नई दिल्ली/पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोरोनावायरस और बाढ़ का डबल अटैक बिहार झेल रहा है. दोनों से लड़ने में बिहार सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जो सरकारी अस्पताल हैं. वहां संक्रमित मरीज अगर अपना इलाज कराने के लिए जाता है, तो उसकी जान ही चली जाती है. सब कुछ भगवान भरोसे है. केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
'कोरोना काल में विधानसभा चुनाव उचित नहीं'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं होना चाहिए. स्थिति सामान्य होने तक इसको आगे टाला जाना चाहिए. आजकल सबसे ज्यादा कोरोनावायरस से संक्रमित जेडीयू-बीजेपी के नेता ही हो रहे हैं. एलजेपी ने भी कहा है कि चुनाव मौजूदा स्थिति में नहीं होना चाहिए. महागठबंधन के दलों ने चुनाव आयोग को अपनी बात बता दी है.
'सुशांत मामले को बनाया जा रहा चुनावी मुद्दा'
सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले पर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. 45 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन अब तक कोई नतीजा निकल कर नहीं आया है. इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए. मुंबई पुलिस भी बिहार पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर अच्छे से काम करे. डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना को बीजेपी नेता चुनावी मुद्दा बना रहे हैं. इन मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
'महागठबंधन में राजद सबसे बड़ा दल'
महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार महागठबंधन में पांच दल है, लेकिन जो सबसे बड़ा दल होता है वर्चस्व उसी का होता है. बिहार महागठबंधन में राजद सबसे बड़ा दल है. हम लोग चाहते हैं कि एक कोआर्डिनेशन कमेटी बने और उसमें सीएम कैंडिडेट के नाम पर सर्वसम्मति से निर्णय हो. अगर तेजस्वी के नाम पर सर्वसम्मति से निर्णय हो जाएगा तो कांग्रेस भी तेजस्वी के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसके अलावे यह भी हो सकता है कि चुनाव बाद अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो जिस पार्टी के सबसे अधिक विधायक हो उसी का मुख्यमंत्री बने.