नई दिल्ली/पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का महागठबंधन से जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. वो साथ रहते, तो अच्छा रहता. लेकिन उनके जाने से महागठबंधन को कोई नुकसान भी नहीं होने वाला है. महागठबंधन में सभी दलों में अच्छा कोआर्डिनेशन है और कोआर्डिनेशन कमेटी की जरूरत नहीं है.
महागठबंधन का और बढ़ेगा दायरा
राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए में जाएगी या तीसरा मोर्चा बनाएगी. इसके बारे में मुझे कुछ पता नहीं है. उन्होंने कहा कि लेफ्ट पार्टियां और एनसीपी से बातचीत चल रही है. उनको हम महागठबंधन में लाएंगे. बिहार में महागठबंधन का दायरा और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि मजबूती से हम लोग चुनाव लड़ेंगे.
वहीं उन्होंने कहा कि एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं है. जेडीयू और लोजपा में तनातनी चल रही है. नीतीश कुमार लोजपा की अनदेखी करते हैं. लोजपा का अपना जनाधार है. बिना लोजपा के एनडीए की सरकार बिहार में नहीं बन पाएगी और जेडीयू बिना लोजपा के 25 से ज्यादा सीट नहीं जीत पाएगी.
आगे की क्या होगी रणनीति
बता दें कि बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उनकी बात की अनदेखी करते थे. कोऑर्डिनेशन कमिटी भी उन्होंने नहीं बनाई. इससे आहत होकर वो महागठबंधन से अलग हो रहे हैं. मांझी की पार्टी की आगे की क्या रणनीति होगी. इसका खुलासा कुछ दिनों में वह करेंगे.