पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लेकर अभी तक महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला सुलझा नहीं है. कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. हालांकि महागठबंधन में मचे घमासान के बीच अब कांग्रेस नेताओं को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की याद सताने लगी है. बहुत दिनों के बाद कांग्रेस ने कहा कि अगर लालू प्रसाद जेल से बाहर होते तो गठबंधन में किसी तरह की परेशानी नहीं होती.
बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि अगर लालू प्रसाद जेल में नहीं होते तो कब का गठबंधन के सारे कार्य संपन्न हो जाते. हालांकि वो तेजस्वी यादव को बतौर नेता प्रतिपक्ष काफी बेहतर बताया है. लेकिन महागठबंधन में मचे घमासान के बीच लालू यादव को याद करना तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है.
'कुछ नेता व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कर रहे हैं गलत बयानबाजी'
इसके साथ ही शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी में कुछ ऐसे नेता है, जो व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन हमारा मकसद फासिस्ट बादी ताकतों को परास्त करने का है. इसलिए हम वैसे किसी बयान की परवाह नहीं करते, जिससे गठबंधन कमजोर हो. कांग्रेस बुद्ध का मार्ग अपनाते हुए मध्य मार्ग पर चल रही है. साथ ही उन्होंने गौतम बुद्ध को याद करते हुए कहा कि किसी के लिए ज्यादा अकड़ रखना या ज्यादा झुकना नुकसानदायक है.
'लालू यादव का तैयार किया गठबंधन बेहतर साबित'
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि लालू प्रसाद ने 2009 और 2010 के चुनाव परिणाम को देखते हुए 2015 में ऐसा गठबंधन तैयार किया था, जो पटना ही नहीं हर पंचायत में बेहतर साबित हुआ. वहीं, तेजस्वी यादव से सीट शेयरिंग या किसी तरह की मुलाकात को लेकर शक्ति सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से कई महत्वपूर्ण बातें और काम वर्चुअल या टेलीफोन के माध्यम से ही किए जा रहे हैं. इसी वजह से मुलाकात करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा अभी तक आरजेडी की ओर से कोई संदेश नहीं आया है.