पटना: उत्तर प्रदेश समते देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections In 5 States) होना है. इसको लेकर तमाम दलों की ओर से जोर आजमाइश तेज हो गई है. सीपीआई माले 3 राज्यों में चुनाव लड़ेगी (CPIML Will Contest Elections in 3 States). इसको लेकर भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (CPIML General Secretary Dipankar Bhattacharya) ने पटना में ऐलान करते हुए कहा कि 5 में से 3 राज्यों में हम लोग चुनाव लड़ेंगे. यूपी में समाजवादी पार्टी से हमारी बातचीत चल रही है.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पांच राज्यों में होने वाला चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी. यूपी में समाजवादी पार्टी से भाकपा-माले की बातचीत चल रही है. हमें उम्मीद है कि यूपी को योगी राज के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए एक व्यापक गठबंधन बनेगा.
भाकपा माले महासचिव ने कहा कि यूपी में बदलाव की आकांक्षा दिख रही है. बिहार में आकर जहां मामला फंसा था और हम जीतते-जीतते रह गए थे, उससे यूपी ने बहुत कुछ सीखा है. इस बार बीजेपी को कोई मौका नहीं मिलने वाला है. योगी राज को खत्म करना वहां का मुद्दा बन रहा है. रोजगार बड़ा मुद्दा है. योगी राज में जिस प्रकार से दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर दमन किए गए और वहां पुलिस राज कायम किया गया, उसके खिलाफ वहां की जनता लोकतंत्र के पक्ष में अपना फैसला सुनाएगी. चुनाव आंदोलन में तब्दील होगा.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यूपी जैसा माहौल उतराखंड में भी है. पंजाब के चुनाव में किसान आंदोलन की आवाज चुनाव में सुनी जाएगी. किसानों के मुद्दों के साथ-साथ दलित-मजदूर, माइक्रोफाइनांस की महिलाओं, भूमिहीन गरीबों के सवाल जबरदस्त तरीके से मुद्दे बने हैं. वहां सरकार की ओर से घोषणाएं हुई हैं, लेकिन जमीन पर काम कम हुआ है.
भाकपा माले नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंजाब को बदनाम करने से वहां के लोग बेहद दुखी हैं. पीएम की सुरक्षा में चूक कैसे हुई, इसका जवाब एसपीजी, केंद्र सरकार, अमित शाह और डोभाल को देना है, लेकिन इसे पंजाब पर थोपा जा रहा है. प्रधानमंत्री का बयान बचकाना बयान था. इससे साफ है कि किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री खुद मुद्दा बनना चाहते हैं.
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दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के कुछ पास बचा नहीं. उनके सारे नारे खत्म और फ्लाॅप साबित हुए हैं. अब वे समाज सुधार यात्रा पर निकले हुए हैं लेकिन इनका गठबंधन समाज को तोड़ने और एकता को खत्म करने वाले, शांति की जगह नफरत का माहौल बनाने वाले आरएसएस के साथ-साथ है. आरएसएस के साथ रहकर नीतीश किस समाज सुधार की बात कर रहे हैं. पंचायत में व्यापक पैमाने पर पुलिस जुल्म दिखा. लोगों पर नियंत्रण करना, बच्चों, महिलाओं, दलितों के अधिकार को लगातार खत्म करना कौन सा सुधार है?
उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भी नीतीश सरकार के विकास के दावे को झूठा और मजाक साबित किया है. सच्चाई यह है कि सबसे ज्यादा गरीब बिहार में है और डबल इंजन के बावजूद बिहार आर्थिक पिछड़ापन का शिकार है. बिहार के विकास व लोकतंत्र के एजेंडे पर हमारी लड़ाई जारी है. इस दौरान भाकपा माले नेता ने कहा कि बिहार में होने वाले एमएलसी चुनाव को लेकर बात हो रही है. इस चुनाव में हम चाहेंगे कि एनडीए के खिलाफ महागठबंधन के पक्ष में मजबूत चुनाव परिणाम सामने आए. इसके आगे विधायक कोटे वाली और राज्यसभा की सीटों पर भी चुनाव होंगे. हमारी पूरी कोशिश होगी कि बिहार से एनडीए के खिलाफ मजबूत आवाज उठे.
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