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पटना: लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल, बमुश्किल चला पा रहे हैं घर-परिवार

लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों के हालत खराब हैं. लॉकडाउन के चलते लोग गाड़ी लेकर नहीं निकल रहे हैं. निकलते ही पुलिस पकड़ ले रही है. ऐसे में मैकेनिकों को ना के बराबर आमदनी हो रही है.

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Published : May 25, 2021, 8:06 AM IST

पटना: बिहार में संक्रमण के दर को कम करने के लिए बिहार सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 1 जून तक बढ़ा दिया है. ऐसे में पिछले महीने से लागू लॉकडाउन के कारण गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल हैं. इनके लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी कठिन हो रहा है.

ये भी पढ़ें- बेगूसराय: गाड़ी का किराया मांगने को लेकर विवाद, 5 लोग घायल

एक भी गाड़ी मरम्मत के लिए आये तो किस्मत
मैकेनिकों का कहना है कि आज के हालात में एक गाड़ी भी अगर रिपेयर के लिए दुकान पर आ जाती है तो वे उसे अपनी किस्मत मानते हैं. पटना के एग्जीबिशन रोड पर पिछले कई वर्षों से गाड़ियों काे रिपेयर कर रहे संतोष कुमार कहते हैं आज की स्थिति में वह तय समय पर अपनी दुकान तो जरूर खोलते हैं लेकिन बमुश्किल से एक दो गाड़ियां ही आती है. इससे उनका घर-परिवार बड़ी मुश्किल से चल रहा है.

लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल
लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल

लॉकडाउन में कमाई में भारी कमी
वहीं, पटना के भट्टाचार्या रोड स्थित बुलेट रिपेयर वर्कशॉप चला रहे महताब कहते है कि लॉकडाउन के दौरान उनके दुकान में काम करने वाले स्टाफ को सैलरी देने की भी स्थिति नहीं में वे आज नहीं हैं. इस लॉकडाउन के दौरान उनकी और उनके जैसे अन्य गाड़ी मैकेनिकों को हालत काफी खराब हो गई है. किसी तरह अपना घर-परिवार चला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जानिए कैसे चोरों ने फिल्मी अंदाज में उडाया ₹ 48 लाख के पान मसाले से भरी गाड़ी

घर-परिवार चलाने में परेशानी
मेहताब कहते हैं कि एक तो सरकार ने दुकान खोलने की भी समय सीमा तय कर दी है. दूसरी ओर लोग जब गाड़ी लेकर सड़कों पर निकल रहे हैं तो पुलिस उन्हें पकड़ रही है. ऐसे में गाड़ी रिपेयर करने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई है.

पटना: बिहार में संक्रमण के दर को कम करने के लिए बिहार सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 1 जून तक बढ़ा दिया है. ऐसे में पिछले महीने से लागू लॉकडाउन के कारण गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल हैं. इनके लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी कठिन हो रहा है.

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एक भी गाड़ी मरम्मत के लिए आये तो किस्मत
मैकेनिकों का कहना है कि आज के हालात में एक गाड़ी भी अगर रिपेयर के लिए दुकान पर आ जाती है तो वे उसे अपनी किस्मत मानते हैं. पटना के एग्जीबिशन रोड पर पिछले कई वर्षों से गाड़ियों काे रिपेयर कर रहे संतोष कुमार कहते हैं आज की स्थिति में वह तय समय पर अपनी दुकान तो जरूर खोलते हैं लेकिन बमुश्किल से एक दो गाड़ियां ही आती है. इससे उनका घर-परिवार बड़ी मुश्किल से चल रहा है.

लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल
लॉकडाउन में गाड़ी मैकेनिकों का हाल-बेहाल

लॉकडाउन में कमाई में भारी कमी
वहीं, पटना के भट्टाचार्या रोड स्थित बुलेट रिपेयर वर्कशॉप चला रहे महताब कहते है कि लॉकडाउन के दौरान उनके दुकान में काम करने वाले स्टाफ को सैलरी देने की भी स्थिति नहीं में वे आज नहीं हैं. इस लॉकडाउन के दौरान उनकी और उनके जैसे अन्य गाड़ी मैकेनिकों को हालत काफी खराब हो गई है. किसी तरह अपना घर-परिवार चला रहे हैं.

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घर-परिवार चलाने में परेशानी
मेहताब कहते हैं कि एक तो सरकार ने दुकान खोलने की भी समय सीमा तय कर दी है. दूसरी ओर लोग जब गाड़ी लेकर सड़कों पर निकल रहे हैं तो पुलिस उन्हें पकड़ रही है. ऐसे में गाड़ी रिपेयर करने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई है.

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