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पटना में CS कार्यालय के बाहर फेंका गया कोरोना प्रोटेक्शन किट, बढ़ रहा संक्रमण का खतरा - ईटीवी भारत

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक ओर जहां पूरा देश एक साथ पीएम मोदी के साथ मजबूती से खड़ा है. इस वायरस से निजात के लिए लोग अपने-अपने घरों में लॉकडाउन का पालन भी कर रहे हैं. लेकिन राजधानी पटना के गर्दनीबाग इलाके में सीएस कार्यालय के बाहर प्रोटक्शन किट के अलावे यूज्ड मास्क और हैंड ग्लव्स और अन्य मेडिकल कचरे को ऐसे ही बाहर में फेंक रहा है. जिससे इलाके में संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

पटना में CS कार्यालय
पटना में CS कार्यालय
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Published : Mar 29, 2020, 6:14 PM IST

पटना: कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर सरकार एहतियात को तौर पर कई अहम कदम उठा रही है. यह माहामारी किसी भी प्रकार से नियंत्रण में आ जाए इसके लिएनिरंतर प्रयास जारी है. लेकिन राजधानी पटना के गर्दनीबाग स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के इस वायरस को आमंत्रण देते देखने को मिला. दरअसल, सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर यूज पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट किट का निस्तारण किए बगैर उसे जहां-तहां फेक दिया गया है. सिविल सर्जन कार्यालय के एंट्रेंस गेट के ठीक बगल में प्रोटक्शन किट के अलावे यूज्ड मास्क, मास्क और हैंड ग्लव्स और अन्य मेडिकल कचरे यूं ही बाहर में फेंक दिए गए है. ये कचरे दिनभर हवा में इधर-उधर उड़ रहे है. इस वजह से वायरस फैलने के खतरे से स्थानीय लोग काफी आशंकित हैं.

'पीपीई किट को किया जाना है डिस्पोज'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के मरीजों और संदिग्ध को लाने के लिए एंबुलेंस जा रहा है. सके स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मियों को सरकार की तरफ से पीपीई किट मुहैया कराया जा रहा है. वे लोग किट को यूज करने के बाद इसे यत्र-तत्र फेंक देते है. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यूज्ड पीपीई किट को बायो वेस्ट डिस्पोजल के तौर पर डिस्पोज करना है या नहीं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कर्मियों को डिस्पोजल के बारे में दी जाएगी जानकारी'
सिविल सर्जन डॉक्टर राजकिशोर चौधरी ने बताया उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. लेकिन ईटीवी भारत के माध्यम से मामला उनके संज्ञान मे आ चुका है. वे सभी एंबुलेंस ड्राइवर और पीपीई कीट इस्तेमाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को इसके डिस्पोजल के बारे में जानकारी से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय के बाहर जो मेडिकल वेस्ट बिखरे पड़े हुए हैं. उसको वहां से जल्द से जल्द हटाकर वहां साफ-सफाई कराई जाएगी. सीएस ने बताया कि यह एक गंभीर विषय है और इस प्रकार का नजारा फिर से देखने को ना मिले. इसके लिए वे हरसंभव प्रयस करेंगे.

राजकिशोर चौधरी ,  सिविल सर्जन
राजकिशोर चौधरी , सिविल सर्जन

हाई अलर्ट पर है बिहार
गौरतलब है कि वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में री सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बतां दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 10 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

पटना: कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर सरकार एहतियात को तौर पर कई अहम कदम उठा रही है. यह माहामारी किसी भी प्रकार से नियंत्रण में आ जाए इसके लिएनिरंतर प्रयास जारी है. लेकिन राजधानी पटना के गर्दनीबाग स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के इस वायरस को आमंत्रण देते देखने को मिला. दरअसल, सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर यूज पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट किट का निस्तारण किए बगैर उसे जहां-तहां फेक दिया गया है. सिविल सर्जन कार्यालय के एंट्रेंस गेट के ठीक बगल में प्रोटक्शन किट के अलावे यूज्ड मास्क, मास्क और हैंड ग्लव्स और अन्य मेडिकल कचरे यूं ही बाहर में फेंक दिए गए है. ये कचरे दिनभर हवा में इधर-उधर उड़ रहे है. इस वजह से वायरस फैलने के खतरे से स्थानीय लोग काफी आशंकित हैं.

'पीपीई किट को किया जाना है डिस्पोज'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के मरीजों और संदिग्ध को लाने के लिए एंबुलेंस जा रहा है. सके स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मियों को सरकार की तरफ से पीपीई किट मुहैया कराया जा रहा है. वे लोग किट को यूज करने के बाद इसे यत्र-तत्र फेंक देते है. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यूज्ड पीपीई किट को बायो वेस्ट डिस्पोजल के तौर पर डिस्पोज करना है या नहीं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कर्मियों को डिस्पोजल के बारे में दी जाएगी जानकारी'
सिविल सर्जन डॉक्टर राजकिशोर चौधरी ने बताया उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. लेकिन ईटीवी भारत के माध्यम से मामला उनके संज्ञान मे आ चुका है. वे सभी एंबुलेंस ड्राइवर और पीपीई कीट इस्तेमाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को इसके डिस्पोजल के बारे में जानकारी से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय के बाहर जो मेडिकल वेस्ट बिखरे पड़े हुए हैं. उसको वहां से जल्द से जल्द हटाकर वहां साफ-सफाई कराई जाएगी. सीएस ने बताया कि यह एक गंभीर विषय है और इस प्रकार का नजारा फिर से देखने को ना मिले. इसके लिए वे हरसंभव प्रयस करेंगे.

राजकिशोर चौधरी ,  सिविल सर्जन
राजकिशोर चौधरी , सिविल सर्जन

हाई अलर्ट पर है बिहार
गौरतलब है कि वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में री सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बतां दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 10 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

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