पटना: कच्ची दरगाह बिदुपुर फूल और अप्रोच रोड की लंबाई लगभग 20 किलोमीटर है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी सिक्स लेन पुल का निरीक्षण कर चुके हैं. इस पुल के निर्माण के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से बिहार सरकार ने कर्ज भी लिया है. पहले बिहार सरकार की ओर से केंद्र सरकार से इस पुल के निर्माण के लिए राशि की मांग की गई थी. केंद्र से पैसा नहीं मिलने पर राज्य सरकार ने अपने पैसे से इसे बनाने का फैसला लिया और एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज भी लिया है. 9.7 किलोमीटर लंबे पुल पर 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है. 2017 में ही सिक्स लेन पुल का निर्माण शुरू हुआ था. इसे 2021 में ही बनकर तैयार हो जाना था लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें: राघोपुर की लाइफ लाइन होगा कच्ची दरगाह-बिदुपुर 6 लेन पुल, जोर-शोर से जारी है काम
2024 तक काम पूरा होने की संभावना: पटना के कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक इस पुल का निर्माण 2017 में महागठबंधन की जब सरकार थी, उसी समय शुरू हुआ था. निर्माण में लगातार विलंब हो रहा है और 2024 में इसके बन जाने की संभावना है. इसमें कुल 67 पाया बनाया गया है. इसके निर्माण हो जाने से गांधी सेतु पर दबाव काफी कम जाएगा और उत्तर बिहार दक्षिण बिहार का आवागमन और आसान होगा. बड़ी गाड़ियां आसानी से आ जा सकेंगी.
क्या होगी सिक्स लेन पुल की खासियत: गंगा नदी पर बन रहे पुल का निर्माण विभाग और एलएनटी कंपनी के संयुक्त उपक्रम की ओर से हो रहा है. पुल में कई तरह की खासियत भी है. पुल के ऊपर डॉल्फिन के दीदार के लिए एक प्लेटफार्म भी बनाया जाएगा. इसके अलावा सबलपुर के पास एक हाईवे म्यूजियम भी बनेगा. इस म्यूजियम में पीएचडी और एमटेक के विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए जा सकेंगे.
तेजस्वी ने 2017 में शुरू करवाया था काम: पुल का स्ट्रक्चर साउथ कोरिया से मंगाए गए 15.2 एमएम के केबल पर लटकाया जा रहा है. राघोपुर दियारा को भी एप्रोच लिंक रोड के माध्यम से जोड़ा गया है. दो पायों के बीच की दूरी 160 मीटर रखी गई है, जिससे कोलकाता से वाराणसी तक नदी के रास्ते मालवाहक जहाज आसानी से आ जा सके. महागठबंधन की सरकार में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ पथ निर्माण मंत्री भी थे. इस बार भी उप मुख्यमंत्री के साथ पथ निर्माण विभाग उन्हीं के पास है. इसलिए इस पुल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो, इसकी वह लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.