पटना: पहले जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी और अब कांग्रेस ने भी कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग उठाकर आरजेडी के पाले में गेंद डाल दी है. विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल के लिए सबको साथ लेकर चलने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाना अब मजबूरी बनता दिख रहा है.
दरअसल, कोआर्डिनेशन कमिटी की मांग महागठबंधन के लिए कोई नई नहीं है. चुनाव के बहुत पहले से ही जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा इसके लिए आवाज उठाते रहे हैं. मांझी ने तो आरजेडी को अल्टीमेटम दे रखा है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने जबसे कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग की है, उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के नेता भी इस बारे में आरजेडी से जल्द प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. बावजूद इसके राष्ट्रीय जनता दल ने आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
'सहयोगी दल रहें साथ'
आरजेडी नेता भोला यादव ने इस बारे में तेजस्वी यादव का नाम लेते हुए सवाल टाल दिया. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि हम चाहते हैं कि सभी सहयोगी दल साथ रहें. वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि महागठबंधन के तमाम दलों की सार्थक बातचीत हुई है. जिसमें कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने की बात पर सहमति बनी है.
'तेजस्वी हो चुके हैं फेल'
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब तेजस्वी यादव से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने इस मामले में बिल्कुल चुप्पी साध रखी. ऐसे में अब महागठबंधन के सबसे बड़े दल के रूप में आरजेडी इस पर कब फैसला लेता है. इसका सबको इंतजार है. इधर भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव पर तंज कसा है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि तेजस्वी महागठबंधन के नेता के रूप में पूरी तरह फेल हो चुके हैं. आरजेडी को तुरंत अपना नेतृत्व बदलना चाहिए.