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कार्तिक महीने के पहले शनिवार को बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - patna

शनिधाम के संस्थापक नागा बाबा ने बताया कि यहां लगभग 25 हजार लोग दर्शन करने आते हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार की शाम यहां मेले जैसी भीड़ उमड़ती है. लोग यहां तिल के तेल के दीये जलाने के लिए आते हैं.

बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Oct 19, 2019, 11:46 PM IST

पटना: जिले में बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में बाल शनिधाम मंदिर स्थित है. कार्तिक महीने के पहले शनिवार को यहां विशेष पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. इस अवसर पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई थी.

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बाल शनिधाम मंदिर

भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया
बाल धाम में श्रद्धालु शनिवार को काले कपड़े पहनकर पूजा के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. इस अवसर पर भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया था. अकवन के पत्ते और फूल से पूजा की गई. गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली.

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मंदिर में दिए जलाते भक्त

2008 में हुई स्थापना
बताया जाता है कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. यहां शनि भगवान के छाया के दर्शन किए जाते हैं.

बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शनिवार को उमड़ती है मेले जैसी भीड़
शनिधाम के संस्थापक नागा बाबा ने बताया कि यहां लगभग 25 हजार लोग दर्शन करने आते हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार की शाम यहां मेले जैसी भीड़ उमड़ती है. लोग यहां तिल के तेल के दीये जलाने के लिए आते हैं. नागा बाबा ने बताया कि उन्हें सपना आया था कि तीन लोगों ने शनि भगवान की मूर्ति शिगनापुर से लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित की है. जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना हुई.

पटना: जिले में बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में बाल शनिधाम मंदिर स्थित है. कार्तिक महीने के पहले शनिवार को यहां विशेष पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. इस अवसर पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई थी.

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बाल शनिधाम मंदिर

भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया
बाल धाम में श्रद्धालु शनिवार को काले कपड़े पहनकर पूजा के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. इस अवसर पर भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया था. अकवन के पत्ते और फूल से पूजा की गई. गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली.

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मंदिर में दिए जलाते भक्त

2008 में हुई स्थापना
बताया जाता है कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की थी. यहां शनि भगवान के छाया के दर्शन किए जाते हैं.

बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शनिवार को उमड़ती है मेले जैसी भीड़
शनिधाम के संस्थापक नागा बाबा ने बताया कि यहां लगभग 25 हजार लोग दर्शन करने आते हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार की शाम यहां मेले जैसी भीड़ उमड़ती है. लोग यहां तिल के तेल के दीये जलाने के लिए आते हैं. नागा बाबा ने बताया कि उन्हें सपना आया था कि तीन लोगों ने शनि भगवान की मूर्ति शिगनापुर से लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित की है. जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना हुई.

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Body:बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में आज कार्तिक मास के पहले शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आज शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई। शनिवार बाल धाम में को काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है। महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल के दुकान लगाए गए। वही बाल शनिधाम प्रशासन द्वारा शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई।

आज कार्तिक मास पहले शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई आज भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल सहित विशेष प्रकार से आज पूजा की गई। वह गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई। वही संस्थापक नागा बाबा ने बताया कि यहां अधिक से अधिक 22000 से 25000 लोग दर्शन करते हैं और कम से कम 5 से 6000 लोग दर्शन करते हैं। और कार्तिक माह के पहले शनिवार होने के कारण आज अधिक से अधिक लोग दर्शन करेंगे।वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह दूर-दूर से लोग आकर दर्शन करते हैं जबकि शाम को तो मेला के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वही लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं।

सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था। 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई। जहां शनि भगवान के बाल रूप का पूजा किया जाता है। यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है। नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है।वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया। नागा का बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता है। भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं।उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं।

बाइक- शिवजी मनी उदासीन उर्फ नागा बाबा ( बाल शनि धाम के संस्थापक)


Conclusion:
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