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बोले कन्हैया कुमार - आर्मी भर्ती के लिए कोरोना था और चुनाव के लिए नहीं

अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में प्रदर्शन (Agneepath Scheme Protest) जारी है. विपक्षी नेता भी इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार
Congress leader Kanhaiya Kumar
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Published : Jun 20, 2022, 5:03 PM IST

नई दिल्ली/पटना: केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना (Agneepath Scheme of Central Government) के विरोध में छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस योजना को लेकर सवाल खड़ा किए है. विपक्ष की ओर से इस योजना का लगातार विरोध किया जा रहा है. विपक्षी नेता इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Congress leader Kanhaiya Kumar) ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना में भर्ती नहीं हुई, लेकिन चुनाव हो गया.

ये भी पढ़ें-कांग्रेस की अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग, कन्हैया कुमार बोले- 'यह योजना नहीं, घोटाला है'

"एक सिंपल सवाल है. सरकार को एक प्रश्न का जवाब देश के इन नौजवानों को देना चाहिए कि जो भर्तियां हो रही थी. वो भर्ती होगी की नहीं होगी. पहले आर्मी में हर साल 75 हजार कम से कम लोग बहाल होते थे. बाद में बीजेपी ने इसे घटाकर 50 हजार कर दिया. अब पिछले दो साल में 50 हजार लोगों की भी भर्ती नहीं की गई. बहाना दिया गया कि कोरोना था. हाय मोदी जी, कोरोना था तो चुनाव लड़ लिए. बंगाल में जाकर के दीदी ओ दीदी कर लिए. सब जगह चुनाव हो गया. उत्तर प्रदेश का चुनाव हो गया. लेकिन आर्मी की भर्ती नहीं हुई. ये बेईमानी है कि नहीं है. रोजगार देने में कोरोना है और चुनाव लड़ने में कोरोना नहीं है. अगर आप बैक लॉक को देखें गे, तो पचास हजार को अगर मान ले. तब भी बहाली होनी चाहिए थी. डेढ़ लाख ये बहानी करेंगे की नहीं करेंगे ये नहीं बताएंगे और उपर से एक नई योजना ले आए." - कन्हैया कुमार, कांग्रेस नेता

अग्निपथ योजना के विरोध में हुआ था बवाल: गौरतलब है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme of central government) के खिलाफ देशभर में युवा प्रदर्शन पर उतर आए. युवाओं को गुस्सा इतना भड़क गया कि वे उपद्रव करने लगे और कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. बिहार के कई जिलों में कई ट्रेनों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी. जिसके बाद ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. उपद्रवियों ने कई करोड़ की सरकारी संपत्ति को फूंक दिया. चारों तरफ जिस तरह आंदोलन की आड़ में उपद्रव हुआ, वह किसी से छुपा नहीं है. अब प्रशासन ऐसे उपद्रवियों की तलाश में जुट गया है. इसको लेकर जिले के विभिन्न थानों में कई एफआईआर दर्ज किया गया है. वहीं, विपक्ष के नेताओं द्वारा भी इस योजना का विरोध किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-देश की राष्ट्रीय संपत्ति बेचने वाली सरकार राष्ट्रवादी कैसे हो सकती है : कन्हैया कुमार

नई दिल्ली/पटना: केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना (Agneepath Scheme of Central Government) के विरोध में छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस योजना को लेकर सवाल खड़ा किए है. विपक्ष की ओर से इस योजना का लगातार विरोध किया जा रहा है. विपक्षी नेता इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Congress leader Kanhaiya Kumar) ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना में भर्ती नहीं हुई, लेकिन चुनाव हो गया.

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"एक सिंपल सवाल है. सरकार को एक प्रश्न का जवाब देश के इन नौजवानों को देना चाहिए कि जो भर्तियां हो रही थी. वो भर्ती होगी की नहीं होगी. पहले आर्मी में हर साल 75 हजार कम से कम लोग बहाल होते थे. बाद में बीजेपी ने इसे घटाकर 50 हजार कर दिया. अब पिछले दो साल में 50 हजार लोगों की भी भर्ती नहीं की गई. बहाना दिया गया कि कोरोना था. हाय मोदी जी, कोरोना था तो चुनाव लड़ लिए. बंगाल में जाकर के दीदी ओ दीदी कर लिए. सब जगह चुनाव हो गया. उत्तर प्रदेश का चुनाव हो गया. लेकिन आर्मी की भर्ती नहीं हुई. ये बेईमानी है कि नहीं है. रोजगार देने में कोरोना है और चुनाव लड़ने में कोरोना नहीं है. अगर आप बैक लॉक को देखें गे, तो पचास हजार को अगर मान ले. तब भी बहाली होनी चाहिए थी. डेढ़ लाख ये बहानी करेंगे की नहीं करेंगे ये नहीं बताएंगे और उपर से एक नई योजना ले आए." - कन्हैया कुमार, कांग्रेस नेता

अग्निपथ योजना के विरोध में हुआ था बवाल: गौरतलब है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme of central government) के खिलाफ देशभर में युवा प्रदर्शन पर उतर आए. युवाओं को गुस्सा इतना भड़क गया कि वे उपद्रव करने लगे और कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. बिहार के कई जिलों में कई ट्रेनों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी. जिसके बाद ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. उपद्रवियों ने कई करोड़ की सरकारी संपत्ति को फूंक दिया. चारों तरफ जिस तरह आंदोलन की आड़ में उपद्रव हुआ, वह किसी से छुपा नहीं है. अब प्रशासन ऐसे उपद्रवियों की तलाश में जुट गया है. इसको लेकर जिले के विभिन्न थानों में कई एफआईआर दर्ज किया गया है. वहीं, विपक्ष के नेताओं द्वारा भी इस योजना का विरोध किया जा रहा है.

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