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नॉमिनेशन के आखिरी दिन कांग्रेस नेता ने लौटायी रसीद, आलाकमान से नामांकन की नहीं मिली इजाजत - हार विधान परिषद चुनाव

बिहार में एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election 2022) के नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस में बयानबाजी का दौर चलता रहा. कांग्रेस नेता प्रदुमन यादव ने नामांकन पत्र भरने के लिए कल रसीद कटाया था जिसे आज वापस कर दिया गया. इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए.

Congress leader Praduman Yadav
Congress leader Praduman Yadav
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Published : Jun 9, 2022, 6:05 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव के नामांकन का आज अंतिम दिन (Nomination for Bihar MLC Election) था. कल ही कांग्रेस के खेल विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदुमन यादव (Congress leader Praduman Yadav ) ने बिहार विधानसभा से नामांकन रसीद की प्राप्ति कर ली थी. माना जा रहा था कि अंतिम समय में भी कांग्रेस के नेता नामांकन कर सकते थे लेकिन कांग्रेस के नेता प्रदुमन यादव ने विधानसभा आकर आज नामांकन रसीद की वापसी कर दी.

पढ़ें: माले और कांग्रेस ने बढ़ायी लालू की मुसीबत, कहा- 'एक सीट पर चाहिए हमारा उम्मीदवार'

नामांकन नहीं कर पाने से कांग्रेसी नेता में नाराजगी: रसीद की वापसी करने आए प्रदुमन यादव के साथ कांग्रेस के खगड़िया के कांग्रेस विधायक छत्रपति यादव भी मौजूद दिखे. इस दौरान कांग्रेस के खेल विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदुमन यादव ने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने हमें नामांकन नहीं करने का आदेश दिया है जो कि गलत है क्योंकि हम पहले से मन बनाए थे. इस बार विधान परिषद के लिए नामांकन करने का हमने सोचा था लेकिन पार्टी ने इसकी सहमति नहीं देकर हम जैसे कार्यकर्ताओं का अपमान किया है.

प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर आरोप: वहीं मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि पार्टी का जो भी इस तरह का फैसला हुआ है वह गलत है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता अजीत शर्मा पर मनमानी करने का आरोप लगाया और साफ-साफ कहा कि कांग्रेस की यह दुर्गति अगर है तो ऐसे ही नेताओं के कारण बिहार में है. पार्टी जब महागठबंधन से अलग है तो फिर इस हालात में उन्होंने बिहार विधान परिषद के सीट पर उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया है. इसका जवाब यहां के नेताओं को देना चाहिए.

"हमने कल रसीद कटवा लिया था. लेकिन कुछ नहीं हुआ. हमने केद्रीय नेतृत्व से आग्रह के लिए यह कदम उठाया था."- प्रदुमन यादव, कांग्रेस नेता

"इस तरह की गतिविधि होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल घटता है. प्रदुमन यादव ने नॉमिनेशन रसीद कटा लिया था. कई विधायकों की भी सहमति थी हम भी इनके साथ थे. अंतिम समय पार्टी के लोग कुछ से कुछ निर्णय लेते हैं जो उचित नहीं है. नॉमिनेशन नहीं हो पाया है तो निश्चित तौर पर यह गलत है."- छत्रपति यादव, कांग्रेस विधायक

21 जुलाई को समाप्‍त होगा 7 सदस्‍यों का कार्यकाल : बिहार विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 75 है, जिनमें विधायकों द्वारा निर्वाचित किए जाने वाले सदस्यों की संख्या 27 है. इसी 27 में से सात सीटें 21 जुलाई को रिक्त हो रही हैं. विधान परिषद में इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भी छह-छह यानी कुल 12 सदस्य चुन कर आते हैं. वहीं, स्थानीय निकायों से 24 और विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले 12 सदस्यों को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है. विधानसभा कोटे की इन सातों सीटों पर नामांकन नौ जून तक था. नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गई है. सातों सीटों के लिए मतदान 20 जून को सुबह नौ बजे से चार बजे तक होगा. मतों की गणना 20 जून को ही शाम पांच बजे से होगी.


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पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव के नामांकन का आज अंतिम दिन (Nomination for Bihar MLC Election) था. कल ही कांग्रेस के खेल विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदुमन यादव (Congress leader Praduman Yadav ) ने बिहार विधानसभा से नामांकन रसीद की प्राप्ति कर ली थी. माना जा रहा था कि अंतिम समय में भी कांग्रेस के नेता नामांकन कर सकते थे लेकिन कांग्रेस के नेता प्रदुमन यादव ने विधानसभा आकर आज नामांकन रसीद की वापसी कर दी.

पढ़ें: माले और कांग्रेस ने बढ़ायी लालू की मुसीबत, कहा- 'एक सीट पर चाहिए हमारा उम्मीदवार'

नामांकन नहीं कर पाने से कांग्रेसी नेता में नाराजगी: रसीद की वापसी करने आए प्रदुमन यादव के साथ कांग्रेस के खगड़िया के कांग्रेस विधायक छत्रपति यादव भी मौजूद दिखे. इस दौरान कांग्रेस के खेल विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदुमन यादव ने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने हमें नामांकन नहीं करने का आदेश दिया है जो कि गलत है क्योंकि हम पहले से मन बनाए थे. इस बार विधान परिषद के लिए नामांकन करने का हमने सोचा था लेकिन पार्टी ने इसकी सहमति नहीं देकर हम जैसे कार्यकर्ताओं का अपमान किया है.

प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर आरोप: वहीं मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि पार्टी का जो भी इस तरह का फैसला हुआ है वह गलत है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता अजीत शर्मा पर मनमानी करने का आरोप लगाया और साफ-साफ कहा कि कांग्रेस की यह दुर्गति अगर है तो ऐसे ही नेताओं के कारण बिहार में है. पार्टी जब महागठबंधन से अलग है तो फिर इस हालात में उन्होंने बिहार विधान परिषद के सीट पर उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया है. इसका जवाब यहां के नेताओं को देना चाहिए.

"हमने कल रसीद कटवा लिया था. लेकिन कुछ नहीं हुआ. हमने केद्रीय नेतृत्व से आग्रह के लिए यह कदम उठाया था."- प्रदुमन यादव, कांग्रेस नेता

"इस तरह की गतिविधि होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल घटता है. प्रदुमन यादव ने नॉमिनेशन रसीद कटा लिया था. कई विधायकों की भी सहमति थी हम भी इनके साथ थे. अंतिम समय पार्टी के लोग कुछ से कुछ निर्णय लेते हैं जो उचित नहीं है. नॉमिनेशन नहीं हो पाया है तो निश्चित तौर पर यह गलत है."- छत्रपति यादव, कांग्रेस विधायक

21 जुलाई को समाप्‍त होगा 7 सदस्‍यों का कार्यकाल : बिहार विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 75 है, जिनमें विधायकों द्वारा निर्वाचित किए जाने वाले सदस्यों की संख्या 27 है. इसी 27 में से सात सीटें 21 जुलाई को रिक्त हो रही हैं. विधान परिषद में इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भी छह-छह यानी कुल 12 सदस्य चुन कर आते हैं. वहीं, स्थानीय निकायों से 24 और विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले 12 सदस्यों को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है. विधानसभा कोटे की इन सातों सीटों पर नामांकन नौ जून तक था. नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गई है. सातों सीटों के लिए मतदान 20 जून को सुबह नौ बजे से चार बजे तक होगा. मतों की गणना 20 जून को ही शाम पांच बजे से होगी.


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