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Crime Control From Panchang : 'हिंदू पंचांग से क्राइम कंट्रोल'.. बिहार में यूपी मॉडल को लेकर बवाल.. आंकड़ों से बिहार की तुलना कैसे?

बिहार में क्राइम कंट्रोल के लिए योगी मॉडल को बीजेपी नेता जरूरी बता रहे हैं. इसको लेकर आंकड़ों के जरिए यूपी और बिहार में बढ़ते अपराध की तुलना की जा रही है. ऐसे में यूपी के डीजीपी द्वारा जारी एक पत्र के जरिए हिंदू पंचांग से क्राइम कंट्रोल की वकालत करना जेडीयू को नागवार गुजर रहा है. क्या है पंचांग के अनुसार बिहार के आंकड़े और क्या है हिंदू पंचांग से क्राइम कंट्रोल का योगी मॉडल जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट

हिंदू पंचांग से क्राइम कंट्रोल
हिंदू पंचांग से क्राइम कंट्रोल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 26, 2023, 10:16 PM IST

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पटना: बिहार में यूपी मॉडल को लेकर चर्चा होती रही है. योगी आदित्यनाथ मॉडल को बिहार में लागू करने की वकालत भाजपा नेता करते रहे हैं. बिहार में एक बार फिर आपराधिक घटनाएं चरम पर है और सुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. भाजपा जंगलराज का हवाला दे रही है तो जदयू नेता यूपी मॉडल को लेकर भाजपा पर आक्रामक दिख रहे हैं. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के डीजीपी के एक पत्र से बिहार की सियासत का पारा चढ़ गया है. यूपी के डीजीपी के पत्र को बिहार के अंदर जेडीयू ने मुद्दा बना दिया है.

ये भी पढ़ें- हिंदू पंचांग की मदद से क्राइम कंट्रोल करेगी यूपी पुलिस, डीजीपी ने समझाया गणित

क्या कहते हैं पंडित?: वहीं पंडितों का मानना है कि चंद्रमा का असर व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा होता है. यूपी के डीजीपी की हिंदू पंचांग की दलील पर ईटीवी भारत ने पंडित बबन तिवारी से खास बातचीत की और जानने का प्रयास किया कि क्या वाकई अमावस्या के असर से ज्यादा क्राइम होते हैं? इस पर पंडित बबन तिवारी ने कहा कि चंद्रमा से तात्पर्य मन का होता है. अमावस्या के समय चंद्रमा छीन होता है और उस दौरान जिस व्यक्ति का चंद्रमा कमजोर है उस पर नकारात्मक शक्ति प्रभावित रहती है. इस दौरान वह व्यक्ति बुरे काम कर सकता है, जैसे ही चंद्रमा बाहर आती है तो उसे व्यक्ति पर चंद्र का प्रभाव मजबूत हो जाता है और उसके अंदर सकारात्मक सोच आ जाती है.

ईटीवी भारत GFX.
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"चंद्रमा मनुष्य के मन को कंट्रोल करती है. चंद्रमा कृष्ण पक्ष की अमावस्या से 7 दिन पूर्व और बाद की अवधि में क्षय रहते हैं, निर्बल होते हैं. इस दौरान चंद्रमा को अस्त माना जाता है.जैसे ही शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि एक सप्ताह के बाद आने लगती है चंद्रमा पूर्ण रूप से उदय हो जाते हैं. उनका प्रकाश पृथ्वी पर और मनुष्य के मन पर पड़ता है. इससे पॉजिटिव विचार आते हैं."- बबन तिवारी, पंडित

क्या कहते हैं पूर्व नौकर शाह : वहीं पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि अंग्रेजों के समय इस तरीके का आदेश निर्गत किया जाता था. उस दौरान अंधेरे में अपराध अधिक होते थे, लेकिन अब व्यवस्था बदल चुकी है. अब गांव में भी बिजली रहती है. सरकार के स्तर पर ऐसे आदेश का कोई खास मतलब नहीं है. गांव में सेंधमारी की घटनाएं होती थी.

''पहले के जमाने में देखा जाता था कि कृष्ण पक्ष यानी अंधेरिया के समय आपराधिक घटनाएं अधिक होती थीं और शुक्ल पक्ष यानी कि उजाले में चोरी की घटना कम होती थी. आज अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. दिन दहाड़े घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.'' -अमिताभ कुमार दास,पूर्व आईपीएस

JDU का BJP पर हमला: सत्ताधारी दल जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला है. नीरज कुमार ने कहा है कि यूपी के डीजीपी पर भाजपा को कार्रवाई करनी चाहिए. दरअसल उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि हिंदू पंचांग के अंधेरे पक्ष ( कृष्ण पक्ष) की अमावस्या तिथि से एक सप्ताह पूर्व एवं एक सप्ताह के बाद रात्रि के समय आपराधिक घटनाएं अधिक घटित होती हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के स्तर पर विश्लेषण में इसे पाया गया है. इस दौरान पुलिस को मजबूती से गश्ती करनी चाहिए.

ईटीवी भारत GFX.
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"14 अगस्त को यूपी के डीजीपी ने एक संवैधानिक महापाप किया है. जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं वहां हिंदू पंचांग के अनुसार अपराध की व्याख्या हो रही है. पुलिस पदाधिकारियों को पंचांग भेजा और वीडियो जारी किया जा रहा है. बीजेपी को बताना चाहिए कि क्या देश का संविधान इस बात की अनुमति देता है कि आप पंचांग के मुताबिक अपराध की व्याख्या करें? अगर अनुमति नहीं देता है तो फिर माफी मांगना चाहिए."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

क्या वाकई अमावस्या की इन तिथियों को बढ़ जाता है अपराध?: 11 अगस्त से लेकर 23 तारीख की अवधि को कृष्ण पक्ष की अमावस्या से 7 दिन पूर्व और बाद की अवधि है. अंग्रेजों के जमाने से ही माना जाता है कि अमावस्या के हालात में आपराधिक घटनाएं अधिक होती हैं. कई बार यह आंकड़ों के जरिए प्रमाणित भी हुआ है. 11 अगस्त से 23 अगस्त के बीच बिहार में 18 अगस्त को अररिया में पत्रकार की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी. इसके एक दिन बाद बेगूसराय में शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 20 अगस्त को बेगूसराय में तीन की हत्या कर दी गई.

क्या कहते हैं आंकड़े: उत्तर प्रदेश में भी 22 अगस्त को भाजपा नेता अनुज चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 24 अगस्त को बांदा जेल से छूट एक शख्स को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. 23 अगस्त को एटा में शिक्षक पिता ने बेटी की हत्या कर पेड़ से लटका दिया.

'बिहार में बढ़ते अपराध पर जेडीयू दे जवाब'- BJP: वहीं भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने जदयू पर पलटवार किया है. विजय सिंह ने कहा है कि जदयू को यह बताना चाहिए कि बिहार में अपराध क्यों बढ़ गया है. चारों तरफ क्यों सांप्रदायिक तनाव है. जदयू तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.

"एक खास समुदाय का मनोभाव क्यों उग्र हुआ? लोगों पर पथराव क्यों हो रहा है? लोगों की धार्मिक भावनाएं उग्र क्यों हो रही हैं? पंचांग से देखें और धार्मिक गुरुओं से उपदेश दिलवाएं. यह तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हो रहा है."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष


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पटना: बिहार में यूपी मॉडल को लेकर चर्चा होती रही है. योगी आदित्यनाथ मॉडल को बिहार में लागू करने की वकालत भाजपा नेता करते रहे हैं. बिहार में एक बार फिर आपराधिक घटनाएं चरम पर है और सुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. भाजपा जंगलराज का हवाला दे रही है तो जदयू नेता यूपी मॉडल को लेकर भाजपा पर आक्रामक दिख रहे हैं. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के डीजीपी के एक पत्र से बिहार की सियासत का पारा चढ़ गया है. यूपी के डीजीपी के पत्र को बिहार के अंदर जेडीयू ने मुद्दा बना दिया है.

ये भी पढ़ें- हिंदू पंचांग की मदद से क्राइम कंट्रोल करेगी यूपी पुलिस, डीजीपी ने समझाया गणित

क्या कहते हैं पंडित?: वहीं पंडितों का मानना है कि चंद्रमा का असर व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा होता है. यूपी के डीजीपी की हिंदू पंचांग की दलील पर ईटीवी भारत ने पंडित बबन तिवारी से खास बातचीत की और जानने का प्रयास किया कि क्या वाकई अमावस्या के असर से ज्यादा क्राइम होते हैं? इस पर पंडित बबन तिवारी ने कहा कि चंद्रमा से तात्पर्य मन का होता है. अमावस्या के समय चंद्रमा छीन होता है और उस दौरान जिस व्यक्ति का चंद्रमा कमजोर है उस पर नकारात्मक शक्ति प्रभावित रहती है. इस दौरान वह व्यक्ति बुरे काम कर सकता है, जैसे ही चंद्रमा बाहर आती है तो उसे व्यक्ति पर चंद्र का प्रभाव मजबूत हो जाता है और उसके अंदर सकारात्मक सोच आ जाती है.

ईटीवी भारत GFX.
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"चंद्रमा मनुष्य के मन को कंट्रोल करती है. चंद्रमा कृष्ण पक्ष की अमावस्या से 7 दिन पूर्व और बाद की अवधि में क्षय रहते हैं, निर्बल होते हैं. इस दौरान चंद्रमा को अस्त माना जाता है.जैसे ही शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि एक सप्ताह के बाद आने लगती है चंद्रमा पूर्ण रूप से उदय हो जाते हैं. उनका प्रकाश पृथ्वी पर और मनुष्य के मन पर पड़ता है. इससे पॉजिटिव विचार आते हैं."- बबन तिवारी, पंडित

क्या कहते हैं पूर्व नौकर शाह : वहीं पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि अंग्रेजों के समय इस तरीके का आदेश निर्गत किया जाता था. उस दौरान अंधेरे में अपराध अधिक होते थे, लेकिन अब व्यवस्था बदल चुकी है. अब गांव में भी बिजली रहती है. सरकार के स्तर पर ऐसे आदेश का कोई खास मतलब नहीं है. गांव में सेंधमारी की घटनाएं होती थी.

''पहले के जमाने में देखा जाता था कि कृष्ण पक्ष यानी अंधेरिया के समय आपराधिक घटनाएं अधिक होती थीं और शुक्ल पक्ष यानी कि उजाले में चोरी की घटना कम होती थी. आज अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. दिन दहाड़े घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.'' -अमिताभ कुमार दास,पूर्व आईपीएस

JDU का BJP पर हमला: सत्ताधारी दल जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला है. नीरज कुमार ने कहा है कि यूपी के डीजीपी पर भाजपा को कार्रवाई करनी चाहिए. दरअसल उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि हिंदू पंचांग के अंधेरे पक्ष ( कृष्ण पक्ष) की अमावस्या तिथि से एक सप्ताह पूर्व एवं एक सप्ताह के बाद रात्रि के समय आपराधिक घटनाएं अधिक घटित होती हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के स्तर पर विश्लेषण में इसे पाया गया है. इस दौरान पुलिस को मजबूती से गश्ती करनी चाहिए.

ईटीवी भारत GFX.
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"14 अगस्त को यूपी के डीजीपी ने एक संवैधानिक महापाप किया है. जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं वहां हिंदू पंचांग के अनुसार अपराध की व्याख्या हो रही है. पुलिस पदाधिकारियों को पंचांग भेजा और वीडियो जारी किया जा रहा है. बीजेपी को बताना चाहिए कि क्या देश का संविधान इस बात की अनुमति देता है कि आप पंचांग के मुताबिक अपराध की व्याख्या करें? अगर अनुमति नहीं देता है तो फिर माफी मांगना चाहिए."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

क्या वाकई अमावस्या की इन तिथियों को बढ़ जाता है अपराध?: 11 अगस्त से लेकर 23 तारीख की अवधि को कृष्ण पक्ष की अमावस्या से 7 दिन पूर्व और बाद की अवधि है. अंग्रेजों के जमाने से ही माना जाता है कि अमावस्या के हालात में आपराधिक घटनाएं अधिक होती हैं. कई बार यह आंकड़ों के जरिए प्रमाणित भी हुआ है. 11 अगस्त से 23 अगस्त के बीच बिहार में 18 अगस्त को अररिया में पत्रकार की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी. इसके एक दिन बाद बेगूसराय में शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 20 अगस्त को बेगूसराय में तीन की हत्या कर दी गई.

क्या कहते हैं आंकड़े: उत्तर प्रदेश में भी 22 अगस्त को भाजपा नेता अनुज चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 24 अगस्त को बांदा जेल से छूट एक शख्स को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. 23 अगस्त को एटा में शिक्षक पिता ने बेटी की हत्या कर पेड़ से लटका दिया.

'बिहार में बढ़ते अपराध पर जेडीयू दे जवाब'- BJP: वहीं भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने जदयू पर पलटवार किया है. विजय सिंह ने कहा है कि जदयू को यह बताना चाहिए कि बिहार में अपराध क्यों बढ़ गया है. चारों तरफ क्यों सांप्रदायिक तनाव है. जदयू तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.

"एक खास समुदाय का मनोभाव क्यों उग्र हुआ? लोगों पर पथराव क्यों हो रहा है? लोगों की धार्मिक भावनाएं उग्र क्यों हो रही हैं? पंचांग से देखें और धार्मिक गुरुओं से उपदेश दिलवाएं. यह तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हो रहा है."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष


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