पटना: बिहार में महागठबंधन की स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. आगे आने वाले कुछ दिनों में अगर इसमें कुछ बदलाव देखने को मिले तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. 15 जून को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंथन बैठक बुलाई. ये बैठक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह के आवास पर आयोजित हुई. बैठक में विधानमंडल दल के सभी कांग्रेस सदस्य मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो कई विधायकों ने हार का ठीकरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सिर फोड़ा.
खबर ये भी है कि कई विधायकों ने तो सीधा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा पर भी हमला किया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस दो गुटों में बांट चुका है. एक ओर जहां एक गुट चाहता है कि गठबंधन में रहते हुए आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाए. तो वहीं दूसरा गुट आरजेडी से अलग होकर चुनाव लड़ने की चर्चा कर रहा है. खबर यह भी है कि कई कांग्रेस नेता राजद के पिछलग्गू बने रहने से सख्त नाराज है. उनका कहना है कि क्यों नहीं हम राजद को छोड़ एक नया गठबंधन तैयार करें. इस गठबंधन में बीजेपी विरोधी पार्टियों को शामिल किया जा सके.
नो कमेंट प्लीज
इस पूरे मसले पर कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता रिप्लाई देने को तैयार नहीं है. वहीं, राजद का कहना है कि हमारा गठबंधन राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुआ है. अगर प्रदेश कांग्रेस अलग तरीके से चुनाव लड़ना चाहती है तो उससे राजद की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. राजद विधायक और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश का मानना है कि हर राजनीतिक दल को जनाधार बढ़ाने की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन जहां तक गठबंधन का सवाल है कि गठबंधन में जो भी रहेगा उसका सम्मान होगा और जो भी नए लोग आएंगे उनका स्वागत किया जाएगा.
नतीजा जो भी हो. लेकिन इतना तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में कई दिलचस्प मोड़ आने वाले हैं.