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बिहार की सड़कों का निरीक्षण जारी, लापरवाही पर संवेदकों को देना होगा फाइन

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस कार्य में व्यापक सुधार हुआ है. इसके मूल्यांकन के लिए विभाग के अधिकारियों की 73 टीमों ने स्थल अध्ययन का काम किया है. पथों के मेंटेनेंस में कोताही बरतने वाले संवेदक के ऊपर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है.

पटना
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Published : Jul 8, 2020, 9:26 PM IST

पटना: बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि सड़कों के मेंटेनेंस कार्य में गड़बड़ी करने वाले संवेदको पर कार्रवाई शुरू कर दिया गया है. हालांकि कितने लोगों पर कार्रवाई की है अभी विभाग ने इसका खुलासा नहीं किया है. नंदकिशोर यादव ने कहा कि 7,142 किलोमीटर पथ का अभी अध्ययन कराया गया है. इसमें 73 टीम लगाए गए है. जिसमें 146 अभियंता शामिल थे. टीम के प्रतिवेदन में 65 किलोमीटर पथ के मरम्मत में अनियमितता बरती गई है और 650 किमी पथ की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है. कुल 13,065 किलोमीटर मेंटेनेंस पॉलिसी में अलग-अलग एजेंसियों को मेंटेनेंस के लिए दिया गया है. अब शेष बचे सड़कों का भी जल्द अध्ययन होगा.

गड़बड़ी करने वाले पर लगया जा रहा आर्थिक दंड
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस कार्य में व्यापक सुधार हुआ है. इसके मूल्यांकन के लिए विभाग के अधिकारियों की 73 टीमों ने स्थल अध्ययन का काम किया है. पथों के मेंटेनेंस में कोताही बरतने वाले संवेदक के ऊपर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है. वहीं, विभाग की ओर से उच्च पथ और बृहत जिला पथों का दीर्घकालीन पथ मेंटेनेंस नीति के अंतर्गत संधारण कराया जाता है. इसके अंतर्गत राज्य के 1,448 पथों की कुल लंबाई 13,064 किलोमीटर है. जिसका दीर्घकालीन मेंटेनेंस कराया जा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

7,142 किलोमीटर लंबाई का कराया गया स्थल अध्ययन
पथों के मेंटेनेंस की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए 20 से 25 जून 2020 के बीच 73 टीमों में 146 अभियंता प्रतिनियुक्त किए गए थे, उनके माध्यम से 898 पथों के 7,142 किलोमीटर लंबाई का स्थल अध्ययन कराया गया और शेष लंबाई का भी जल्द अध्ययन कराया जाएगा. स्थल अध्ययन से प्राप्त प्रतिवेदनों के अनुसार 6427 किलोमीटर पथ अच्छी एवं उत्कृष्ट स्थिति में संधारित है. 651 किलोमीटर पथ फेयर स्थिति में है और 65 किलोमीटर के संधारण की स्थिति अच्छी नहीं है.

patna
नंदकिशोर यादव, पथ निर्माण मंत्री, बिहार

पथों के मेंटेनेंस की स्थिति की सतत की जा रही समीक्षा
नंदकिशोर यादव ने बताया कि लॉन्ग टर्म आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ट रोड एसेट्स मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट की तरफ से पथों के मेंटेनेंस की स्थिति की सतत समीक्षा की जा रही है. जिन आवेदकों की ओर से मेंटेनेंस में कोताही बरती जा रही है, उन पर वित्तीय दंड लगाया जा रहा है. साथ ही साथ संबंधित अभियंताओं जिनके तरफ से अनुश्रवण में अनियमितता की जा रही है, उस पर अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है.

सड़क सुरक्षा पर दिया जा रहा जोर
नंदकिशोर यादव ने कहा कि विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा पर अत्यधिक विशेष ध्यान दिया गया है. इसके लिए 72 एंबुलेंस प्रतिनियुक्त किए गए हैं, ताकि असामायिक स्थिति में एंबुलेंस के माध्यम से प्रभावित व्यक्तियों को अविलंब निकटवर्ती अस्पताल भेजा जा सके. उल्लेखनीय है कि इंडियन रोड कांग्रेस के 80 के सत्र में राज्य के दीर्घकालीन पथ मेंटेनेंस पद्धति को सहराया गया था. फलस्वरूप कई राज्य के अभियंताओं के दलों ने आकर इस व्यवस्था का अध्ययन किया है, जो एक अनूठी उत्कृष्ट पहल रही है.

पटना: बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि सड़कों के मेंटेनेंस कार्य में गड़बड़ी करने वाले संवेदको पर कार्रवाई शुरू कर दिया गया है. हालांकि कितने लोगों पर कार्रवाई की है अभी विभाग ने इसका खुलासा नहीं किया है. नंदकिशोर यादव ने कहा कि 7,142 किलोमीटर पथ का अभी अध्ययन कराया गया है. इसमें 73 टीम लगाए गए है. जिसमें 146 अभियंता शामिल थे. टीम के प्रतिवेदन में 65 किलोमीटर पथ के मरम्मत में अनियमितता बरती गई है और 650 किमी पथ की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है. कुल 13,065 किलोमीटर मेंटेनेंस पॉलिसी में अलग-अलग एजेंसियों को मेंटेनेंस के लिए दिया गया है. अब शेष बचे सड़कों का भी जल्द अध्ययन होगा.

गड़बड़ी करने वाले पर लगया जा रहा आर्थिक दंड
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस कार्य में व्यापक सुधार हुआ है. इसके मूल्यांकन के लिए विभाग के अधिकारियों की 73 टीमों ने स्थल अध्ययन का काम किया है. पथों के मेंटेनेंस में कोताही बरतने वाले संवेदक के ऊपर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है. वहीं, विभाग की ओर से उच्च पथ और बृहत जिला पथों का दीर्घकालीन पथ मेंटेनेंस नीति के अंतर्गत संधारण कराया जाता है. इसके अंतर्गत राज्य के 1,448 पथों की कुल लंबाई 13,064 किलोमीटर है. जिसका दीर्घकालीन मेंटेनेंस कराया जा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

7,142 किलोमीटर लंबाई का कराया गया स्थल अध्ययन
पथों के मेंटेनेंस की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए 20 से 25 जून 2020 के बीच 73 टीमों में 146 अभियंता प्रतिनियुक्त किए गए थे, उनके माध्यम से 898 पथों के 7,142 किलोमीटर लंबाई का स्थल अध्ययन कराया गया और शेष लंबाई का भी जल्द अध्ययन कराया जाएगा. स्थल अध्ययन से प्राप्त प्रतिवेदनों के अनुसार 6427 किलोमीटर पथ अच्छी एवं उत्कृष्ट स्थिति में संधारित है. 651 किलोमीटर पथ फेयर स्थिति में है और 65 किलोमीटर के संधारण की स्थिति अच्छी नहीं है.

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नंदकिशोर यादव, पथ निर्माण मंत्री, बिहार

पथों के मेंटेनेंस की स्थिति की सतत की जा रही समीक्षा
नंदकिशोर यादव ने बताया कि लॉन्ग टर्म आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ट रोड एसेट्स मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट की तरफ से पथों के मेंटेनेंस की स्थिति की सतत समीक्षा की जा रही है. जिन आवेदकों की ओर से मेंटेनेंस में कोताही बरती जा रही है, उन पर वित्तीय दंड लगाया जा रहा है. साथ ही साथ संबंधित अभियंताओं जिनके तरफ से अनुश्रवण में अनियमितता की जा रही है, उस पर अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है.

सड़क सुरक्षा पर दिया जा रहा जोर
नंदकिशोर यादव ने कहा कि विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा पर अत्यधिक विशेष ध्यान दिया गया है. इसके लिए 72 एंबुलेंस प्रतिनियुक्त किए गए हैं, ताकि असामायिक स्थिति में एंबुलेंस के माध्यम से प्रभावित व्यक्तियों को अविलंब निकटवर्ती अस्पताल भेजा जा सके. उल्लेखनीय है कि इंडियन रोड कांग्रेस के 80 के सत्र में राज्य के दीर्घकालीन पथ मेंटेनेंस पद्धति को सहराया गया था. फलस्वरूप कई राज्य के अभियंताओं के दलों ने आकर इस व्यवस्था का अध्ययन किया है, जो एक अनूठी उत्कृष्ट पहल रही है.

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