पटना: बिहार में पहले लॉकडाउन 5 मई से 11 दिनों के लिए लागू हुआ. इसके बाद सरकार ने 16 मई से 25 मई तक के लिए फिर से लॉकडाउन लगाया और एक बार फिर उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार लॉकडाउन बढ़ा सकती है. क्योंकि लॉकडाउन के बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से कमी आई है.
कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो 5 मई को 14836 नए मरीज मिले थे. वहीं, लॉकडाउन के 5 दिन बाद 10 मई को नए मरीजों की संख्या 10174 हो गई. 20 मई को नए मरीज महज 5871 मिले जो यह दिखाता है कि किस तरह संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से कमी आई है.
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सूत्रों के मुताबिक शनिवार शाम 7:00 बजे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लॉकडाउन को बढ़ाने या खत्म करने पर फैसला होना है. इस बात की संभावना ज्यादा है कि संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए सरकार अगले कुछ दिनों तक लॉकडाउन को जारी रखने का फैसला कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक 30 या 31 मई तक लॉकडाउन जारी रहने के पूरे आसार हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इधर, आईएमए के डॉक्टर भी लॉकडाउन को अनिवार्य बता रहे हैं. आईएमए बिहार के उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि फिलहाल लॉकडाउन को जारी रखना ही सबसे बढ़िया उपाय है. कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए उन्होंने लॉकडाउन को और ज्यादा कड़ाई से पालन कराने की सरकार को सलाह दी है.
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े ही यह बताने के लिए काफी है कि बिहार में लॉकडाउन का कितना फायदा हुआ है. हालांकि, आंकड़ों को लेकर सवाल उठते रहते हैं. फिर भी जितनी तेजी से संक्रमण के मामलों में कमी आई है और जितनी तेजी से रिकवरी रेट बढ़ा है. वह कहीं ना कहीं लॉकडाउन के फायदे की पुष्टि करता है.