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15 सालों में भी नहीं हुआ बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन निर्माण, बोले कांग्रेस नेता- 1 महीने में नहीं शुरू हुआ काम तो करेंगे आंदेलन

पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) पर चार वर्ष में पूरी की जाने वाली बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन निर्माण परियोजना 15 साल में भी पूरी नहीं हो पाई. इसको लेकर अब कांग्रेस नेता ज्ञानरंजन ने आंदोलन करने की धमकी दी है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 8, 2022, 2:06 PM IST

पटनाः एक बार फिर बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना (Bihta-Aurangabad Rail Project) को लेकर आवाज उठने लगी है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञानरंजन (Congress Leader Gyanranjan) ने इसे लेकर बिहार की डबल इंजन सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की ललक में जनता की आंखें पथरा गईं. लेकिन 15 वर्ष बाद भी यह निर्माण अधूरा है. देश और प्रदेश में एनडीए की सरकार होने के बावजूद भी बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना पूरी नहीं हो सकी.

ये भी पढ़ेंः ट्रेन में सीट है या नहीं बताएगी मशीन, पटना जंक्शन पर रेलयात्री खुद ले रहे जानकारी, जानें डिटेल..

राजधानी पटना से सटे बिहटा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञानरंजन ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने अरवल में एक कार्यक्रम के दौरान बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण कराने की घोषणा की थी. 16 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने पालीगंज में इस परियोजना का शिलान्यास भी किया. लेकिन चार वर्ष में पूरी की जाने वाली परियोजना 15 वर्ष में भी पूरी नहीं हो पाई.

देखें वीडियो

'परियोजना कब तक पूरी हो पाएगी, इसका ठोस जवाब भी सरकार के पास नहीं है. हद तो यह है कि लेटलतीफी के कारण इस परियोजना की लागत करीब नौ गुना बढ़ गई है. सरकार की इस परियोजना से की जा रही अनदेखी के कारण पटना, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद जिले के लाखों लोग खुद को अब ठगा महसूस कर रहे हैं'- ज्ञानरंजन, प्रदेश प्रवक्ता

कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि अगर यह परियोजना चालू हो जाती तो इस क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा पहुंचता. यहां तक कि किसान अपने फसल को कम समय में शहरों तक ले जाते, इसके अलावा क्षेत्र में व्यापार का भी साधन बढ़ता. बिहटा औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इसलिए यह योजना को चालू कराना काफी आवश्यक है.

ज्ञानरंजन ने एक महीने के भीतर उक्त परियोजना को चालू करने की मांग करते हुए कहा कि अगर परियोजना की शरुआत नहीं की गई तो क्षेत्र के सैकडों किसानों के साथ मिलकर जनांदोलन चलाएंगे.

ये भी पढ़ें- ट्रेनों की रफ्तार पर 1 मार्च तक लगा ब्रेक, पूर्व मध्य रेलवे की 23 जोड़ी ट्रेनें रद्द, देखें पूरी लिस्ट

गौरतलब है कि 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और यूपीए की सरकार के सहयोग से बिहटा से औरंगाबाद रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास किया गया था. ये योजना 4 साल में बनकर तैयार होनी थी. लेकिन लालू यादव का रेल मंत्री से हटने के बाद यह परियोजना फंसी रह गई. इस परियोजना में हर साल सरकार की तरफ से बजट जारी होता है, लेकिन अब तक इस परियोजना में कोई शुरुआत देखने को नहीं मिली है. इस कारण क्षेत्र की जनता भी काफी आक्रोशित है.

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पटनाः एक बार फिर बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना (Bihta-Aurangabad Rail Project) को लेकर आवाज उठने लगी है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञानरंजन (Congress Leader Gyanranjan) ने इसे लेकर बिहार की डबल इंजन सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की ललक में जनता की आंखें पथरा गईं. लेकिन 15 वर्ष बाद भी यह निर्माण अधूरा है. देश और प्रदेश में एनडीए की सरकार होने के बावजूद भी बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना पूरी नहीं हो सकी.

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राजधानी पटना से सटे बिहटा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञानरंजन ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने अरवल में एक कार्यक्रम के दौरान बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण कराने की घोषणा की थी. 16 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने पालीगंज में इस परियोजना का शिलान्यास भी किया. लेकिन चार वर्ष में पूरी की जाने वाली परियोजना 15 वर्ष में भी पूरी नहीं हो पाई.

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'परियोजना कब तक पूरी हो पाएगी, इसका ठोस जवाब भी सरकार के पास नहीं है. हद तो यह है कि लेटलतीफी के कारण इस परियोजना की लागत करीब नौ गुना बढ़ गई है. सरकार की इस परियोजना से की जा रही अनदेखी के कारण पटना, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद जिले के लाखों लोग खुद को अब ठगा महसूस कर रहे हैं'- ज्ञानरंजन, प्रदेश प्रवक्ता

कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि अगर यह परियोजना चालू हो जाती तो इस क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा पहुंचता. यहां तक कि किसान अपने फसल को कम समय में शहरों तक ले जाते, इसके अलावा क्षेत्र में व्यापार का भी साधन बढ़ता. बिहटा औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इसलिए यह योजना को चालू कराना काफी आवश्यक है.

ज्ञानरंजन ने एक महीने के भीतर उक्त परियोजना को चालू करने की मांग करते हुए कहा कि अगर परियोजना की शरुआत नहीं की गई तो क्षेत्र के सैकडों किसानों के साथ मिलकर जनांदोलन चलाएंगे.

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गौरतलब है कि 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और यूपीए की सरकार के सहयोग से बिहटा से औरंगाबाद रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास किया गया था. ये योजना 4 साल में बनकर तैयार होनी थी. लेकिन लालू यादव का रेल मंत्री से हटने के बाद यह परियोजना फंसी रह गई. इस परियोजना में हर साल सरकार की तरफ से बजट जारी होता है, लेकिन अब तक इस परियोजना में कोई शुरुआत देखने को नहीं मिली है. इस कारण क्षेत्र की जनता भी काफी आक्रोशित है.

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