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Bihar Politics: कांग्रेसियों ने राहुल गांधी को बताया राजनीति के संत, RJD ने लालू को बताया सबका गुरू - मोदी सरनेम वाले बयान

बिहार में कांग्रेस और आरजेडी अपने-अपने नेता को राजनीति के गुरु और संत बता रहे हैं. इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है. एक ओर जहां कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को संत बता रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर आरजेडी के नेता लालू यादव को राजनीति के गुरु बता रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

राहुल गांधी और लालू यादव
राहुल गांधी और लालू यादव
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Published : Jul 13, 2023, 10:07 AM IST

पटना: बिहार की राजनीति में उपनाम देने की परिपाटी शुरू हो गई है. कोई अपने नेता को राजनैतिक संत बता रहा है तो कोई अपने नेता को राजनीतिक गुरु बता रहा है. ये बात शुरु हुई कांग्रेस के मोदी सरनेम वाले बयान पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में कांग्रेसी अपने नेता राहुल गांधी को राजनैतिक संत बता रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'राहुल गांधी केरल के वायनाड से नहीं बल्कि बिहार से लड़ें चुनाव'.. पटना के बाद अब इस शहर से आई मांग

राहुल गांधी राजनीति के संत: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राजनैतिक संत बताने के पीछे तर्क दे रहे हैं कि जिस तरह से राहुल गांधी ने पूरे भारत में पैदल यात्रा की है और जिस तरह में से उन्होंने अपना वेशभूषा बनाया है, उससे यह साबित होता है कि वह राजनीति के संत हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी के लोग अपने नेता लालू यादव को सभी का राजनैतिक गुरु बता रहे हैं.

देश के लिए राहुल गांधी ने की पदयात्रा: पटना सहित पूरे देश में कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरनेम वाले मामले मे में मौन विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अब इस मौन प्रदर्शन से पहले कांग्रेसी नेता अपने नेता राहुल गांधी को राजनीतिक संत बता रहे हैं. बक्सर के विधायक संजय तिवारी कहते हैं कि जिस तरह से राहुल गांधी लगातार देश की पैदल यात्रा किए और जिस तरह से उन्होंने वेशभूषा बनाया उससे यह साबित होता है कि वह राजनीतिक संत हैं.

"राहुल गांधी दाढ़ी या बाल ही नहीं बढ़ाया है. उन्होंने देश को एक सूत्र से बांधने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा की और ऐसा कोई तभी करता है, जो संत होता है. राहुल गांधी राजनीतिक संत है."- संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक

लालू यादव के कामकाज से सीखा जा सकता: आरजेडी के नेता भी अपने नेता लालू यादव को सब के राजनीतिक गुरु बताने पर तुले हुए हैं. इन दिनों विपक्षी एकता को लेकर नेता एकजुट हो रहे हैं और उन नेताओं को एकजुट करने की कमान लालू यादव ने संभाली है तो, आरजेडी के नेता उन्हें सबका गुरु बता रहे हैं. हवाला दे रहें है कि लालू यादव ने पिछले सालों में जो जो काम किया है वह एक राजनैतिक गुरु ही कर सकता है.

"लालू यादव सच्चे मायने में सबके राजनीतिक गुरु हैं. क्योंकि उन्होंने राजनीति में रहकर जो जो काम किया है, वह सबके लिए सीखने और समझने की चीज है."- संगीता कुमार, आरजेडी विधायक, मोहनिया

RJD में रह चुके हैं कांग्रेस, बीजेपी और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष: बताते चलें कि आरजेडी को छोड़कर कांग्रेस, भाजपा और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष लालू यादव की पाठशाला से ही निकले हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह आरजेडी से सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. तो वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी लालू यादव की पाठशाला से ही निकले हैं. वह भी आरजेडी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वहीं, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी आरजेडी के नेता और विधायक रह चुके हैं.

"जिस तरह से नरेंद्र मोदी काम कर रहे हैं. देश के विकास में रफ्तार दे रहे हैं. कोई दूसरा नहीं कर सकता है. उनके कामकाज को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि देश में कोई दूसरा गुरु नहीं है सिर्फ नरेंद्र मोदी ही गुरु हैं."- पवन यादव, भाजपा विधायक

पटना: बिहार की राजनीति में उपनाम देने की परिपाटी शुरू हो गई है. कोई अपने नेता को राजनैतिक संत बता रहा है तो कोई अपने नेता को राजनीतिक गुरु बता रहा है. ये बात शुरु हुई कांग्रेस के मोदी सरनेम वाले बयान पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में कांग्रेसी अपने नेता राहुल गांधी को राजनैतिक संत बता रहे हैं.

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राहुल गांधी राजनीति के संत: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राजनैतिक संत बताने के पीछे तर्क दे रहे हैं कि जिस तरह से राहुल गांधी ने पूरे भारत में पैदल यात्रा की है और जिस तरह में से उन्होंने अपना वेशभूषा बनाया है, उससे यह साबित होता है कि वह राजनीति के संत हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी के लोग अपने नेता लालू यादव को सभी का राजनैतिक गुरु बता रहे हैं.

देश के लिए राहुल गांधी ने की पदयात्रा: पटना सहित पूरे देश में कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरनेम वाले मामले मे में मौन विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अब इस मौन प्रदर्शन से पहले कांग्रेसी नेता अपने नेता राहुल गांधी को राजनीतिक संत बता रहे हैं. बक्सर के विधायक संजय तिवारी कहते हैं कि जिस तरह से राहुल गांधी लगातार देश की पैदल यात्रा किए और जिस तरह से उन्होंने वेशभूषा बनाया उससे यह साबित होता है कि वह राजनीतिक संत हैं.

"राहुल गांधी दाढ़ी या बाल ही नहीं बढ़ाया है. उन्होंने देश को एक सूत्र से बांधने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा की और ऐसा कोई तभी करता है, जो संत होता है. राहुल गांधी राजनीतिक संत है."- संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक

लालू यादव के कामकाज से सीखा जा सकता: आरजेडी के नेता भी अपने नेता लालू यादव को सब के राजनीतिक गुरु बताने पर तुले हुए हैं. इन दिनों विपक्षी एकता को लेकर नेता एकजुट हो रहे हैं और उन नेताओं को एकजुट करने की कमान लालू यादव ने संभाली है तो, आरजेडी के नेता उन्हें सबका गुरु बता रहे हैं. हवाला दे रहें है कि लालू यादव ने पिछले सालों में जो जो काम किया है वह एक राजनैतिक गुरु ही कर सकता है.

"लालू यादव सच्चे मायने में सबके राजनीतिक गुरु हैं. क्योंकि उन्होंने राजनीति में रहकर जो जो काम किया है, वह सबके लिए सीखने और समझने की चीज है."- संगीता कुमार, आरजेडी विधायक, मोहनिया

RJD में रह चुके हैं कांग्रेस, बीजेपी और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष: बताते चलें कि आरजेडी को छोड़कर कांग्रेस, भाजपा और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष लालू यादव की पाठशाला से ही निकले हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह आरजेडी से सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. तो वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी लालू यादव की पाठशाला से ही निकले हैं. वह भी आरजेडी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वहीं, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी आरजेडी के नेता और विधायक रह चुके हैं.

"जिस तरह से नरेंद्र मोदी काम कर रहे हैं. देश के विकास में रफ्तार दे रहे हैं. कोई दूसरा नहीं कर सकता है. उनके कामकाज को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि देश में कोई दूसरा गुरु नहीं है सिर्फ नरेंद्र मोदी ही गुरु हैं."- पवन यादव, भाजपा विधायक

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