पटना: सचिवालय स्थित मुख्य सचिव कार्यालय समेत चार कार्यालयों की कुर्की जब्ती को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि सुशासन की सरकार में सब कुछ संभव है.
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सुशासन की सरकार में मुख्यमंत्री का सचिवालय ही कुर्क हो रहा है. आगे मुख्यमंत्री कार्यालय भी कुर्क हो सकता है. यह चिंता की बात है. कोर्ट के आदेश को सरकार लगातार नजरअंदाज कर रही होगी. सरकार को देखना चाहिए कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई?
'समीक्षा के बाद उचित कार्रवाई होगी'
वहीं, इस मामले में जदयू नेता दिलीप चौधरी ने कहा कि सिविल कोर्ट के आदेश की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद ही उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किस परिपेक्ष में बकाया है यह आदेश प्रति प्राप्त होने के बाद स्पष्ट हो पाएगा.
क्या है मामला?
दरअसल, बिहार राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक समिति का बिहार सरकार के ऊपर 664 करोड़ रुपया बकाया है. जिसको लेकर जिले के सिविल कोर्ट में केस चल रहा है. इस संबंध में कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव और लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में पेश होने को कहा था. अधिकारियों की कोर्ट में पेशी नहीं होने के कारण कोर्ट ने सभी अधिकारियों के कार्यालयों की कुर्की का आदेश दिया है.