते हैं. संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ठ निवारण के रूप में यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है.
मनोकामना का लेते हैं संकल्प
राजधानी पटना से मात्र 30 किलोमीटर स्थित मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर छठ पूजा को लेकर अति विशिष्ट महत्व रखता है. यहां कार्तिक और चैती छठ पूजा पर स्थानीय समेत दूरदराज से लाखों श्रद्धालु व्रत करने आते हैं. इसमें कई लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर और कई लोग मन्नत उतारने के लिए मनोकामना का संकल्प लेते हैं.
सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
ऐसी मान्यता है कि प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में सच्चे मन से भगवान भास्कर की आराधना करने वाले श्रद्धालुओं को कुष्ठ रोग से मुक्ति और संतान की कामना करने वाले दंपती की मुरादे जरूर पूरी होती है. लग्न में शादी विवाह करने वाले को लेकर लोगों का हुजूम रहता है. यहां शादी करने वाले जोड़े पर आराध्य देव सूर्य नारायण की कृपा दृष्टि बनी रहती है. ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1949 में निवासी रामखेलावन के खेत में जुदागी गोप के माध्यम की जा रही खेत जुताई के दौरान भगवान श्री विष्णु की अभंग मूर्ति जमीन के अंदर से निकली थी. उस समय से ही गांव के लोगों ने पूजा शुरू कर दी थी.
लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़
महंत प्रयाग राउत और ग्रामीणों की पहल पर मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया गया. इस दौरान विश्राम सिंह को पुत्र रत्न प्राप्ति के बाद सूर्य मंदिर कुंड के लिए 5 बीघा जमीन दान दिया. वहीं धीरे-धीरे यह पूरे इलाके में सूर्य मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बन गया. आज पूरे पटना जिले में यह सुप्रसिद्ध मनोकामना पूर्ण मंदिर के नाम से जाना जाने लगा है. प्रत्येक रविवार को यहां अराध्यदेव सूर्यनारायण पर दूध चढ़ाने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है और चार दिवसीय अनुष्ठान छठ पर्व को लेकर लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है.