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हाल-ए-पार्टी दफ्तर: चुनावी मौसम में कहीं चहल-पहल तो कहीं पसरा है सन्नाटा

जदयू कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग टिकट की उम्मीद से घूमते नजर आए. लेकिन आरजेडी कार्यालय में सन्नाटा पसरा है.

आरजेडी-जेडीयू ऑफिस
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Published : Mar 20, 2019, 10:41 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय की गतिविधियां बढ़ी हुई है. जहां एक तरफ जदयू और बीजेपी कार्यालय में चहल-पहल लगातार देखने को मिल रहा है. तो वहीं लालू के पटना में नहीं रहने के कारण आरजेडी कार्यालय में सन्नाटा साफ दिख रहा है.

पिछले एक सप्ताह की बात करें तो जदयू कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग टिकट की उम्मीद से घूमते नजर आए. केवल जदयू कार्यालय ही नहीं मुख्यमंत्री आवास और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर भी बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता घूमते नजर आए. लेकिन वहीं आरजेडी कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा.

तेजस्वी यादव बुधवार को दिल्ली से पटना जरूर आ गए, लेकिन कई दिनों से लगातार दिल्ली में होने का भी असर रहा. लेकिन सबसे ज्यादा असर लालू के जेल में रहने के कारण पड़ा है. आरजेडी कार्यकर्ताओं की माने तो लालू यदि पटना में रहते तो आज स्थिति कुछ और होती. केवल आरजेडी कार्यालय ही नहीं बिहार भी आज सुना-सुना सा लग रहा है.

कहीं चहल-पहल तो कहीं सन्नाटा

जदयू कार्यकर्ता में भीड़ के कारण मुख्यमंत्री को पार्टी कार्यालय आना पड़ा और वो घंटों अलग-अलग जिलों से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलते रहे. हालांकि लालू भी यदि पटना में रहते तो स्थितियां कुछ और रहती आरजेडी खेमे में भी भीड़ कम नजर नहीं आता.

पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय की गतिविधियां बढ़ी हुई है. जहां एक तरफ जदयू और बीजेपी कार्यालय में चहल-पहल लगातार देखने को मिल रहा है. तो वहीं लालू के पटना में नहीं रहने के कारण आरजेडी कार्यालय में सन्नाटा साफ दिख रहा है.

पिछले एक सप्ताह की बात करें तो जदयू कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग टिकट की उम्मीद से घूमते नजर आए. केवल जदयू कार्यालय ही नहीं मुख्यमंत्री आवास और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर भी बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता घूमते नजर आए. लेकिन वहीं आरजेडी कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा.

तेजस्वी यादव बुधवार को दिल्ली से पटना जरूर आ गए, लेकिन कई दिनों से लगातार दिल्ली में होने का भी असर रहा. लेकिन सबसे ज्यादा असर लालू के जेल में रहने के कारण पड़ा है. आरजेडी कार्यकर्ताओं की माने तो लालू यदि पटना में रहते तो आज स्थिति कुछ और होती. केवल आरजेडी कार्यालय ही नहीं बिहार भी आज सुना-सुना सा लग रहा है.

कहीं चहल-पहल तो कहीं सन्नाटा

जदयू कार्यकर्ता में भीड़ के कारण मुख्यमंत्री को पार्टी कार्यालय आना पड़ा और वो घंटों अलग-अलग जिलों से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलते रहे. हालांकि लालू भी यदि पटना में रहते तो स्थितियां कुछ और रहती आरजेडी खेमे में भी भीड़ कम नजर नहीं आता.

Intro:पटना--लोकसभा चुनाव को लेकर पटना में राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय की गतिविधियां बढ़ी हुई है जहां एक तरफ जदयू और बीजेपी कार्यालय में चहल पहल लगातार देखने को मिल रहा है आरजेडी कार्यालय में लालू के पटना में नहीं रहने के कारण साफ असर दिख रहा है।


Body:पिछले 1 सप्ताह की बात करें तो जदयू कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग टिकट की उम्मीद से घूमते नजर आए केवल जदयू कार्यालय ही नहीं मुख्यमंत्री आवास और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर भी बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता घूमते नजर आए लेकिन वही आरजेडी कार्यालय सुना सुना सा रहा तेजस्वी यादव पटना जरूर आ गए हैं लेकिन कई दिनों से लगातार दिल्ली में थे उसका भी असर रहा लेकिन सबसे ज्यादा असर लालू के जेल में रहने के कारण पड़ा है। आरजेडी कार्यकर्ताओं की माने तो लालू यदि पटना में रहते तो आज स्थिति कुछ और होती केवल आरजेडी कार्यालय ही नहीं बिहार भी आज सुना-सुना सा लग रहा है। आरजेडी खेमा मायूस भी है।
बाईट--राजद नेता


Conclusion:जदयू कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण मुख्यमंत्री को ही पार्टी कार्यालय कल आना पड़ा था और घंटों अलग-अलग जिलों से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलते रहे। लेकिन लालू यदि पटना में रहते तो स्थितियां कुछ और रहती आरजेडी खेमे में भी भीड़ कम नजर नहीं आता।
अविनाश, पटना।
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