पटना: कोरोना वायरस ने सभी को बेचैन कर रखा है. हालांकि, बिहार में अब तक एक भी कोरोना पेशेंट नहीं मिला है फिर भी एहतियात के तौर पर सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया है. प्रदेश में धरना प्रदर्शन, समारोह और सभा पर भी पाबंदी लगा दी गई है. इस बीमारी का कोई इलाज अब तक एलोपैथी में नहीं मिल पाया है. लेकिन होम्योपैथी डॉक्टर दावा कर रहे हैं कि न सिर्फ इसके बचाव बल्कि इसका इलाज भी होम्योपैथ में उपलब्ध है.
हर दिन 100 से ज्यादा मरीज देखने वाले पटना के मशहूर होम्योपैथ चिकित्सक प्रोफेसर आर जिज्ञासु ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दावा किया है कि न सिर्फ कोरोना से बचाव के लिए प्रीवेंटिव औषधि होम्योपैथ में उपलब्ध है बल्कि अगर किसी को यह बीमारी हो जाती है तो उसका इलाज भी होम्योपैथ में उपलब्ध है.
ये रही दवा और खुराक
डॉ. आर जिज्ञासु ने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए कई दवाएं होम्योपैथ में उपलब्ध हैं. आर्सेनिक अल्बा थर्टी वयस्कों के लिए 3 से 5 दिन तक हर दिन चार बूंद, दो बार और बच्चों के लिए पानी में दो बूंद, दो बार रोज दिया जा सकता है. वहीं, इनफ्लुएंजियम 200 पॉवर को रोज सुबह एक बार 4 बूंद दिया जा सकता है.
प्रिवेंटिव होम्योपैथी मेडिसिन्स
1. आर्सेनिक अल्बा 30
2. इंफ्लुएंजियम 200
3. यूपेटोरियम पर्फ 200
वहीं अगर किसी को कोरोना वायरस संक्रमण हो जाता है, तो उसके लिए भी कारगर दवा उपलब्ध होने का दावा डॉक्टर आर जिज्ञासु ने किया है. उन्होंने बताया कि आर-88 नामक होम्योपैथी मेडिसिन बीमार व्यक्ति को 10 बूंद दिन में तीन बार एक चौथाई कप पानी के साथ दिया जा सकता है. इसके अलावा एडेल-87 नामक होम्योपैथी दवा बीमार व्यक्ति को एक चौथाई कप पानी में 20 बूंद दिन में 3 बार दिया जा सकता है.
1. आर 88 ड्रॉप- 10बूंद एक चौथाई कप पानी में दिन में तीन बार
2. एडेल 87 ड्रॉप- 20 बूंद एक चौथाई कप पानी में दिन में तीन बार
डॉ. आर जिज्ञासु ने बताया कि सोशल मीडिया पर जिस आर्सेनिक अल्ब दवा की चर्चा हो रही है वह प्रीवेंटिव मेडिसिन के रूप में काफी कारगर है. उन्होंने यह भी दावा किया कि दुनिया की कोई भी ऐसी बीमारी नहीं जिसका इलाज होम्योपैथी में नहीं है. सबसे बड़ी खासियत है कि होम्योपैथी दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.