पटना: प्रदेश में रोजाना काफी संख्या में कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना के कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल की बात करें तो यहां अस्पताल में तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो एक बड़े अस्पताल में होनी चाहिए. पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स, आईजीआईएमएस और ईएसआईसी बिहटा जैसे अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए इलाज की व्यवस्था है. इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड की भी व्यवस्थाएं हैं.
यह भी पढ़ें- कोरोना से लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगी DRDO की एंटी कोविड दवा 2-डीजी: मंगल पांडे
अस्पताल में हैं सभी उपकरण
वार्ड में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी उपकरण मौजूद हैं, जो एक अस्पताल में होनी चाहिए. इंतजामों से मरीज भी बेहद खुश हैं. वार्ड में डायलिसिस, ईसीजी, बेडसाइड एक्सरे, अल्ट्रासाउंड मशीन, ईसीजी मशीन, नेब्युलाइज़र आदि सभी उपकरण मौजूद हैं. साथ ही मरीजों की जरूरत के अनुसार मशीन का यूज होता है और मरीज को हर स्तर पर बेहतर इलाज मुहैया कराने का प्रयास किया जाता है.
'मरीज के परिजनों के लिए भी वार्ड के बाहर शेड बनाया गया है. परिजनों को सुबह शाम दो बार मरीजों का मेडिकल बुलेटिन दिया जाता है. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का एक रोस्टर बना हुआ है जो नियमित अंतराल पर मरीजों के देख रेख के लिए है. हर 5 मिनट पर एक वार्ड बॉय, वार्ड का चक्कर लगा कर आता है. इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कहीं कोई मरीज अपने चेहरे से ऑक्सीजन मास्क ना हटाये.'- डॉ अजय अरुण, कोविड-19 वार्ड प्रभारी, पीएमसीएच
शिकायत पर लिया जाता है तुरंत संज्ञान
पहले परिजनों की सीसीटीवी के माध्यम से मरीजों को दिखाया जाता था. लेकिन आईसीयू में एडमिट कुछ महिला मरीजों के परिजनों को इस बात से आपत्ति थी. इन लोगों ने मांग की कि आईसीयू के दृश्य सार्वजनिक नहीं किए जाए, जिसके बाद सिर्फ मरीज के परिजनों को मेडिकल बुलेटिन दिया जाता है. अस्पताल में कोरोना मरीजों के हर स्तर पर बेहतर इलाज के व्यवस्था किये गए हैं. साथ ही अस्पताल में आईसीयू बेड की भी संख्या बढ़ाई जा रही है. अगर मरीज के परिजनों को कुछ शिकायत रहती है तो तुरंत संज्ञान भी लिया जाता है और उचित कार्रवाई की जाती है.
मरीजों ने व्यवस्थाओं पर जताई खुशी
शनिवार को अस्पताल के कोविड-19 वार्ड से कोरोना के 30 मरीज ठीक हुए जिनमें 18 मरीजों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा गुलाब का फूल देकर अस्पताल से विदा किया गया जबकि 12 मरीज को अस्पताल के पोस्ट कोविड-19 वार्ड में ऑब्जर्वेशन के लिए रखा गया. कोरोना से जंग जीते इन लोगों से ईटीवी भारत की टीम ने बात की. सभी ने एक स्वर में अस्पताल के इंतजामों पर संतुष्टि जताई, और अस्पताल प्रबंधन और सरकार का शुक्रिया अदा किया.
'अस्पताल में डॉक्टरों ने बहुत अच्छा देखभाल किया और इसी का नतीजा है कि मैं स्वस्थ हो सका और अब घर लौट रहे हैं.'- अरुण कुमार सिंह, समस्तीपुर निवासी
82 वर्षीय बुजुर्ग महिला का क्या है कहना
अस्पताल से कोरोना को मात देकर निकलना आसान नहीं था. लेकिन यहां के इंतजाम बहुत अच्छे थे, जिसके कारण यह संभव हो पाया. अब मैं ठीक हूं. घर वापस जाने पर बहुत खुशी हो रही है. एक सप्ताह से भी अधिक समय मैंने पीएमसीएच में बिताया.
लोगों ने कहा धन्यवाद
दानापुर के रहने वाले बसंत कुमार ने बताया कि वह अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था से काफी खुश हैं. वह बहुत गंभीर रूप से बीमार हो गए थे और निजी अस्पताल में इलाज कराने में सक्षम नहीं थे. ऐसे में पीएमसीएच में उनका इलाज हुआ, वह भी पूरी तरह से निशुल्क. स्थिति काफी गंभीर होने के बावजूद डॉक्टरों के प्रयास से उनकी जान बच गई. इसके लिए बसंत ने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भी धन्यवाद दिया.
कोविड-19 वार्ड की स्थिति
वर्तमान समय में पीएमसीएच के कोविड-19 वार्ड की स्थिति की बात करें तो अस्पताल में वर्तमान समय में 85 मरीज एडमिड हैं जिनमें से आईसीयू के सभी 25 बेड फुल हैं. 106 बेड के कोरोना वार्ड के जनरल वार्ड में 21 बेड अवेलेबल हैं, जिनमें महिलाओं के लिए 18 बेड खाली हैं.
यह भी पढ़ें- बिहार के 'गांव वाले डॉक्टर' करें कोरोना काल में मदद: नीतीश कुमार