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भाकपा माले विधायक ने सदन में उठाया बेरोजगारी का मुद्दा, कहा- रोजगार कैलेंडर जारी करे सरकार

बिहार में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. एनसीएसपी के आंकड़े के मुताबिक बीते दस महीनों में इसमें तीन गुणा वृद्धि हुई है. बेरोजगारी के मामले राष्ट्रीय स्तर पर बिहार टॉप-3 राज्यों में शामिल है. इस मुद्दे को लेकर भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछा और रोजगार कैलेंडर जारी करने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल
भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल
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Published : Mar 2, 2022, 4:03 PM IST

पटना: बिहार में बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) चरम पर है. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी के मामले में बिहार टॉप तीन राज्यों में शामिल है. रोजगार के मामले को बिहार विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया गया है. भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने सरकार से रोजगार के मसले पर सवाल किए और रोजगार कैलेंडर जारी करने की मांग की.

ये भी पढ़ें-बिहार में का बा, बेरोजगारी बा! 10 महीनों में तीन गुना वृद्धि, NCSP के आंकड़े

गौरतलब है कि बिहार में बेरोजगारी बड़ी चुनौती है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन लोगों को जिस रफ्तार से नौकरियां मिल रही है, उससे स्पष्ट दिख रहा है कि लक्ष्य पूरा होना दूर की कौड़ी है. रोजगार के मसले पर भाकपा माले विधायक ने विधानसभा में शून्य काल में सवाल उठाया और सरकार पर चौतरफा हमला बोला.

भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने शून्य काल में सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार रोजगार को लेकर गंभीर नहीं है. वैकेंसी पूरे होने में 10 साल लग जाते हैं. विधायक ने कहा कि बिहार सरकार को रोजगार कैलेंडर जारी करना चाहिए, जिसमें यह भी तय होगी कि कितने समय सीमा के अंदर रोजगार की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

ये भी पढ़ें-बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या बढ़ी, 10 महीने में 2.67 लाख लोगों ने कराया निबंधन

ये भी पढ़ें-CPI(ML) ने सरकार को याद दिलाया 19 लाख रोजगार का वादा, कहा- 'नियुक्तियां सिर्फ परीक्षा तक ही सीमित'

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पटना: बिहार में बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) चरम पर है. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी के मामले में बिहार टॉप तीन राज्यों में शामिल है. रोजगार के मामले को बिहार विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया गया है. भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने सरकार से रोजगार के मसले पर सवाल किए और रोजगार कैलेंडर जारी करने की मांग की.

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गौरतलब है कि बिहार में बेरोजगारी बड़ी चुनौती है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन लोगों को जिस रफ्तार से नौकरियां मिल रही है, उससे स्पष्ट दिख रहा है कि लक्ष्य पूरा होना दूर की कौड़ी है. रोजगार के मसले पर भाकपा माले विधायक ने विधानसभा में शून्य काल में सवाल उठाया और सरकार पर चौतरफा हमला बोला.

भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने शून्य काल में सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार रोजगार को लेकर गंभीर नहीं है. वैकेंसी पूरे होने में 10 साल लग जाते हैं. विधायक ने कहा कि बिहार सरकार को रोजगार कैलेंडर जारी करना चाहिए, जिसमें यह भी तय होगी कि कितने समय सीमा के अंदर रोजगार की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

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