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कृषि कानूनों की वापसी के फैसले का स्वागत, लेकिन MSP के लिए जारी रहेगा आंदोलन: CPI (ML) - कृषि कानून वापसी

किसान मोर्चा का आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक पार्लियामेंट में तीनों कृषि कानून (Three Agriculture Laws) की वापसी के ऐलान की कानूनी प्रक्रिया पूरी ना हो जाए. साथ ही एमएसपी (MSP) के लिए लीगल गारंटी कानून ना बन जाए. यह कहना है भाकपा माले नेता राजाराम सिंह का..

reaction on Three Agriculture Laws
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Published : Nov 19, 2021, 4:51 PM IST

पटना: केंद्र सरकार (Central Government) ने तीन कृषि कानूनों को वापस (Withdrawal Of Agricultural Laws) ले लिया है. पिछले 1 साल से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और इस प्रदर्शन में कई किसानों की जानें भी जा चुकी हैं. ऐसे में अब जब प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है तो किसान संगठनों में इसकी खुशी देखने को मिल रही है. भाकपा माले ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे किसानों की बहुत बड़ी जीत बताया है.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस: लालू यादव

भाकपा माले नेता (Reaction On Three Agriculture Laws) और अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव कॉमरेड राजाराम सिंह (CPI ML leader Rajaram Singh) ने कहा कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेते हुए देश से माफी मांगी है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.

CPI ML की कृषि कानून वापसी पर प्रतिक्रिया

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

"यह किसान आंदोलन की जीत है और 667 किसानों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई है, यह जीत उन्हें समर्पित है. देश के कोने-कोने के किसान जिन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और इसमें शामिल हुए हैं यह उनकी जीत है."- राजाराम सिंह, भाकपा माले नेता

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के फैसले का पक्ष-विपक्ष किसान संगठनों ने किया स्वागत, राहुल बोले- अन्याय पर हुई जीत

राजाराम सिंह ने कहा कि किसान मोर्चा का यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक पार्लियामेंट में तीनों कृषि कानून की वापसी के ऐलान की कानूनी प्रक्रिया पूरी ना हो जाए. साथ ही एमएसपी का लीगल गारंटी का कानून ना बन जाए. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसान नेताओं पर सरकार द्वारा मुकदमे किए गए हैं, उन सभी मुकदमे को वापस लिया जाए. यह सिर्फ किसान आंदोलन की नहीं पूरे देश की जीत है.

पटना: केंद्र सरकार (Central Government) ने तीन कृषि कानूनों को वापस (Withdrawal Of Agricultural Laws) ले लिया है. पिछले 1 साल से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और इस प्रदर्शन में कई किसानों की जानें भी जा चुकी हैं. ऐसे में अब जब प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है तो किसान संगठनों में इसकी खुशी देखने को मिल रही है. भाकपा माले ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे किसानों की बहुत बड़ी जीत बताया है.

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भाकपा माले नेता (Reaction On Three Agriculture Laws) और अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव कॉमरेड राजाराम सिंह (CPI ML leader Rajaram Singh) ने कहा कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेते हुए देश से माफी मांगी है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.

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"यह किसान आंदोलन की जीत है और 667 किसानों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई है, यह जीत उन्हें समर्पित है. देश के कोने-कोने के किसान जिन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और इसमें शामिल हुए हैं यह उनकी जीत है."- राजाराम सिंह, भाकपा माले नेता

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राजाराम सिंह ने कहा कि किसान मोर्चा का यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक पार्लियामेंट में तीनों कृषि कानून की वापसी के ऐलान की कानूनी प्रक्रिया पूरी ना हो जाए. साथ ही एमएसपी का लीगल गारंटी का कानून ना बन जाए. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसान नेताओं पर सरकार द्वारा मुकदमे किए गए हैं, उन सभी मुकदमे को वापस लिया जाए. यह सिर्फ किसान आंदोलन की नहीं पूरे देश की जीत है.

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